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डॉक्टर से फोन पर मांगी रंगदारी, पुलिस ने FIR दर्ज करने में लगा दिए कई दिन - डॉक्टर से मांगी रंगदारी

मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस जल्द ही कार्रवाई का दावा कर रही है. यह कोई पहला मामला नहीं है, जिसमें पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है. विशेषकर आईटी एक्ट के मुकदमे में पुलिस यहां अक्सर देरी करती है. हालात यह हैं कि ज्यादातर मामलों में पुलिस के आला अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ता है.

डॉक्टर से फोन पर मांगी रंगदारी.
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Published : Feb 20, 2019, 5:41 PM IST

एटा: पुलिस की लापरवाही के चलते एटा जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. FIR दर्ज करने में ही पुलिस को कई दिन लग जाते हैं. इस बार मामला जिले के एक डॉक्टर से जुड़ा है. एक दबंग ने डॉक्टर से फोन पर मैसेज कर 2 लाख की रंगदारी मांगी है. तहरीर देने के 5 दिन बाद पुलिस ने FIR तो दर्ज कर ली, लेकिन नामजद रिपोर्ट होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की.

डॉक्टर से फोन पर मांगी रंगदारी.


देहात कोतवाली के गंगानगर निवासी डॉक्टर पवन मिश्रा को बीते 10 फरवरी को उनके मोबाइल नंबर पर 2 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का एक मैसेज आता है. पैसे न देने की सूरत में अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती है. बताया जा रहा है इससे पहले जनवरी महीने में भी 20 हजार रुपये मांगे जाने का मैसेज आया था. उस समय फर्जी मैसेज समझ कर इस मामले को डॉक्टर पवन मिश्रा ने हल्के में ले लिया था.

डॉक्टर से फोन पर मांगी रंगदारी.

जब दोबारा मैसेज आया तो उन्होंने इसकी लिखित शिकायत 13 फरवरी को देहात कोतवाली में की, लेकिन वहां तैनात मुंशी ने नियमों का हवाला देते हुए FIR दर्ज करने में ही 5 दिन का समय लगा दिया. अब जांच चल रही है. डॉ पवन मिश्रा ने रंगदारी मांगने वाले के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने से डॉक्टर और उनका परिवार दहशत में है. घर से निकलने में भी उन्हें डर लगता है.

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डॉक्टर पवन मिश्रा के मुताबिक जब बीजेपी सरकार आई थी तो लगा था कि जिले में कानून का राज कायम होगा, लेकिन मौजूदा स्थिति से ऐसा लगता नहीं है. पवन मिश्रा की मानें तो यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो मजबूरी में जिला छोड़ना पड़ेगा. वहीं इस पूरे मामले में पुलिस के आला अधिकारियों ने सजगता दिखाते हुए जल्द ही जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है.

एटा: पुलिस की लापरवाही के चलते एटा जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. FIR दर्ज करने में ही पुलिस को कई दिन लग जाते हैं. इस बार मामला जिले के एक डॉक्टर से जुड़ा है. एक दबंग ने डॉक्टर से फोन पर मैसेज कर 2 लाख की रंगदारी मांगी है. तहरीर देने के 5 दिन बाद पुलिस ने FIR तो दर्ज कर ली, लेकिन नामजद रिपोर्ट होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की.

डॉक्टर से फोन पर मांगी रंगदारी.


देहात कोतवाली के गंगानगर निवासी डॉक्टर पवन मिश्रा को बीते 10 फरवरी को उनके मोबाइल नंबर पर 2 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का एक मैसेज आता है. पैसे न देने की सूरत में अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती है. बताया जा रहा है इससे पहले जनवरी महीने में भी 20 हजार रुपये मांगे जाने का मैसेज आया था. उस समय फर्जी मैसेज समझ कर इस मामले को डॉक्टर पवन मिश्रा ने हल्के में ले लिया था.

डॉक्टर से फोन पर मांगी रंगदारी.

