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फर्रुखाबादः 44 माह से लापता सिपाही की मौत, बिना ड्यूटी मिला 17 लाख वेतन

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद पुलिस लाइन से 4 अप्रैल 2016 को जहानगंज थाने पर तबादले पर भेजा गया सिपाही साढ़े तीन वर्ष तक लापता रहा. पुलिस विभाग ने सिपाही को इस कार्यकाल में बिना ड्यूटी के 17 लाख 22 हजार वेतन भुगतान कर दिया. शुक्रवार को सिपाही की बीमारी से मौत की खबर आई तो अधिकारियों के होश उड़ गए.

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44 माह से लापता सिपाही को मिलता रहा वेतन.
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Published : Dec 19, 2019, 12:52 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले में 4 अप्रैल 2016 को पुलिस लाइन से जहानगंज थाने में तबादले पर भेजा गया सिपाही 44 माह तक लापता रहा. पुलिस विभाग ने तीन साल से अधिक समय बिना ड्यूटी करे गायब रहे इस सिपाही को 17 लाख 22 हजार रुपये का वेतन भुगतान कर दिया. इसके बाद अब सिपाही की बीमारी से मौत की खबर आई तो अधिकारियों के होश उड़ गए. पुलिस लाइन के जीडी कार्यालय, कैश पटल व अकाउंट शाखा में अफरा-तफरी मची हुई है.

44 माह से लापता सिपाही को मिलता रहा वेतन.

44 माह से लापता सिपाही को मिलता रहा वेतन

  • कानपुर देहात के कपूरपुर निवासी सिपाही नरेश सिंह 15 मई 1995 को पुलिस में सिपाही के पद भर्ती हुआ था.
  • सिपाही की पहली तैनाती कन्नौज में हुई थी.
  • वह आगरा, औरैया के बाद फतेहगढ़ तबादले पर आए थे.
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खोले गए खाते में सिपाही का पता बूरामऊ शिवराजपुर लिखा हुआ है.
  • पुलिस लाइन से 4 अप्रैल को नरेश सिंह समेत 29 सिपाहियों की अलग-अलग थानों में तैनाती की गई थी.
  • नरेश ने जहानगंज थाने में ड्यूटी ज्वाइन करने की वजाय वह गैर हाजिर हो गया.
  • 44 माह से सिपाही के खाते से वेतन निकाला जाता रहा.
  • इसके बाद अब सिपाही की बीमारी से मौत की खबर आई तो अधिकारियों के होश उड़ गए.

बता दें कि सिपाही की मृत्यु से तीन दिन पूर्व यानी 10 दिसंबर को कन्नौज की एसबीआई शाखा से 30,000 रुपये निकाले गए. इस समय सिपाही के खाते में 30 हजार रुपये है.

इसे भी पढ़ें- फर्रुखाबाद: कड़ाके की ठंड के चलते 21 दिसंबर तक स्कूल बंद, डीएम ने दिए आदेश

मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
-डॉ.अनिल कुमार मिश्र, एसपी, फर्रुखाबाद

फर्रुखाबाद: जिले में 4 अप्रैल 2016 को पुलिस लाइन से जहानगंज थाने में तबादले पर भेजा गया सिपाही 44 माह तक लापता रहा. पुलिस विभाग ने तीन साल से अधिक समय बिना ड्यूटी करे गायब रहे इस सिपाही को 17 लाख 22 हजार रुपये का वेतन भुगतान कर दिया. इसके बाद अब सिपाही की बीमारी से मौत की खबर आई तो अधिकारियों के होश उड़ गए. पुलिस लाइन के जीडी कार्यालय, कैश पटल व अकाउंट शाखा में अफरा-तफरी मची हुई है.

44 माह से लापता सिपाही को मिलता रहा वेतन.

