फर्रुखाबाद: कोरोना वायरस के बढ़े मामलों के मद्देनजर यूपी की जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर कारागार विभाग के मुख्यालय ने 65 वर्ष से अधिक और बीमार बंदियों का डाटा मांगा है. फर्रुखाबाद जिले की दोनों जेलों से कुल 371 कैदियों का डाटा कारागार विभाग के मुख्यालय को भेजा गया है. हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद कैदियों की रिहाई पर फैसला होगा.
प्रदेश की ज्यादातर जेलों मे क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. ऐसे में जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते हाईकोर्ट के निर्देश पर कारागार विभाग के मुख्यालय ने फर्रुखाबाद की जिला कारागार और सेन्ट्रल जेल से 65 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले और बीमारियों से ग्रसित कैदियों का डाटा मांगा गया. जिसके बाद जिला कारागार और सेन्ट्रल जेल में बंद कैदियों की रिहाई की उम्मीद जगी है. जिला जेल से मुख्यालय को कुल 41 कैदियों का डाटा भेजा गया है. जिनमें से 65 वर्ष से अधिक उम्र के 29 सजायाफ्ता और 6 हवालाती और 6 गंभीर बीमारी से पीड़ित कैदी शामिल हैं. इसके साथ ही केन्द्रीय कारागार से 15 गंभीर बीमार और 65 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके 315 कैदियों का डाटा भेजा गया है.
सेन्ट्रल जेल में 122 और कैदियों नें जीती कोरोना की जंग
बीते दिनों सेन्ट्रल जेल में फूटे कोरोना बम के बाद अब यहां कोरोना का संक्रमण काफी हद तक नियंत्रण में आ गया है है. बुधवार रात आई 13 कैदियों की जांच रिपोर्ट में एक भी कैदी कोरोना पॉजिटिव नहीं निकला. वहीं 122 कोरोना संक्रमित कैदियों के स्वस्थ्य होने की पुष्टि जेल अधीक्षक ने की है. फर्रुखाबाद सेंट्रल जेल में अब तक कुल 839 कोरोना पॉजिटिव निकल चुके है. जिनमें से 370 कैदियों कोरोना से जंग को जीत चुके हैं.
सेन्ट्रल जेल के अधीक्षक एचएसएम रिजवी ने बताया की मुख्यालय द्वारा गंभीर बीमार और 65 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके कैदियों का डाटा मांगा गया था. जिसे भेज दिया गया है. वहीं कोरोना के चलते 122 नए कैदी स्वस्थ्य हुए है.