जब दोबारा मैसेज आया तो उन्होंने इसकी लिखित शिकायत 13 फरवरी को देहात कोतवाली में की, लेकिन वहां तैनात मुंशी ने नियमों का हवाला देते हुए FIR दर्ज करने में ही 5 दिन का समय लगा दिया. अब जांच चल रही है. डॉ पवन मिश्रा ने रंगदारी मांगने वाले के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने से डॉक्टर और उनका परिवार दहशत में है. घर से निकलने में भी उन्हें डर लगता है.

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डॉक्टर पवन मिश्रा के मुताबिक जब बीजेपी सरकार आई थी तो लगा था कि जिले में कानून का राज कायम होगा, लेकिन मौजूदा स्थिति से ऐसा लगता नहीं है. पवन मिश्रा की मानें तो यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो मजबूरी में जिला छोड़ना पड़ेगा. वहीं इस पूरे मामले में पुलिस के आला अधिकारियों ने सजगता दिखाते हुए जल्द ही जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है.

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पुलिस की लापरवाही के चलते एटा जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। महज प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने में ही पुलिस को कई दिन लग जाते हैं। इस बार मामला जिले के एक डॉक्टर से जुड़ा है। जिसमें एक दबंग ने डॉक्टर को फोन पर मैसेज कर 2 लाख की रंगदारी मांगी है। डॉक्टर द्वारा तहरीर दिये जाने के 5 दिन बाद काफी मानमनौव्वल करने पर पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली। लेकिन नामजद रिपोर्ट होने के बाद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है। जिससे डॉक्टर व उनका परिवार दहशत में है। वहीं मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस जल्द ही कार्यवाही का दावा कर रही है। जिले में यह कोई पहला मामला नहीं है। जिसमें पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है। विशेषकर आईटी एक्ट के मुकदमे में पुलिस यहां अक्सर विलंब करती है। हालात यह हैं की ज्यादातर मामलों में पुलिस के आला अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ता है। उसके बाद ही पुलिस एक्शन मोड में आती है।


Body:वीओ- 1-देहात कोतवाली के गंगानगर निवासी डॉक्टर पवन मिश्रा को बीते 10 फरवरी को उनके मोबाइल नंबर पर 2 लाख रुपए रंगदारी मांगने का एक मैसेज आता है। पैसे ना देने की सूरत में अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती है। बताया जा रहा है इससे पहले जनवरी महीने में भी 20 हजार रुपए मांगे जाने का मैसेज आया था। उस समय फर्जी मैसेज समझ कर इस मामले को डॉक्टर पवन मिश्रा ने हल्के में ले लिया था। लेकिन जब दोबारा मैसेज आया तो उन्होंने इसकी लिखित शिकायत 13 फरवरी को देहात कोतवाली में की। लेकिन वहां तैनात मुंशी ने नियमों का हवाला देते हुए एफआईआर दर्ज करने में ही 5 दिन का समय लगा दिया। अब जांच चल रही है। डॉ पवन मिश्रा ने रंगदारी मांगने वाले के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसके बाद भी कोई कार्यवाही ना होने से डॉक्टर और उनका परिवार दहशत में है। घर से निकलने में भी उन्हें डर लगता है। डॉक्टर पवन मिश्रा के मुताबिक जब बीजेपी सरकार आई थी तो लगा था कि जिले में कानून का राज कायम होगा लेकिन मौजूदा स्थिति से ऐसा लगता नहीं है। पवन मिश्रा की मानें तो यदि समय रहते कार्यवाही नहीं हुई तो मजबूरी में जिला छोड़ना पड़ेगा।
बाइट:डॉ पवन मिश्रा (पीड़ित)
वीओ-2- वहीं इस पूरे मामले में पुलिस के आला अधिकारियों ने सजगता दिखाते हुए जल्द ही जॉच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है।
बाइट:ओ.पी.सिंह (एसपी क्राइम,एटा)
वीओ-3- जिले के ज्यादातर गंभीर मामलों में पुलिस के आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के ही बाद कार्रवाई शुरू होती है। विशेषकर आईटी एक्ट के मामले में कार्रवाई तो दूर की बात है। एफआईआर में ही अक्सर विलम्ब होता है।
पीटूसी:वीरेन्द्र


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