44 माह से लापता सिपाही को मिलता रहा वेतन

  • कानपुर देहात के कपूरपुर निवासी सिपाही नरेश सिंह 15 मई 1995 को पुलिस में सिपाही के पद भर्ती हुआ था.
  • सिपाही की पहली तैनाती कन्नौज में हुई थी.
  • वह आगरा, औरैया के बाद फतेहगढ़ तबादले पर आए थे.
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खोले गए खाते में सिपाही का पता बूरामऊ शिवराजपुर लिखा हुआ है.
  • पुलिस लाइन से 4 अप्रैल को नरेश सिंह समेत 29 सिपाहियों की अलग-अलग थानों में तैनाती की गई थी.
  • नरेश ने जहानगंज थाने में ड्यूटी ज्वाइन करने की वजाय वह गैर हाजिर हो गया.
  • 44 माह से सिपाही के खाते से वेतन निकाला जाता रहा.
  • इसके बाद अब सिपाही की बीमारी से मौत की खबर आई तो अधिकारियों के होश उड़ गए.

बता दें कि सिपाही की मृत्यु से तीन दिन पूर्व यानी 10 दिसंबर को कन्नौज की एसबीआई शाखा से 30,000 रुपये निकाले गए. इस समय सिपाही के खाते में 30 हजार रुपये है.

इसे भी पढ़ें- फर्रुखाबाद: कड़ाके की ठंड के चलते 21 दिसंबर तक स्कूल बंद, डीएम ने दिए आदेश

मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
-डॉ.अनिल कुमार मिश्र, एसपी, फर्रुखाबाद

Intro:एंकर-यूपी के फर्रुखाबाद में 4 अप्रैल 2016 को पुलिस लाइन से जहानगंज थाने में तबादले पर भेजा गया सिपाही 44 माह तक लापता रहा. पुलिस विभाग ने तीन साल से अधिक समय बिना ड्यूटी करे गायब रहे इस सिपाही को 17 लाख 22 हजार रूपये का वेतन भुगतान कर दिया. इसके बाद अब सिपाही की बीमारी से मौत की खबर आई तो अधिकारियों के होश उड़ गए. पुलिस लाइन के जीडी कार्यालय, कैश पटल व अकाउंट शाखा में अफरातफरी मची हुई है.
Body:वीओ- कानपुर देहात के कपूरपुर निवासी सिपाही नरेश सिंह 15 मई 1995 को पुलिस में सिपाही के पद भर्ती हुआ था. उनकी पहली तैनाती कन्नौज में हुई थी. वह आगरा, औरैया के बाद फतेहगढ़ तबादले पर आए थे. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खोले गए खाते में सिपाही का पता बूरामऊ शिवराजपुर लिखा हुआ है. पुलिस लाइन से चार अप्रैल को नरेश सिंह समेत 29 सिपाहियों की अलग-अलग थानों में तैनाती की गई थी, लेकिन नरेश ने जहानगंज थाने में ड्यूटी ज्वाइन करने की वजाय वह गैर हाजिर हो गया. 44 माह से सिपाही के खाते से वेतन निकाला जाता रहा.एसपी डाॅ.अनिल कुमार मिश्र के अनुसार, मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
Conclusion:
पुलिसकर्मियों की साठगांठ से कागजों पर चलती रही ड्यूटी-पुलिस लाइन के कर्मचारियों व अधिकारियों से साठगांठ करके नरेश बिना ड्यूटी के साढ़े तीन साल तक वेतन लेते रहे.हर महीने की 20 तारीख को सैलरी बैंक खाते में भेजी जाती रही और सिपाही को बिना ड्यूटी के 41 हजार रुपये का मासिक वेतन मिलता रहा.
44 माह से एक थाने में तैनात सिपाही से अंजान अधिकारी-अब सवाल यह उठता है कि आखिर एक ही थाने में 44 माह से तैनात सिपाही का तबादला क्यों नहीं किया गया. साथ ही सिपाही पुलिस वर्दी भत्ता भी 1250 रुपये लेता रहा. इतना समय बीत जाने के बाद भी किसी अधिकारी की नजर इस ओर क्यो नहीं गई.बता दें कि सिपाही की मृत्यु से तीन दिन पूर्व यानी 10 दिसंबर को कन्नौज की एसबीआइ शाखा से 30,000 रुपये निकाले गए.इस समय सिपाही के खाते में 30 हजार रुपये है.

बाइट- डाॅ.अनिल कुमार मिश्र,एसपी
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