देवरिया: बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदेश भर के जिलों में वैक्सीन के रख-रखाव के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वहीं देवरिया जिले में कोरोना वैक्सीन के रख-रखाव के लिए स्वास्थ विभाग ने बाबू मोहन सिंह जिला अस्पताल में स्पेशल वैक्सीन सेंटर बनाया है. इस अस्पताल में दो फ्रीजर वैक्सिंन के लिए लगाए गए हैं. यहां पर पहले चरण में 13 हजार पांच सौ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. इसमें सरकारी डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी, पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी को चिन्हित कर उनका डाटा कोविड पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है.
आब्जर्वेशन रूम में स्पेशल टीमें रखेंगी ध्यान
आपको बताते चलें कि बाबू मोहन सिंह जिला अस्पताल में कोरोना वैक्सीन रखने के लिए एक स्पेशल सेंटर बनाया गया है. इसके साथ ही वैक्सीन लगाने के लिए तीन कमरे बनाए गए हैं. पहला वेटिंग रूम होगा जहां पर वैक्सीन लगवाने के लिए आए लोगों को बैठाया जाएगा. दूसरा वैक्सीनेशन रूम होगा जहां पर कोविड का टीका लगाया जाएगा. यहां पर डॉक्टर, स्टाफ नर्स के साथ मौजूद रहेंगे. वहीं तीसरा रूम आब्जर्वेशन रूम रहेगा जहां पर 30 मिनट के अंदर टीका लगने वाले व्यक्ति को किसी तरह की कोई दिक्कत होती है तो उसके लिए एक स्पेशल टीम रहेगी, जो उस व्यक्ति की देखरेख करेगी.
अलग-अलग कंपनियों के वैक्सीन के लिए अलग-अलग कोल्ड स्टोर
दरअसल आने वाले कोरोना वैक्सीन के अलग-अलग कंपनियों के वैक्सीन रखने के लिये अलग-अलग कोल्ड चेन भी बनाए जा रहे हैं. इसमें 2 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस तथा -20 से -40 डिग्री सेल्सियस पर कोरोना वैक्सीन को स्टोर कर फ्रीजर में रखा जाएगा. इसके साथ ही टीकाकरण के बाद व्यक्तियों को आब्जर्वेशन रूम में 30 मिनट तक रखा जाएगा.
टीकाकरण के दौरान मास्क और शारीरिक दूरी का पालन किया जाएगा. वैक्सीनेशन के दौरान एक बार में एक व्यक्ति ही जाएगा और वेटिंग रूम में उसका रजिस्ट्रेशन का ब्यौरा चेक किए जाने के बाद कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी.
ट्रेनर्स को पीएचसी-सीएचसी केंद्रों पर दी जा रही ट्रेनिंग
इस मामले पर सीएमओ डॉ. आलोक पांडेय ने बताया कि वैक्सीन रखने के लिए दो फ्रीजर लाए गए हैं. वैक्सीन लगाने को लेकर ट्रेनिंग शुरू हो गई है. जनपद मुख्यालय पर सभी एमवाईसी और ट्रेनर्स को पीएचसी, सीएचसी केंद्रों पर जाकर ट्रेनिंग दी जाएगी. वहीं टीकाकरण के पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों, मीडियाकर्मियों और पुलिसकर्मियों को वैक्सीन लगाए जाने की बात कही गई है. 12 हजार सरकारी कर्मचारी हैं और डेढ़ हजार के करीब प्राइवेट मेडिकल चिकित्साकर्मी हैं. सभी की लिस्ट बनाई जा चुकी है और इसे इंटरनेट पर अपलोड कर दिया गया है. सरकार की तरफ से वैक्सीन लगाने की कोई सूचना मिलते ही पहले चरण में इन लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा.