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फर्जी मुठभेड़ मामले में IG ने पीड़ितों से ली जानकारी, चारों पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज

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Published : Mar 24, 2021, 8:24 PM IST

उत्तर प्रदेश के एटा जिले में फर्जी मुठभेड़ मामले में आईजी पीयूष मोर्डिया ने पीड़ित के घर पहुंचकर जानकारी ली. वहीं इस मामले में आरोपी 4 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जा रही हैं.

फर्जी मुठभेड़
फर्जी मुठभेड़

एटाः जिले में हुए फर्जी मुठभेड़ मामले में बुधवार को अलीगढ़ रेंज के IG पीयूष मोर्डिया ने पीड़ित के घर पहुंचकर घटना की जानकारी ली. IG ने पीड़ितों को आश्वासन दिया कि दोषी चारों पुलिस कर्मियों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा और फर्जी तरीके से फंसाये गए सभी लोगों की जल्द रिहाई कराई जाएगी. वहीं इस मामले में आरोपी 4 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जा रही हैं. बता दें कि खाना का पैसा मांगने पर पुलिसकर्मियों ने ढाबा मालिक सहित 11 लोगों को फर्जी मुठभेड़ दिखाकर जेल भेज दिया था.

आईजी पीयूष मोर्डिया.

पीड़ित पक्ष के लोग जल्द होंगे रिहा
आईजी पीयूष मोर्डिया ने मीडिया को बताया कि जैसा कि हमें पीड़ित के भाई के प्रार्थना पत्र के आधार पर जानकारी हुई थी कि ढाबे पर पुलिस से विवाद के बाद 11 लोगों पर गलत उद्देश्य से एफआईआर दर्ज की गईं थी. इस मामले का संज्ञान लेते हुए जांच एडिशनल एसपी क्राइम राहुल कुमार को दी गयी थी. उनकी जांच में दोषी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर उनपर संबंधित धाराओं में एफआईआर कर ली गयी है. दोनों पक्षों की विवेचना एटा पुलिस से न कराकर अलीगढ़ ट्रांसफर की गई है. ढाबा मालिक व अन्य 10 लोगों पर हुई एफआईआर को भी जांच के लिए अलीगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया है. पीड़ित पक्ष के लोगों की जल्द ही रिहाई कराई जाएगी और दोषी पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर जल्द ही जेल भेजा जाएगा.

तत्काल एसओजी प्रभारी को भी किया गया लाइन हाजिर
बता दें घटना के समय तैनात तत्कालीन एसओजी प्रभारी प्रदीप कुमार जादौन को भी एसएसपी एटा ने लाइन हाजिर किया है. एसओजी प्रभारी की जिम्मेदारी के बाद उन्हें जैथरा थाना का प्रभारी बनाया गया था. जब मामला ज्यादा तूल पकड़ा तो तत्काल लाइन हाजिर किया गया.

यह है पूरा मामला
पूरा मामला कोतवाली देहात थाना का है. प्रवीण कुमार नाम के एक विकलांग व्यक्ति के द्वारा जिलाधिकारी विभा चहल को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया था.जिसमें उसने बताया कि उसका ढाबा एटा से 5 किलोमीटर दूर आगरा रोड पर खुशाल गढ़ गांव के समीप बना हुआ है. जहां बीते दिनों कोतवाली देहात में तैनात सिपाही शैलेन्द्र यादव और सन्तोष यादव ने होटल पर खाना खाया और जब उसके भाई ने रुपये मांगे तो दोनों सिपाहियों ने उसके भाई की जमकर पिटाई कर दी. इस दौरान उन दोनों ने गाली-गलौज भी की. पीड़ित प्रवीण कुमार ने आरोप लगाते हुए बताया कि दोनों सिपाहियों ने कहा कि 'तेरा ढाबा नहीं चलने देंगे.

4 फरवरी को दिखाया था फर्जी मुठभेड़
पीड़ित ने बताया कि अगले दिन 4 फरवरी को दोपहर 2 बजे थानाध्यक्ष इंद्रेश पाल सिंह ने स्वाट टीम सहित भारी फोर्स के साथ ढ़ाबे पर दबिश दी. इस दौरान पुलिस होटल के कर्मियों सहित होटल पर खाना खा रहे दो बिहार के व्यक्ति और कुछ अन्य ग्राहकों सहित पुलिस लगभग 11 लोगों को उठाकर थाने ले आई. इसमें से एक व्यक्ति को 1 लाख की रिश्वत लेकर छोड़ दिया. जिसके बाद फर्जी मुठभेड़ दिखाकर बंटू नाम के शराब माफिया से अवैध शराब मंगाकर सभी निर्दोषों पर पुलिस ने शराब एवं अन्य मादक पदार्थ की तस्करी दिखाते हुए 6 तमंचे और गांजे की बरामदगी दिखाते हुए जेल भेज दिया.

