इटावाः विश्व विख्यात जमुनापारी बकरी को विलुप्तीकरण से बचाने के लिए निरंजन इंटर कालेज राजपुर के प्रांगण में जिला स्तरीय मेला का आयोजन किया गया. एक दशक के अंतराल के बाद लगे इस मेले में दूर दराज क्षेत्रों के व्यापारियों ने हिस्सा लिया. मेले में हंसा प्रजाति के बकरा को उत्तम नस्ल का घोषित किया गया.
इटावा मेले में हंसा प्रजाति के बकरे को देखते लोग. बकरी पालकों की समस्याओं का जिलाधिकारी ने सुनाजिला अधिकारी श्रुति सिंह ने मेले का शुभारंभ किया. मेले में पहुंचे बकरी पालकों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझा. जिलाधिकारी ने बताया कि विलुप्त हो रही जमुनापारी बकरी की प्रजाति को संरक्षित करने के लिए प्रदेश सरकार ने जेनिटेक इंप्रूवमेंट ऑफ गोट एंड शीप योजना लागू की है. बकरी पालन के लिए गांव-गांव जाकर लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. जिससे प्रजाति को बढ़ावा मिल सके और बकरी पालकों को आर्थिक लाभ भी हो. मेले में मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर, उप जिलाधिकारी सत्य प्रकाश मिश्रा क्षेत्राधिकारी पुलिस मस्सा सिंह, डॉक्टर एसपी वर्मा,डॉक्टर विनीत पांडे, डॉक्टर गोपाल दास, डॉ शरद यादव, डॉक्टर सोमेश निगम, डॉ नरेश यादव, डॉक्टर के पी सिंह, डॉक्टर एमपी सिंह, डॉ. प्रमोद सिंह, डॉ. माला सिंह, डॉ. मंजू दोहरे आदि पशुपालन कर्मी मौजूद रहे.
बकरा मेला का शुभारंभ करतीं जिलाधिकारी श्रुति सिंह. साढ़े तीन लाख तक लग चुकी है बकरे की कीमतएक दशक बाद से अधिक समय बाद जमुनापारी बकरी मेला में लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. ब्लॉक से चकरनगर के टिटावली गांव का हंसा प्रजाति का बकरा मेले में सबसे उत्तम नस्ल का चुना गया. उदल सिंह ने बताया कि इस बकरे की कीमत मुंबई में साढे़ तीन लाख रुपये तक लग चुकी है. वह अपने बकरा को 6 लाख रुपये से कम में नहीं बेचेंगे. इस बकरे की उम्र दो बर्ष बताई गई है.
गोट शेड से मिलेगा बढ़ावावैज्ञानिक डॉ. गोपाल दास ने बताया कि जनपद में कई गोट शेड बनवाये गए हैं, जिसमें स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के माध्यम से बकरियों का संरक्षण किया जाता है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के बहुत परिवारों को जमुनापारी बकरी के बारे में जानकारी नहीं है. जो लोग बकरी पालन का व्यवसाय करना चाहते हैं वह इसकी जानकारी करें. इस येाजनार्न्तगत चयनित 30 बकरियों पर 01 बकरा निशुल्क प्रजनन के लिए वितरण किया जाएगा.