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लाभार्थियों की जांच में फंसा कांशीराम आवासों का आवंटन

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Published : Dec 15, 2020, 11:49 AM IST

करीब 9 वर्षों पहले प्रदेश में बसपा शासन के दौरान 96 आवास बने थे. तब तैयार आवासों में पानी की टंकी व खिड़कियों के शीशे नहीं लगे थे. जिससे 9 वर्ष बाद भी उन्हें गरीबों को दिए जाने की नौबत नहीं आ सकी. करोड़ों की लागत के आवास इस अवधि में जीर्णशीर्ण हो गए. कहीं खिड़कियां तो कहीं दरवाजे टूट गए. कहीं फर्श उखड़ गया ड्रेन पाइप तो सभी आवासों के टूट गए.

फर्रुखाबाद में कांशीराम आवासों का आवंटन
फर्रुखाबाद में कांशीराम आवासों का आवंटन

लखनऊः यूपी के फर्रुखाबाद जिले में बेघर शहरी निर्धनों को मिलने वाले कांशीराम आवासों का आवंटन अब राजस्व विभाग द्वारा लाभार्थियों की जांच में फंसा है. 9 वर्ष पहले बने 96 आवास आवंटन से पहले ही खंडहर होने लगे थे. इस वर्ष इन आवासों का जीर्णोद्धार कर इन्हें फिर से रहने लायक बनाया गया है. लेकिन अब पुराने आवंटन की जांच के लिए मामला लटकता नजर आ रहा है. इससे इन सर्दियों में भी बेघरों को आवास मिल पाना मुश्किल ही लग रहा है.

करीब 9 वर्षों पहले प्रदेश में बसपा शासन के दौरान 96 आवास बने थे. तब तैयार आवासों में पानी की टंकी व खिड़कियों के शीशे नहीं लगे थे. जिससे 9 वर्ष बाद भी उन्हें गरीबों को दिए जाने की नौबत नहीं आ सकी. करोड़ों की लागत के आवास इस अवधि में जीर्णशीर्ण हो गए. कहीं खिड़कियां तो कहीं दरवाजे टूट गए. कहीं फर्श उखड़ गया ड्रेन पाइप तो सभी आवासों के टूट गए.

फर्रुखाबाद में सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा
फर्रुखाबाद में कांशीराम आवासों का आवंटन

कुछ माह पहले जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह के निर्देशन से संबंधित विभाग डूडा, नगर पालिका व आवास विकास परिषद सक्रिय हुआ और खंडहर में तब्दील हो रहे आवासों का जीर्णोद्धार कर उसमें दरवाजे खिड़कियां, ड्रेन पाइप दुरुस्त आवासों को फिर से रंगाई पुताई, परिसर की सफाई कर उन्हें रहने योग्य बना दिया. इस जीर्णीद्वार के 6 माह बाद भी बेघर लाभार्थियों को आवंटित आवास मिलने की वजह पत्रावलियों में बंद है.

वहीं परियोजना अधिकारी डूडा जय सिंह ने बताया 96 आवासों में से 62 का आवंटन तो पहले हो चुका है. लेकिन कार्य पूर्ण होने के कारण संबंधित लाभार्थी को इनका कब्जा नहीं मिल सका है. अब यह देखा जाना है कि इन 62 लाभार्थियों को किसी अन्य योजना में आवास तो नहीं मिल गया. इस के लिए 62 लाभार्थियों की सूची व नए पात्रों की सूची जांच के लिए राजस्व विभाग को भेजी गई है.

लखनऊः यूपी के फर्रुखाबाद जिले में बेघर शहरी निर्धनों को मिलने वाले कांशीराम आवासों का आवंटन अब राजस्व विभाग द्वारा लाभार्थियों की जांच में फंसा है. 9 वर्ष पहले बने 96 आवास आवंटन से पहले ही खंडहर होने लगे थे. इस वर्ष इन आवासों का जीर्णोद्धार कर इन्हें फिर से रहने लायक बनाया गया है. लेकिन अब पुराने आवंटन की जांच के लिए मामला लटकता नजर आ रहा है. इससे इन सर्दियों में भी बेघरों को आवास मिल पाना मुश्किल ही लग रहा है.

करीब 9 वर्षों पहले प्रदेश में बसपा शासन के दौरान 96 आवास बने थे. तब तैयार आवासों में पानी की टंकी व खिड़कियों के शीशे नहीं लगे थे. जिससे 9 वर्ष बाद भी उन्हें गरीबों को दिए जाने की नौबत नहीं आ सकी. करोड़ों की लागत के आवास इस अवधि में जीर्णशीर्ण हो गए. कहीं खिड़कियां तो कहीं दरवाजे टूट गए. कहीं फर्श उखड़ गया ड्रेन पाइप तो सभी आवासों के टूट गए.

फर्रुखाबाद में सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा
फर्रुखाबाद में कांशीराम आवासों का आवंटन

कुछ माह पहले जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह के निर्देशन से संबंधित विभाग डूडा, नगर पालिका व आवास विकास परिषद सक्रिय हुआ और खंडहर में तब्दील हो रहे आवासों का जीर्णोद्धार कर उसमें दरवाजे खिड़कियां, ड्रेन पाइप दुरुस्त आवासों को फिर से रंगाई पुताई, परिसर की सफाई कर उन्हें रहने योग्य बना दिया. इस जीर्णीद्वार के 6 माह बाद भी बेघर लाभार्थियों को आवंटित आवास मिलने की वजह पत्रावलियों में बंद है.

वहीं परियोजना अधिकारी डूडा जय सिंह ने बताया 96 आवासों में से 62 का आवंटन तो पहले हो चुका है. लेकिन कार्य पूर्ण होने के कारण संबंधित लाभार्थी को इनका कब्जा नहीं मिल सका है. अब यह देखा जाना है कि इन 62 लाभार्थियों को किसी अन्य योजना में आवास तो नहीं मिल गया. इस के लिए 62 लाभार्थियों की सूची व नए पात्रों की सूची जांच के लिए राजस्व विभाग को भेजी गई है.
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