इटावा: पुलिस के साथ मिलकर कानून का राज स्थापित करने में अहम रोल निभाने वाले चौकीदार पिछले 15 दिनों से कचहरी में बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार से नाराज चौकीदारों की मांग है कि उनकी नौकरी को स्थायी किया जाए. जिससे वे अच्छे से अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें.
चौकीदारों का कहना है कि-
- हम लोग कानून स्थापित करने में सहयोग देते हैं.
- पुलिस का पूरा सहयोग करते हैं और अपना पूरा समय भी देते हैं.
- हमें स्थायी करने के बारे में नहीं सोचा जा रहा है.
- 2500 रुपये वेतन से बच्चे नहीं पढ़ सकते, परिवार नहीं पल सकता है.
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चौकीदारों का वेतन बढ़ नहीं रहा है. पहले 5 रुपये मिलता था. आज सिर्फ 2500 रुपये ही मिल रहे हैं. इतने पैसों से परिवार नहीं चलता है.
अजय पाल सिंह, चौकीदार2009 में सूबे की मायावती सरकार में प्रदेश के 44 चौकीदारों को परमानेंट किए गए थे, तब से किसी भी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है.
अर्जुन सिंह शाक्य, चौकीदारथाने और गांव के बीच की मजबूत कड़ी के रूप में ये चौकीदार होते हैं. कानून का राज स्थापित करने में चुनाव से लेकर छोटी-छोटी घटनाओं के वर्क आउट में ये चौकीदार पुलिस की मदद करते हैं.
रामयश सिंह, एसपी सिटी