फर्रुखाबाद: जिले में गरीबी और बीमारी से परेशान एक 55 वर्षीय बुग्गी चालक रामवीर प्रजापति ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. डॉक्टर ने 55 वर्षीय बुग्गी चालक को कैंसर के ऑपरेशन के लिए ढाई लाख का खर्च बताया था. बुग्गी चालक के परिजनों द्वारा इतने पैसों का इंतजाम करना मुश्किल था, जिसके चलते 55 वर्षीय रामवीर प्रजापति ने बीमारी और गरीबी से तंग आकर फांसी पर लगाकर जान दे दी.
ईटों की ढुलाई करता था रामवीर-
- ग्राम भटासा निवासी रामवीर प्रजापति करीब एक वर्ष से बीमार चल रहे थे.
- मृतक रामवीर घोड़ा बुग्गी से ईटों की ढुलाई कर अपने परिवार का पेट पालता था.
- शनिवार देर शाम वह अपने घर से निकल गए, जिसके बाद देर रात तक वह घर नहीं पहुंचे.
- इसके बाद परिजनों ने रामवीर की खोज शुरू की.
- रविवार के दिन परिजनों को रामवीर का शव गांव के निकट नहर पुलिया के पास एक बाग में पेड़ की रस्सी से लटकता मिला.
- रामवीर का शव मिलने की जानकारी पुलिस को दी गई.
- दारोगा संतोष कुमार ने शव को रस्सी के फंदे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया.
- मृतक के पुत्र राहुल ने बताया कि तकरीबन एक वर्ष पहले उसके पिता के जीभ में दाने जैसा छाला हो गया था.
- आठ बेटियों और दो बेटों की परवरिश करने वाले रामवीर ने बीमारी और गरीबी से तंग आकर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.