एटा: पीतल उद्योग और यहां बनने वाले घुंघरू और घंटे के लिए जिले के जलेसर क्षेत्र का नाम प्रसिद्ध है. अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही एक बार फिर जलेसर क्षेत्र की ओर सबकी निगाहें टिकी हैं. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद उसमें लगने वाले 2100 किलो के घंटे का निर्माण जलेसर में किया जा रहा है. राम मंदिर में लगने वाले इस घंटे का निर्माण कार्य जोरों पर है. बताया जा रहा है कि करीब 2 महीने में यह भारी भरकम पीतल का घंटा बनकर तैयार हो जाएगा.
2100 किलो के घंटे के निर्माण में दर्जनों कारीगर लगे हैं. खास बात यह है कि इस घंटे का निर्माण हिंदू और मुस्लिम कारीगर मिलकर कर रहे हैं. रामलला के लिए बन रहे इस घंटे का सांचा बीते 40 साल से काम कर रहे भूरे खान ने बनाया है. घंटे का निर्माण करा रहे विकास मित्तल ने ईटीवी भारत को बताया कि कई धातुओं के मिश्रण से यह पीतल का घंटा बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके निर्माण में 12 से 15 लाख रुपए का खर्च आएगा. भव्य राम मंदिर के लिए बनाए जा रहे इस घंटे के निर्माण में अभी करीब 2 महीने का वक्त और लगेगा.
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घंटे का सांचा बनाने वाले कारीगर भूरे खान का कहना है कि अभी तो केवल सांचा बना है. इसके बाद पीतल के घंटे का निर्माण होगा. इससे पहले उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के लिए भी जलेसर में घंटे का निर्माण हो चुका है. इसके बाद अब राम मंदिर में लगने वाले घंटे का निर्माण हो रहा है. यहां के कारीगरों में इस बात को लेकर खुशी है कि इस क्षेत्र में घुंघरू और घंटे के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा.