एटा: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भले ही जीरो टॉलरेंस की बात की जा रही हो, लेकिन इसमें सरकार के नुमाइंदे (अधिकारी) ही पलीता लगाते नजर आते हैं. रिश्वत लेने के मामले में चल रही जांच में जिले के मारहरा ब्लॉक में तैनात बीडीओ राकेश कुमार शुक्ल आदतन भ्रष्ट अधिकारी साबित हुए हैं. इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है. पूरा मामला मारहरा ब्लॉक का है, जहां बीडीओ की सह पर ब्लॉक में तैनात लेखा सहायक (मनरेगा) रजनीश कुमार का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था. इससे प्रशासन के अलावा सरकार की छवि भी धूमिल हुई थी. उसके बाद इस मामले में जांच टीम गठित की गई. जांच में बीडीओ राकेश कुमार शुक्ल दोषी पाए गए.
बता दें कि इससे पूर्व 2017-18 में वह अलीगंज ब्लॉक में तैनात थे. उस समय भी वह एक बार रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद हुए थे. उस मामले में भी उनके खिलाफ जांच बैठी थी, जिसमें दोषी पाए जाने के बाबजूद जिला प्रशासन ने उन्हें मारहरा बीडीओ के अलावा जैथरा का भी अतिरिक्त प्रभार दे दिया था.
उप सचिव रमेश चंद्र मिश्रा के लेटर के अनुसार, बीडीओ राकेश कुमार शुक्ल मारहरा में रिश्वत लेने के मामले के अलावा अलीगंज ब्लॉक में भी रिश्वत के मामलों में दोषी पाए गए हैं. इस कारण प्रशासन द्वारा बीडीओ राकेश कुमार शुक्ल को आदतन भ्रष्ट अधिकारी घोषित करते हुए निलंबित कर दिया है. वहीं निलंबन के बाद उन्हें ग्राम विकास आयुक्त कार्यालय लखनऊ से सम्बद्ध कर दिया है.