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फर्रुखाबादः नहीं थे इलाज के लिये पैसे, बुग्गी चालक ने की खुदकुशी

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक बुग्गी चालक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बुग्गी चालक ने गरीबी और बीमारी से तंग आकर आत्महत्या का कदम उठाया.

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Published : Nov 18, 2019, 2:41 PM IST

बुग्गी चालक ने की खुदकुशी.

फर्रुखाबाद: जिले में गरीबी और बीमारी से परेशान एक 55 वर्षीय बुग्गी चालक रामवीर प्रजापति ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. डॉक्टर ने 55 वर्षीय बुग्गी चालक को कैंसर के ऑपरेशन के लिए ढाई लाख का खर्च बताया था. बुग्गी चालक के परिजनों द्वारा इतने पैसों का इंतजाम करना मुश्किल था, जिसके चलते 55 वर्षीय रामवीर प्रजापति ने बीमारी और गरीबी से तंग आकर फांसी पर लगाकर जान दे दी.

ईटों की ढुलाई करता था रामवीर-

  • ग्राम भटासा निवासी रामवीर प्रजापति करीब एक वर्ष से बीमार चल रहे थे.
  • मृतक रामवीर घोड़ा बुग्गी से ईटों की ढुलाई कर अपने परिवार का पेट पालता था.
  • शनिवार देर शाम वह अपने घर से निकल गए, जिसके बाद देर रात तक वह घर नहीं पहुंचे.
  • इसके बाद परिजनों ने रामवीर की खोज शुरू की.
  • रविवार के दिन परिजनों को रामवीर का शव गांव के निकट नहर पुलिया के पास एक बाग में पेड़ की रस्सी से लटकता मिला.
  • रामवीर का शव मिलने की जानकारी पुलिस को दी गई.
  • दारोगा संतोष कुमार ने शव को रस्सी के फंदे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया.
  • मृतक के पुत्र राहुल ने बताया कि तकरीबन एक वर्ष पहले उसके पिता के जीभ में दाने जैसा छाला हो गया था.
  • आठ बेटियों और दो बेटों की परवरिश करने वाले रामवीर ने बीमारी और गरीबी से तंग आकर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.

फर्रुखाबाद: जिले में गरीबी और बीमारी से परेशान एक 55 वर्षीय बुग्गी चालक रामवीर प्रजापति ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. डॉक्टर ने 55 वर्षीय बुग्गी चालक को कैंसर के ऑपरेशन के लिए ढाई लाख का खर्च बताया था. बुग्गी चालक के परिजनों द्वारा इतने पैसों का इंतजाम करना मुश्किल था, जिसके चलते 55 वर्षीय रामवीर प्रजापति ने बीमारी और गरीबी से तंग आकर फांसी पर लगाकर जान दे दी.

ईटों की ढुलाई करता था रामवीर-

  • ग्राम भटासा निवासी रामवीर प्रजापति करीब एक वर्ष से बीमार चल रहे थे.
  • मृतक रामवीर घोड़ा बुग्गी से ईटों की ढुलाई कर अपने परिवार का पेट पालता था.
  • शनिवार देर शाम वह अपने घर से निकल गए, जिसके बाद देर रात तक वह घर नहीं पहुंचे.
  • इसके बाद परिजनों ने रामवीर की खोज शुरू की.
  • रविवार के दिन परिजनों को रामवीर का शव गांव के निकट नहर पुलिया के पास एक बाग में पेड़ की रस्सी से लटकता मिला.
  • रामवीर का शव मिलने की जानकारी पुलिस को दी गई.
  • दारोगा संतोष कुमार ने शव को रस्सी के फंदे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया.
  • मृतक के पुत्र राहुल ने बताया कि तकरीबन एक वर्ष पहले उसके पिता के जीभ में दाने जैसा छाला हो गया था.
  • आठ बेटियों और दो बेटों की परवरिश करने वाले रामवीर ने बीमारी और गरीबी से तंग आकर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.
Intro:एंकर-यूपी के फर्रुखाबाद में गरीबी से परेशान एक शख्स का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. 55 वर्षीय बुग्गी चालक को कैंसर के ऑपरेशन के लिए ढाई लाख का खर्च बताया गया था. परिवार वालों के लिए इतने पैसों का इंतजाम करना मुश्किल था. आठ बेटियों व दो बेटों की जैसे तैसे परवरिश करने वाले ग्रामीण ने बीमारी व गरीबी से तंग आकर फांसी पर लटक कर जान दे दी.
Body:वीओ-जानकारी के मुताबिक, ग्राम भटासा निवासी रामवीर प्रजापति करीब एक वर्ष से बीमार चल रहे थे. घोड़ा बुग्गी से ईटों की ढुलाई करके रामवीर अपने परिवार का खर्च चलाते थे. रोजाना की शनिवार की शाम वह घर से निकल गए. इसके बाद देर रात तक घर नहीं पहुंचे. अगले दिन रविवार को परिजन आसपास के गांव में उनकी तलाश कर रहे थे. इसी बीच किसी ने गांव के निकट नहर पुलिया के पास बाग में एक पेड़ पर रस्सी से लटकता उनका शव देखे जाने की जानकारी दी. मौके पर पत्नी गुड्डी देवी व अन्य परिवार वाले पहुंचे. जहां रामवीर का शव फंदे के सहारे लटका देख परिजनों के होश उड़ गए. घटना की सूचना पुलिस को दी गई. कोतवाली के दारोगा संतोष कुमार ने रस्सी के फंदे से लटक रहे शव को उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. मृतक के पुत्र राहुल ने बताया कि तकरीबन एक वर्ष पहले जीभ में दाने जैसा छाला हो गया था.

Conclusion:डॉक्टर ने जांच कराकर कैंसर बताया, जिसके ऑपरेशन के लिए ढाई लाख का खर्च बताया गया था. गरीबी के कारण ऑपरेशन का खर्च नहीं जुटा पाने से परेशान होकर रामवीर ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. दो बेटियों की शादी के लिए उन्होंने जमीन भी बेच दिया था.

बाइट- राहुल कुमार, पुत्र
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