इटावा: जिले के प्राइवेट स्कूलों की ओर से मनमानी फीस वसूलने के विरोध में शुक्रवार को अभिभावकों ने कचहरी परिसर में जाकर ज्ञापन दिया. अभिभावकों का कहना है कि प्राइवेट स्कूल की तरफ से पूरी फीस वसूलना सरासर गलत है, क्योंकि इनके अध्यापकों और अध्यापिकाओं के वेतन के अलावा अन्य उपरोक्त खर्चे न के बराबर हैं. इन सारी बातों को लेकर आज शहर के अध्यापकों ने ज्ञापन दिया है.
कोरोना के दौरान निजी स्कूलों की ओर से मनमाने ढंग से फीस लेने के विरोध में आज शुक्रवार को अनेकों अभिभावकों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी जयदेव सिंह को ज्ञापन सौंपा. अभिभावकों का कहना है कि 22 मार्च 2020 से अभी तक सभी स्कूल और कॉलेज लॉकडाउन चलते बंद हैं तथा सभी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास चल रही है. जिसमें पूरी पढ़ाई अभिभावक घर पर करवा रहे हैं. वहीं सभी प्राइवेट स्कूल वही पुरानी फीस वसूल रहे हैं जो कि लॉकडाउन से पहले थी.
अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान भी स्कूल की तरफ से मेंटेनेंस फीस, लाइब्रेरी फीस, स्पोर्ट्स फीस, एक्टिविटी फीस, इलेक्ट्रिसिटी फीस, एग्जामिनेशन फीस, कंप्यूटर लैब फीस और तमाम फीस वसूली जा रही है जो बिल्कुल गलत है. जब बच्चे स्कूल जा ही नहीं रहे हैं तो स्कूलों की ओर से यह फीस क्यों वसूली जा रही है. कोरोना काल में हम लोगों की आय बहुत कम हो गई है और किसी किसी अभिभावक की तो बंद भी हो गई है. सभी व्यापार चौपट हैं. प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले लोग भी कंपनी तथा ऑफिसों के बंद होने की वजह से तनख्वाह न मिलने से घर पर बैठे हुए हैं.