एटा : जिले के गांव सूरतपुर माफी की तस्वीर आज भी नहीं बदली है. यहां की बदहाल सड़कें विकास की असल कहानी खुद बयां कर रही हैं. लगभग डेढ़ साल पहले जब सांसद राजवीर सिंह ने इस गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया तो यहां के लोगों को उम्मीद बंधी कि अब उनके गांव की तस्वीर बदलेगी. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी गांव के हालात जस के तस बने हुए है.
एटा के सूरतपुर माफी गांव की सड़कें और नालियां विकास के दावों की धज्जियां उड़ा रही हैं. बारिश के मौसम में हालात बद से बदतर हो जाते हैं. जरा सी बारिश के बाद लोगों का घरों से निकलना दूभर हो जाता है.
लगभग डेढ़ साल पहले जब सांसद राजवीर सिंह ने इस गांव को गोद लिया तो लगा कि अब गांव में विकास की लहर दौड़ेगी. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी गांव के हालात जस के तस बने हुए है. इसके अलावा कुछ ग्रामीण ऐसे भी हैं जो अपने सांसद को पहचानना तो दूर उनका नाम भी नहीं जानते.
इसके चलते ग्रामीणों ने सांसद राजवीर सिंह का चुनाव बहिष्कार करने का मन बना लिया है. लोगों का कहना है कि सांसद ने गांव के मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक के निर्माण का वादा किया था, लेकिन वह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है. विकास के नाम पर गांव में केवल दस नल और कुछ सोलर लाइटें ही लगवाई गई हैं.