एटा: जिले में हाई प्रोफाइल फर्जी मुठभेड़ मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. एसएसपी एटा सुनील कुमार सिंह को 25 मार्च की रात को डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. अब जिले में पुलिस कप्तान की कमान प्रयागराज में सेना नायक के पद पर तैनात आईपीएस उदय शंकर सिंह को सौंपी गई है.
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ये था पूरा मामला
होटल मालिक के दिव्यांग भाई प्रवीण कुमार ने एटा डीएम से न्याय की गुहार लगाते हुए बताया कि उसका ढाबा एटा से 5 किलोमीटर दूर आगरा रोड पर खुशाल गढ़ गांव के पास बना हुआ है. जहां पीड़ित अपने भाई और मां के साथ छोटा-सा ढाबा चलाता था. कोतवाली देहात में तैनात सिपाही शैलेन्द्र यादव और संतोष यादव ने होटल पर खाना खाया. भाई ने मांगे पैसे मांगे, जिसके बाद पहले तो दोनों सिपाहियों ने भाई की जमकर पिटाई की. उसके बाद गाली-गलौज करते हुए कहा कि तेरा ढाबा नहीं चलने देंगे.
अगले दिन 4 फरवरी दोपहर 2 बजे के आसपास थानाध्यक्ष इंद्रेश पाल सिंह व स्वाट टीम ने भारी फोर्स के साथ होटल पर दबिश दे दी. होटलकर्मियों सहित खाना खा रहे दो बिहार के व्यक्ति और कुछ अन्य ग्राहकों सहित पुलिस लगभग 11 लोगों को उठाकर थाने ले आई. जिसमें से एक व्यक्ति को एक लाख की रिश्वत लेकर छोड़ दिया गया. सभी निर्दोषों पर फर्जी मुठभेड़ दिखाकर बंटू नाम के शराब माफिया से अवैध शराब मंगाकर पुलिस तस्करी का मामला दिखाया. साथ ही 6 तमंचे और गांजा लगाकर जेल भेज दिया.
एसएसपी का खास था आरोपी इंस्पेक्टर इंद्रेश कुमार
सूत्रों की मानें तो फर्जी मुठभेड़ में आरोपी तत्कालीन थाना प्रभारी इंद्रेश कुमार एसएसपी एटा सुनील कुमार सिंह का बहुत खास था. एसएसपी सुनील कुमार ने आरोपी इंद्रेश कुमार को बचाने का हरसंभव प्रयास भी किया था.
फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी शराब माफिया बंटू यादव एवं सिपाही शैलेंद्र यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दोनों से अलीगढ़ की टीम के जांच अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं.
-उदय शंकर सिंह, नवागत एसएसपी एटा