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‘सकुशलम’ में बताए भूकंप के दौरान बचने के उपाय

देवरिया में NDRF की टीम ने भूकंप पर आधारित मेगा माॅकड्रिल ‘सकुशलम’ का आयोजन किया. कार्यक्रम में आकस्मिक तौर पर होने वाली घटना से निपटने के तरीके रिहर्सल में बताए गए.

‘‘सकुशलम’’ का हुआ आयोजन
‘‘सकुशलम’’ का हुआ आयोजन
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Published : Feb 15, 2021, 7:20 PM IST

देवरिया: जिले की सेन्ट्रल अकादमी में सोमवार को NDRF की टीम ने भूकंप (natural disasters) पर आधारित मेगा माॅकड्रिल ‘सकुशलम’ का आयोजन किया. इसमें आकस्मिक तौर पर होने वाली घटना से निपटने के तरीकों के बारे में रिहर्सल कर बताया गया. जानकारी दी कि यदि भूकंप (natural disasters) आने पर कैसे बचा जा सकता है. बड़ी-बड़ी इमारतों में घिरे लोगों को कैसे निकाला जाता है, कैसे घायलों का आकस्मिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. अग्निशमन के वाहन और सिलेन्डर से आग पर कैसे काबू पाया जाता है.

लोगों को जागरूक करना जरूरी

इस दौरान जिलाधिकारी अमित किशोर ने बताया कि यह एक अभ्यास कार्यक्रम है. यह लोगों को जागरूक करने के लिए और लोगों उनके दायित्वों से अवगत कराने के लिए आयोजित किया गया है. हादसा कभी भी हो सकती है. हमें छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना चाहिए. हमारी तैयारियां ही आपात स्थिति में काम आती हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों में किए गए अभ्यास से आकस्मिक स्थिति आने पर लोगों को सुरक्षित बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि भूकंप आने पर कोई भी व्यक्ति, बच्चा या महिला अपने सिर पर बैग आदि चीजें रखकर सकुशल बाहर निकल सकता है. भवन के क्षतिग्रस्त होने पर ईंट्ट या पत्थर से चोट लगने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसके साथ ही उन्होंने सिलेन्डर में आग लगने पर उसे बुझाने के तरीके के बाले में बताया.

सब जगह हों ऐसे कार्यक्रम

जिलाधिकारी अमित किशोर ने NDRF के कमाण्डर पीएल शर्मा से कहा कि इस तरह के कार्यक्रम सभी तहसीलों में होने चाहिए. ये कार्यक्रम मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, स्कूलों आदि में भी आयोजित होने चाहिए. इसके साथ ही लोगों को आकाशीय बिजली (natural disasters) से बचाव के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए.

देवरिया: जिले की सेन्ट्रल अकादमी में सोमवार को NDRF की टीम ने भूकंप (natural disasters) पर आधारित मेगा माॅकड्रिल ‘सकुशलम’ का आयोजन किया. इसमें आकस्मिक तौर पर होने वाली घटना से निपटने के तरीकों के बारे में रिहर्सल कर बताया गया. जानकारी दी कि यदि भूकंप (natural disasters) आने पर कैसे बचा जा सकता है. बड़ी-बड़ी इमारतों में घिरे लोगों को कैसे निकाला जाता है, कैसे घायलों का आकस्मिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. अग्निशमन के वाहन और सिलेन्डर से आग पर कैसे काबू पाया जाता है.

लोगों को जागरूक करना जरूरी

इस दौरान जिलाधिकारी अमित किशोर ने बताया कि यह एक अभ्यास कार्यक्रम है. यह लोगों को जागरूक करने के लिए और लोगों उनके दायित्वों से अवगत कराने के लिए आयोजित किया गया है. हादसा कभी भी हो सकती है. हमें छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना चाहिए. हमारी तैयारियां ही आपात स्थिति में काम आती हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों में किए गए अभ्यास से आकस्मिक स्थिति आने पर लोगों को सुरक्षित बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि भूकंप आने पर कोई भी व्यक्ति, बच्चा या महिला अपने सिर पर बैग आदि चीजें रखकर सकुशल बाहर निकल सकता है. भवन के क्षतिग्रस्त होने पर ईंट्ट या पत्थर से चोट लगने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसके साथ ही उन्होंने सिलेन्डर में आग लगने पर उसे बुझाने के तरीके के बाले में बताया.

सब जगह हों ऐसे कार्यक्रम

जिलाधिकारी अमित किशोर ने NDRF के कमाण्डर पीएल शर्मा से कहा कि इस तरह के कार्यक्रम सभी तहसीलों में होने चाहिए. ये कार्यक्रम मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, स्कूलों आदि में भी आयोजित होने चाहिए. इसके साथ ही लोगों को आकाशीय बिजली (natural disasters) से बचाव के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए.

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