इटावा: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को इटावा के सैफई में मतदान किया. अखिलेश ने पत्नी डिंपल यादव के साथ जसवंतनगर विधानसभा के सैफई मतदान केंद्र में वोट डाला. इस दौरान उनके साथ पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव व तेज प्रताप सिंह यादव भी मौजूद थे. जसवंतनगर से शिवपाल सिंह यादव प्रत्याशी हैं. मतदान के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश से भाजपा का सफाया होने जा रहा है. हमने पहले दो चरण के मतदान में शतक लगाया है. इस चरण में भी सपा और गठबंधन बाकी सभी से आगे होगा. वहीं, भाजपा पदाधिकारियों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सपा मुखिया पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है.
वहीं, अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव में मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भी हैं. उनके खिलाफ केन्द्र सरकार में मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल भाजपा के प्रत्याशी हैं. इटावा के सैफई में इससे पहले मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई अभय राम यादव ने वोट डाला. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार बन रही है. शिवपाल यादव और अखिलेश दोनों एक लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज करने जा रहे हैं.
इधर, इससे पहले शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव ने भी एक साथ सैफई पहुंचकर मतदान किया. इस दौरान मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए शिवपाल यादव ने कहा कि इस बार विधानसभा में पूर्ण बहुमत से अखिलेश यादव की सरकार बन रही है. अखिलेश यादव ने जो गठबंधन बनाया है उसकी बहुत बड़ी जीत होगी. उन्होंने मैनपुरी जनपद की करहल विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल को लेकर कहा कि उनकी तो जमानत जब्त होगी.
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भारतीय जनता पार्टी ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर अभद्रता के आरोप लगाए हैं. इसको लेकर बीजेपी पदाधिकारियों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की है. पत्र में लिखा गया है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अमर्यादित भाषा और आचरण के जरिए आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्होंने सैफई बूथ नं. 239 में वोट डालने के बाद मतदान बूथ के 100 मीटर के दायरे में मीडिया को बुलाकर पार्टी का प्रचार किया.
पत्र में लिखा कि बूथ के 100 मीटर के दायरे में चुनाव से 48 घंटे पहले तक प्रचार वर्जित है, लेकिन उन्होंने मीडिया को बुलाकर पूरा राजनैतिक भाषण दिया. यह उनकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए सोची-समझी योजना थी. भारतीय जनता पार्टी ने इस पर अखिलेश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है.
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