यह भी पढ़ें-फर्जी मुठभेड़ मामले में 4 सिपाही निलंबित, FIR भी होगा दर्ज

एटाः जिले में हुए फर्जी मुठभेड़ मामले में बुधवार को अलीगढ़ रेंज के IG पीयूष मोर्डिया ने पीड़ित के घर पहुंचकर घटना की जानकारी ली. IG ने पीड़ितों को आश्वासन दिया कि दोषी चारों पुलिस कर्मियों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा और फर्जी तरीके से फंसाये गए सभी लोगों की जल्द रिहाई कराई जाएगी. वहीं इस मामले में आरोपी 4 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जा रही हैं. बता दें कि खाना का पैसा मांगने पर पुलिसकर्मियों ने ढाबा मालिक सहित 11 लोगों को फर्जी मुठभेड़ दिखाकर जेल भेज दिया था.

आईजी पीयूष मोर्डिया.

पीड़ित पक्ष के लोग जल्द होंगे रिहा
आईजी पीयूष मोर्डिया ने मीडिया को बताया कि जैसा कि हमें पीड़ित के भाई के प्रार्थना पत्र के आधार पर जानकारी हुई थी कि ढाबे पर पुलिस से विवाद के बाद 11 लोगों पर गलत उद्देश्य से एफआईआर दर्ज की गईं थी. इस मामले का संज्ञान लेते हुए जांच एडिशनल एसपी क्राइम राहुल कुमार को दी गयी थी. उनकी जांच में दोषी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर उनपर संबंधित धाराओं में एफआईआर कर ली गयी है. दोनों पक्षों की विवेचना एटा पुलिस से न कराकर अलीगढ़ ट्रांसफर की गई है. ढाबा मालिक व अन्य 10 लोगों पर हुई एफआईआर को भी जांच के लिए अलीगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया है. पीड़ित पक्ष के लोगों की जल्द ही रिहाई कराई जाएगी और दोषी पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर जल्द ही जेल भेजा जाएगा.

तत्काल एसओजी प्रभारी को भी किया गया लाइन हाजिर
बता दें घटना के समय तैनात तत्कालीन एसओजी प्रभारी प्रदीप कुमार जादौन को भी एसएसपी एटा ने लाइन हाजिर किया है. एसओजी प्रभारी की जिम्मेदारी के बाद उन्हें जैथरा थाना का प्रभारी बनाया गया था. जब मामला ज्यादा तूल पकड़ा तो तत्काल लाइन हाजिर किया गया.

यह है पूरा मामला
पूरा मामला कोतवाली देहात थाना का है. प्रवीण कुमार नाम के एक विकलांग व्यक्ति के द्वारा जिलाधिकारी विभा चहल को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया था.जिसमें उसने बताया कि उसका ढाबा एटा से 5 किलोमीटर दूर आगरा रोड पर खुशाल गढ़ गांव के समीप बना हुआ है. जहां बीते दिनों कोतवाली देहात में तैनात सिपाही शैलेन्द्र यादव और सन्तोष यादव ने होटल पर खाना खाया और जब उसके भाई ने रुपये मांगे तो दोनों सिपाहियों ने उसके भाई की जमकर पिटाई कर दी. इस दौरान उन दोनों ने गाली-गलौज भी की. पीड़ित प्रवीण कुमार ने आरोप लगाते हुए बताया कि दोनों सिपाहियों ने कहा कि 'तेरा ढाबा नहीं चलने देंगे.

4 फरवरी को दिखाया था फर्जी मुठभेड़
पीड़ित ने बताया कि अगले दिन 4 फरवरी को दोपहर 2 बजे थानाध्यक्ष इंद्रेश पाल सिंह ने स्वाट टीम सहित भारी फोर्स के साथ ढ़ाबे पर दबिश दी. इस दौरान पुलिस होटल के कर्मियों सहित होटल पर खाना खा रहे दो बिहार के व्यक्ति और कुछ अन्य ग्राहकों सहित पुलिस लगभग 11 लोगों को उठाकर थाने ले आई. इसमें से एक व्यक्ति को 1 लाख की रिश्वत लेकर छोड़ दिया. जिसके बाद फर्जी मुठभेड़ दिखाकर बंटू नाम के शराब माफिया से अवैध शराब मंगाकर सभी निर्दोषों पर पुलिस ने शराब एवं अन्य मादक पदार्थ की तस्करी दिखाते हुए 6 तमंचे और गांजे की बरामदगी दिखाते हुए जेल भेज दिया.

यह भी पढ़ें-फर्जी मुठभेड़ मामले में 4 सिपाही निलंबित, FIR भी होगा दर्ज

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