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विकास की आस में ग्रामवासी, नहीं बदली सांसद के आदर्श गांव की तस्वीर

एटा के सूरतपुर माफी गांव को लगभग डेढ़ साल पहले सांसद राजवीर सिंह ने आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया था. लेकिन आदर्श गांव बनाना तो दूर गांव के हालात बद से बदतर नजर आ रहे हैं.

नहीं बदली गांव की तस्वीर
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Published : Mar 27, 2019, 1:46 PM IST

एटा : जिले के गांव सूरतपुर माफी की तस्वीर आज भी नहीं बदली है. यहां की बदहाल सड़कें विकास की असल कहानी खुद बयां कर रही हैं. लगभग डेढ़ साल पहले जब सांसद राजवीर सिंह ने इस गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया तो यहां के लोगों को उम्मीद बंधी कि अब उनके गांव की तस्वीर बदलेगी. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी गांव के हालात जस के तस बने हुए है.

नहीं बदली आदर्श गांव की तस्वीर.

एटा के सूरतपुर माफी गांव की सड़कें और नालियां विकास के दावों की धज्जियां उड़ा रही हैं. बारिश के मौसम में हालात बद से बदतर हो जाते हैं. जरा सी बारिश के बाद लोगों का घरों से निकलना दूभर हो जाता है.

लगभग डेढ़ साल पहले जब सांसद राजवीर सिंह ने इस गांव को गोद लिया तो लगा कि अब गांव में विकास की लहर दौड़ेगी. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी गांव के हालात जस के तस बने हुए है. इसके अलावा कुछ ग्रामीण ऐसे भी हैं जो अपने सांसद को पहचानना तो दूर उनका नाम भी नहीं जानते.

इसके चलते ग्रामीणों ने सांसद राजवीर सिंह का चुनाव बहिष्कार करने का मन बना लिया है. लोगों का कहना है कि सांसद ने गांव के मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक के निर्माण का वादा किया था, लेकिन वह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है. विकास के नाम पर गांव में केवल दस नल और कुछ सोलर लाइटें ही लगवाई गई हैं.

एटा : जिले के गांव सूरतपुर माफी की तस्वीर आज भी नहीं बदली है. यहां की बदहाल सड़कें विकास की असल कहानी खुद बयां कर रही हैं. लगभग डेढ़ साल पहले जब सांसद राजवीर सिंह ने इस गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया तो यहां के लोगों को उम्मीद बंधी कि अब उनके गांव की तस्वीर बदलेगी. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी गांव के हालात जस के तस बने हुए है.

नहीं बदली आदर्श गांव की तस्वीर.

एटा के सूरतपुर माफी गांव की सड़कें और नालियां विकास के दावों की धज्जियां उड़ा रही हैं. बारिश के मौसम में हालात बद से बदतर हो जाते हैं. जरा सी बारिश के बाद लोगों का घरों से निकलना दूभर हो जाता है.

लगभग डेढ़ साल पहले जब सांसद राजवीर सिंह ने इस गांव को गोद लिया तो लगा कि अब गांव में विकास की लहर दौड़ेगी. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी गांव के हालात जस के तस बने हुए है. इसके अलावा कुछ ग्रामीण ऐसे भी हैं जो अपने सांसद को पहचानना तो दूर उनका नाम भी नहीं जानते.

इसके चलते ग्रामीणों ने सांसद राजवीर सिंह का चुनाव बहिष्कार करने का मन बना लिया है. लोगों का कहना है कि सांसद ने गांव के मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक के निर्माण का वादा किया था, लेकिन वह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है. विकास के नाम पर गांव में केवल दस नल और कुछ सोलर लाइटें ही लगवाई गई हैं.

Intro:एंकर

एटा जिले के गांव सूरत पुर माफी की तस्वीर आज भी नहीं बदली है। यहां की बदहाल सड़कें असल कहानी खुद बयां कर रही हैं। बारिश के मौसम में हालात बद से बदतर हो जाते हैं। जरा सी बारिश के बाद लोगों का घरों से निकलना दूभर हो जाता है। लगभग डेढ़ साल पहले एटा लोकसभा सीट से सांसद राजवीर सिंह ने इस गांव को गोद लिया था। तब यहां के लोगों को उम्मीद बंधी थी कि अब उनके गांव की तस्वीर बदलेगी। लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी गांव की सूरत में कुछ खास बदलाव नहीं आया है। जिसके चलते ग्रामीण अपने सांसद राजवीर सिंह से नाराज दिखाई पड़ते हैं। हालात यह हैं कि इस बार गाँव के लोग अपने सांसद को वोट देने से भी इंकार कर रहे हैं।


Body:वीओ-1- जिले के सूरतपुर माफी गांव में सड़को व गलियों की बदहाल स्थिति से गांव वाले खासे नाराज चल रहे हैं। उन्होंने तो इस बार चुनाव बहिष्कार तक का मन बना रखा है। जिसके लिए गांव में चुनाव से 1 महीने पहले ही वैनर, पोस्टर लगाकर विरोध जताया जा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक लगभग डेढ़ साल पहले सांसद राजवीर सिंह ने सूरत पुर माफी गांव को गोद लिया था। गोद लेते समय सांसद ने गांव के मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक के निर्माण का वादा किया था। लेकिन वह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है। विकास के नाम पर केवल 10 नल व कुछ सोलर लाइटें आई थी। वह भी प्रधान ने अपने हिसाब से उसका उपयोग कराया है। आम लोगों को इसका कोई फायदा नहीं हुआ है।
बाइट: पुष्पेंद्र कुमार (ग्रामीण)
बाइट:रामपाल सिंह (ग्रामीण)
वीओ- इसके अलावा कुछ ग्रामीण ऐसे भी हैं। जो अपने सांसद को पहचानते भी नहीं है। विशेषकर महिलाएं, वह तो सांसद का नाम भी नहीं जानती हैं। गांव में विकास के नाम पर सांसद ने क्या कराया है। यह तो महिलाओं के लिए दूर की बात है। गांव में विकास का सवाल पूछने पर वह नाराज तक हो जाती है ।वहीं सांसद राजवीर सिंह अपने द्वारा गोद लिए गए गांव में सभी विकास कार्य कराने का दावा कर रहे हैं।हालांकि इन सब के बीच अच्छी बात यह है कि स्कूल में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे अपने सांसद राजवीर सिंह को पहचानते भी हैं और उनका नाम भी जानते हैं।
बाइट: मुन्नी देवी (ग्रामीण)
बाइट: राजवीर सिंह ( सांसद, एटा)
पी टू सी


Conclusion:
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