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एटा: डायलिसिस यूनिट शुरू, किडनी के मरीजों को मिलेगा लाभ - गंभीर बीमारी

एटा में हिमो डायलिसिस यूनिट की शुरुआत कर दी गई है. अब जिले में भी किडनी की बीमारी झेल रहे मरीजों को डायलिसिस कराने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

एटा में 6 बेड डायलिसिस यूनिट शुरु
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Published : Mar 6, 2019, 9:10 PM IST

एटा: जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की शुरुआत कर दी गई है. इस दौरान किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे पांच मरीजों को भर्ती किया गया. यूनिट की एक शिफ्ट में 6 मरीजों की डायलिसिस की जाएगी, जो पूरी तरह से मुफ्त होगी.

एटा में 6 बेड डायलिसिस यूनिट शुरु

जिले में हिमो डायलिसिस यूनिट बीते दो महीने से बन कर तैयार थी. तकनीशियन और चिकित्सक की कमी के चलते इसको शुरू नहीं किया जा सका था. 6 बेड की इस यूनिट का संचालन पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज संस्था द्वारा किया जा रहा है.

6 बेड के डायलिसिस यूनिट में 5 बेड किडनी की सामान्य बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए होंगे. वहीं एक बेड उन मरीजों के लिए होगा जो किडनी की बीमारी के साथ ही हेपेटाइटिस सी जैसे संक्रमण से ग्रसित होंगे.

पीपीपी मॉडल से शुरुआत:

पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज संस्था द्वारा शुरू हुई डायलिसिस यूनिट में मरीजों को पहले आओ पहले पाओ के हिसाब से इलाज दिया जाएगा. इसके लिए मरीजों को एक रुपए का पर्चा बनवाना होगा. उसके बाद जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से संपर्क करना होगा.

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अनुमति के बाद डायलिसिस यूनिट के लिए तैनात नोडल अधिकारी मरीज की पूरी जांच जिला अस्पताल से कराएगा. उसके बाद मरीज को डायलिसिस का समय निर्धारित करेगा.

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एटा: जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की शुरुआत कर दी गई है. इस दौरान किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे पांच मरीजों को भर्ती किया गया. यूनिट की एक शिफ्ट में 6 मरीजों की डायलिसिस की जाएगी, जो पूरी तरह से मुफ्त होगी.

एटा में 6 बेड डायलिसिस यूनिट शुरु

जिले में हिमो डायलिसिस यूनिट बीते दो महीने से बन कर तैयार थी. तकनीशियन और चिकित्सक की कमी के चलते इसको शुरू नहीं किया जा सका था. 6 बेड की इस यूनिट का संचालन पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज संस्था द्वारा किया जा रहा है.

6 बेड के डायलिसिस यूनिट में 5 बेड किडनी की सामान्य बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए होंगे. वहीं एक बेड उन मरीजों के लिए होगा जो किडनी की बीमारी के साथ ही हेपेटाइटिस सी जैसे संक्रमण से ग्रसित होंगे.

पीपीपी मॉडल से शुरुआत:

पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज संस्था द्वारा शुरू हुई डायलिसिस यूनिट में मरीजों को पहले आओ पहले पाओ के हिसाब से इलाज दिया जाएगा. इसके लिए मरीजों को एक रुपए का पर्चा बनवाना होगा. उसके बाद जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से संपर्क करना होगा.

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अनुमति के बाद डायलिसिस यूनिट के लिए तैनात नोडल अधिकारी मरीज की पूरी जांच जिला अस्पताल से कराएगा. उसके बाद मरीज को डायलिसिस का समय निर्धारित करेगा.

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एटा के जिला अस्पताल में आज डायलिसिस यूनिट की शुरुआत कर दी गई। इस दौरान किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे 5 मरीजों को भर्ती किया गया है। जिनकी डायलिसिस होनी है। डायलिसिस यूनिट में एक शिफ्ट में 6 मरीजों की डायलिसिस की जाएगी । जो की पूरी तरह से मुफ्त होगी। 6 बेड के इस यूनिट का संचालन पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज संस्था द्वारा किया जा रहा है। बता दें हिमो डायलिसिस यूनिट बीते 2 महीने से बन कर तैयार था। लेकिन तकनीशियन व चिकित्सक की कमी के चलते अभी तक इसको शुरू नहीं किया जा सका था। चिकित्सक व तकनीशियन की उपलब्धता के बाद इसे शुरू कर दिया गया है। इस अवसर पर हिमो डायलिसिस यूनिट के ऑपरेशन हेड डॉक्टर मधुसूदन शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की।


Body:वीओ- जिला अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर शुरू हुई डायलिसिस यूनिट में डायलिसिस के मरीजों को पहले आओ पहले पाओ के हिसाब से इलाज दिया जाएगा। इसके लिए मरीजों को एक रुपए का पर्चा बनवाना होगा। उसके बाद जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से संपर्क करना होगा। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अनुमति के बाद डायलिसिस यूनिट के लिए तैनात नोडल अधिकारी मरीज की पूरी जांच जिला अस्पताल से कराएगा। उसके बाद मरीज को डायलिसिस का समय निर्धारित करेगा। बताया जा रहा है की 6 बेड के इस डायलिसिस यूनिट में 5 बेड किडनी की सामान्य बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए होगा। वही एक बेड उन मरीजों के लिए होगा जो किडनी की बीमारी के साथ ही हेपेटाइटिस सी जैसे संक्रमण से ग्रसित होंगे। यहां पर हेपेटाइटिस बी व एचआईवी का संक्रमण झेल रहे मरीजों की डायलिसिस नहीं की जाएगी। साथ ही एक्यूट किडनी फेल्योर के मरीजों की भी डायलिसिस यहां पर नहीं होगी। इस डायलिसिस यूनिट के शुरू हो जाने के बाद एटा जिले के ही नहीं बल्कि आसपास जिले के भी किडनी की बीमारी झेल रहे मरीजों को डायलिसिस कराने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अभी तक यहां के मरीजों को आगरा, दिल्ली या फिर लखनऊ डायलिसिस के लिए जाना पड़ता था।
बाइट: डॉक्टर मधुसूदन शर्मा (ऑपरेशन हेड हीमोडायलिसिस यूनिट, उत्तर प्रदेश)


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