एटा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर राज्य में श्रमिक भरण पोषण योजना शुरू की. इस योजना के तहत दिहाड़ी मजदूरों को 1 हजार रुपये देने की बात कही गई है, लेकिन इस योजना के नाम पर भी जिले में अवैध वसूली का खेल चालू हो गया. इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन फार्म भरवाया जा रहा है. आरोप है कि फॉर्म देने के नाम पर तीस-तीस रुपए वसूले जा रहे हैं. इस मामले में एक कर्मचारी हटाया भी गया है. हालांकि नगर पालिका के ईओ ने कर्मचारी को हटाने का कारण कई शिकायतें मिलना बताया है.
श्रमिक भरण पोषण योजना में घोटाला
दुनिया में कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है. इसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. इसके साथ ही लोगों को घर में रहने की सलाह भी दी गई है. देश के हालात को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य में दिहाड़ी मजदूरों के लिए श्रमिक भरण पोषण योजना शुरू की है.
इसके तहत रोज काम कर अपना भरण-पोषण करने के लिए मजदूरों को 1000 रुपए दिए जाने हैं. इसके लिए फॉर्म भराए जा रहे हैं. इसी के तहत एटा जिले में भी फॉर्म भराए जा रहे हैं. इसके लिए नगर पालिका कार्यालय में मजदूरों का पंजीकरण किया जा रहा है. आरोप है कि फॉर्म देने के नाम पर 30 रुपये प्रत्येक फॉर्म पर लिए जा रहे हैं. पैसे लेने का आरोप नगरपालिका के सुपरवाइजर प्रशांत पर लगा है. शिकायत मिलने के बाद पालिका प्रशासन ने प्रशांत को हटा भी दिया गया है.
कर्मचारी के खिलाफ कई शिकायतें मिली थी. जिसके कारण उसे हटाया गया है. वह कर्मचारी डूडा से नगर पालिका को मिला था. वापस डूडा में भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि वह मौके पर गए थे, लेकिन उनसे किसी व्यक्ति ने फार्म के बदले पैसे लेने की शिकायत नहीं की.
-डॉ. दीप, ईओ,नगर पालिका