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लोग अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट देंगे तो विपक्ष का उम्मीदवार राष्ट्रपति बनेगा - राम गोपाल यादव

सोमवार को सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव इटावा पहुंचे. इटावा दौरे पर पहुंचकर उन्होंने पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की.

सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव
सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव
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Published : Jul 11, 2022, 3:56 PM IST

इटावा : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि 18 तारीख को राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है. इस चुनाव में यदि लोगों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट दिया, तो हमारा उम्मीदवार जीतेगा. उन्होंने कहा कि बीजेडी और बाईएसआर रेड्डी की पार्टी बीजेपी को सपोर्ट नहीं करेगी, तो एनडीए का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार हार जाएगा. इसी बजह से बीजेपी ने बीजेडी के उम्मीदवार को अपना प्रत्याशी चुना है.

राम गोपाल यादव ने कहा कि विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद के लिए एक सशक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को चुना है. यशवंत सिन्हा काफी वरिष्ठ नेता हैं. उन्होंने कई बड़े विभागों का नेतृत्व किया है. सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने ये बातें इटावा दौरे के समय पार्टी द्वारा चलाए सदस्यता अभियान के दौरान कहीं.

सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव

इसे पढ़ें- अखिलेश यादव ने शुरू किया समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान, संगठन मजबूत करने की कवायद

राम गोपाल यादव सोमवार को पार्टी की आला कमान के निर्देश पर इटावा में सदस्यता अभियान कार्यक्रम में शामिल हुए थे. कार्यक्रम में सबसे पहले सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने स्वयं पार्टी की सदस्यता का फार्म भरा. इसके बाद सैंकड़ों लोगों ने समाजवादी पार्टी का सदस्यता फार्म भरा. राम गोपाल यादव ने बताया कि पार्टी हर 5 साल में यह सदस्यता अभियान नए सिरे से चलाया जाता है. यह अभियान चलाकर लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाती है. 2024 मे होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राम गोपाल यादव ने कहा कि तमाम बीजेपी विरोधी दलों से बात की जाएगी. आगामी समय में पूरी ताकत से चुनाव लड़ा जाएगा.

गौरतलब है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए सदस्यता अभियान की शुरूआत की है. इससे पहले समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान 2017 में चलाया गया था. उसके बाद से समाजवादी पार्टी ने इस अभियान को नहीं चलाया. अखिलेश यादव के निर्देशन में समाजवादी पार्टी की गतिविधियां आगे बढ़ रही थीं. लेकिन, सदस्य बनाकर संगठन मजबूती का विस्तृत कार्यक्रम नहीं किया गया.

वहीं, 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी हार गई और सरकार बनाने में सफल नहीं हो पाई. इसके अलावा लोकसभा के उपचुनाव में रामपुर और आजमगढ़ जैसी खुद की जीती हुई सीटें भी समाजवादी पार्टी नहीं जीत पाई. इसके बाद अखिलेश यादव ने पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया और अब वह संगठन मजबूती पर न सिर्फ चिंतित हैं, बल्कि सक्रिय होकर काम करना शुरू कर रहे हैं.

इसे पढ़ें- भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर जनता को महंगाई का जानलेवा उपहार मिला : अखिलेश यादव

इटावा : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि 18 तारीख को राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है. इस चुनाव में यदि लोगों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट दिया, तो हमारा उम्मीदवार जीतेगा. उन्होंने कहा कि बीजेडी और बाईएसआर रेड्डी की पार्टी बीजेपी को सपोर्ट नहीं करेगी, तो एनडीए का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार हार जाएगा. इसी बजह से बीजेपी ने बीजेडी के उम्मीदवार को अपना प्रत्याशी चुना है.

राम गोपाल यादव ने कहा कि विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद के लिए एक सशक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को चुना है. यशवंत सिन्हा काफी वरिष्ठ नेता हैं. उन्होंने कई बड़े विभागों का नेतृत्व किया है. सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने ये बातें इटावा दौरे के समय पार्टी द्वारा चलाए सदस्यता अभियान के दौरान कहीं.

सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव

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राम गोपाल यादव सोमवार को पार्टी की आला कमान के निर्देश पर इटावा में सदस्यता अभियान कार्यक्रम में शामिल हुए थे. कार्यक्रम में सबसे पहले सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने स्वयं पार्टी की सदस्यता का फार्म भरा. इसके बाद सैंकड़ों लोगों ने समाजवादी पार्टी का सदस्यता फार्म भरा. राम गोपाल यादव ने बताया कि पार्टी हर 5 साल में यह सदस्यता अभियान नए सिरे से चलाया जाता है. यह अभियान चलाकर लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाती है. 2024 मे होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राम गोपाल यादव ने कहा कि तमाम बीजेपी विरोधी दलों से बात की जाएगी. आगामी समय में पूरी ताकत से चुनाव लड़ा जाएगा.

गौरतलब है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए सदस्यता अभियान की शुरूआत की है. इससे पहले समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान 2017 में चलाया गया था. उसके बाद से समाजवादी पार्टी ने इस अभियान को नहीं चलाया. अखिलेश यादव के निर्देशन में समाजवादी पार्टी की गतिविधियां आगे बढ़ रही थीं. लेकिन, सदस्य बनाकर संगठन मजबूती का विस्तृत कार्यक्रम नहीं किया गया.

वहीं, 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी हार गई और सरकार बनाने में सफल नहीं हो पाई. इसके अलावा लोकसभा के उपचुनाव में रामपुर और आजमगढ़ जैसी खुद की जीती हुई सीटें भी समाजवादी पार्टी नहीं जीत पाई. इसके बाद अखिलेश यादव ने पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया और अब वह संगठन मजबूती पर न सिर्फ चिंतित हैं, बल्कि सक्रिय होकर काम करना शुरू कर रहे हैं.

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