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राम मंदिर में लगेगा 2100 किलो का घंटा, जानें क्या है खासियत

अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए एटा जिले के जलेसर में 2100 किलो का घंटा बनाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस घंटे को बनने में करीब दो महीने का समय लगेगा.

2100 किलो का घंटा
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Published : Nov 13, 2019, 3:08 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 3:34 PM IST

एटा: पीतल उद्योग और यहां बनने वाले घुंघरू और घंटे के लिए जिले के जलेसर क्षेत्र का नाम प्रसिद्ध है. अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही एक बार फिर जलेसर क्षेत्र की ओर सबकी निगाहें टिकी हैं. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद उसमें लगने वाले 2100 किलो के घंटे का निर्माण जलेसर में किया जा रहा है. राम मंदिर में लगने वाले इस घंटे का निर्माण कार्य जोरों पर है. बताया जा रहा है कि करीब 2 महीने में यह भारी भरकम पीतल का घंटा बनकर तैयार हो जाएगा.

देखें खास रिपोर्ट.

2100 किलो के घंटे के निर्माण में दर्जनों कारीगर लगे हैं. खास बात यह है कि इस घंटे का निर्माण हिंदू और मुस्लिम कारीगर मिलकर कर रहे हैं. रामलला के लिए बन रहे इस घंटे का सांचा बीते 40 साल से काम कर रहे भूरे खान ने बनाया है. घंटे का निर्माण करा रहे विकास मित्तल ने ईटीवी भारत को बताया कि कई धातुओं के मिश्रण से यह पीतल का घंटा बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके निर्माण में 12 से 15 लाख रुपए का खर्च आएगा. भव्य राम मंदिर के लिए बनाए जा रहे इस घंटे के निर्माण में अभी करीब 2 महीने का वक्त और लगेगा.

इसे भी पढ़ें- सऊदी से युवक ने सोशल मीडिया पर किया भड़काऊ पोस्ट, गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने किया दूतावास से संपर्क

घंटे का सांचा बनाने वाले कारीगर भूरे खान का कहना है कि अभी तो केवल सांचा बना है. इसके बाद पीतल के घंटे का निर्माण होगा. इससे पहले उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के लिए भी जलेसर में घंटे का निर्माण हो चुका है. इसके बाद अब राम मंदिर में लगने वाले घंटे का निर्माण हो रहा है. यहां के कारीगरों में इस बात को लेकर खुशी है कि इस क्षेत्र में घुंघरू और घंटे के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा.

एटा: पीतल उद्योग और यहां बनने वाले घुंघरू और घंटे के लिए जिले के जलेसर क्षेत्र का नाम प्रसिद्ध है. अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही एक बार फिर जलेसर क्षेत्र की ओर सबकी निगाहें टिकी हैं. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद उसमें लगने वाले 2100 किलो के घंटे का निर्माण जलेसर में किया जा रहा है. राम मंदिर में लगने वाले इस घंटे का निर्माण कार्य जोरों पर है. बताया जा रहा है कि करीब 2 महीने में यह भारी भरकम पीतल का घंटा बनकर तैयार हो जाएगा.

देखें खास रिपोर्ट.

2100 किलो के घंटे के निर्माण में दर्जनों कारीगर लगे हैं. खास बात यह है कि इस घंटे का निर्माण हिंदू और मुस्लिम कारीगर मिलकर कर रहे हैं. रामलला के लिए बन रहे इस घंटे का सांचा बीते 40 साल से काम कर रहे भूरे खान ने बनाया है. घंटे का निर्माण करा रहे विकास मित्तल ने ईटीवी भारत को बताया कि कई धातुओं के मिश्रण से यह पीतल का घंटा बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके निर्माण में 12 से 15 लाख रुपए का खर्च आएगा. भव्य राम मंदिर के लिए बनाए जा रहे इस घंटे के निर्माण में अभी करीब 2 महीने का वक्त और लगेगा.

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घंटे का सांचा बनाने वाले कारीगर भूरे खान का कहना है कि अभी तो केवल सांचा बना है. इसके बाद पीतल के घंटे का निर्माण होगा. इससे पहले उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के लिए भी जलेसर में घंटे का निर्माण हो चुका है. इसके बाद अब राम मंदिर में लगने वाले घंटे का निर्माण हो रहा है. यहां के कारीगरों में इस बात को लेकर खुशी है कि इस क्षेत्र में घुंघरू और घंटे के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा.

Intro:एटा के जलेसर क्षेत्र का नाम अभी तक विश्व में पीतल उद्योग तथा यह बनने वाले घुंगरू और घंटे के लिए प्रसिद्ध था। लेकिन अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही जलेसर क्षेत्र का नाम भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद उस में लगने वाले 2100 किलो के घंटे के लिए भी जाना जाएगा। राम मंदिर में लगने वाले घंटे का निर्माण कार्य जोरों पर है। करीब 2 महीने में यह भारी भरकम पीतल का घंटा बनकर तैयार हो जाएगा।


Body:घंटा घुंघरू नगरी के नाम से प्रसिद्ध जलेसर में राम मंदिर के लिए 2100 किलो का घंटा बनाया जा रहा है। इस घंटे के निर्माण में दर्जनों कारीगर लगे हुए हैं। इतना ही नहीं इसमें एक खास बात यह भी है कि इस घंटे का निर्माण मुस्लिम और हिंदू कारीगर मिलकर कर रहे हैं। रामलला के लिए बन रहे घंटे का सांचा बीते 40 साल से काम कर रहे भूरे खान ने बनाया है। 2100 किलो के घंटे का निर्माण करा रहे विकास मित्तल ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए बताया कि कई धातुओं के मिश्रण से यह पीतल का घंटा बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके निर्माण में 12 से 15 लाख रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि इस घंटे के निर्माण में दर्जनों कारीगर लगे हैं। भव्य राम मंदिर के लिए बनाए जा रहे इस घंटे के निर्माण में करीब 2 महीने का वक्त अभी और लगेगा।


Conclusion:घंटे का सांचा बनाने वाले कारीगर भूरे खान ने बताया है कि अभी तो केवल सांचा बना है। इसके बाद पीतल के घंटे का निर्माण होगा। इससे पहले केदारनाथ मंदिर में लगने के लिए घंटे का निर्माण जलेसर में हो चुका है। अब राम मंदिर में लगने वाले घंटे का निर्माण हो रहा है। इसके बाद यहां के कारीगरों में खुशी की लहर है कि क्षेत्र में घुंगरू और घंटे के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।
बाइट: विकास मित्तल ( उद्यमी)
बाइट:भूरे खान ( घंटे के कारीगर)
पीटूसी: वीरेंद्र पांडे
Last Updated : Nov 13, 2019, 3:34 PM IST
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