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किसी और मुकदमे में हुई पूर्व एमएलसी की गिरफ्तारी, चार्जशीट दूसरे मुकदमे में दाखिल

देवरिया में चिह्नित माफिया पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी को पुलिस ने किसी और मुकदमे में गिरफ्तार किया है. जिस मुकदमे में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, उस मामले में गिरफ्तारी ही नहीं हुई है.

पूर्व एमएलसी की गिरफ्तारी.
पूर्व एमएलसी की गिरफ्तारी.
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Published : Jun 17, 2021, 10:36 PM IST

देवरिया: पुलिस अपनी कार्यशैली को लेकर अक्सर चर्चा में रहती है. जिले में ऐसा ही एक नया मामला सामने आया है. जिस मुकदमे में सदर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है, उस मामले में आरोपी रामू की गिरफ्तारी ही नहीं हुई है, बल्कि किसी और मुकदमे में आरोपी को जेल भेजा गया है और दूसरे मुकदमे में चार्जशीट भेज दी है. इसको लेकर पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है. वहीं, तबीयत बिगड़ने पर रामू को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां पुलिस की देख-रेख में इलाज चल रहा है.

आठ साल पहले भी पुलिस ने कुछ ऐसा ही किया
जिले के चिह्नित माफिया पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी को पुलिस ने गिरफ्तार किया किसी और मुकदमे (अपराध संख्या 2228/12 ) में और किसी दूसरे केस (अपराध संख्या-2230/12) में जेल भेज दिया. सदर कोतवाली पुलिस द्वारा इस मामले में कोर्ट में दस्तावेज जमा करने के बाद लापरवाही की परत उजागर हुई. इस हाई प्रोफाइल मामले में यह बड़ी चूक हुई या जानबूझ कर ऐसा किया गया, इसको लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं. पुराना रिकॉर्ड गवाह है कि वादी के अनुरोध पर इस मामले में आठ साल पहले फाइनल रिपोर्ट लगाते वक्त भी पुलिस ने कुछ ऐसा ही किया था.

शहर के इंडस्ट्रियल स्टेट मेहड़ा पुरवा निवासी निकुंज अग्रवाल ने पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी के खिलाफ 6 नवंबर 2012 को सदर कोतवाली में केस दर्ज कराया था. इस मामले में पुलिस ने अपराध संख्या 2228/12 पर आईपीसी की धारा 386 (अवैध वसूली), 504( गाली-गलौच), 506 (जान से मारने की धमकी), 323 (मारपीट) के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

लिपिकों के खिलाफ जांच कर होगी कार्रवाई
मामले की विवेचना के दौरान वादी ने शपथ पत्र देकर मुकदमा वापस लेने की बात कही. इसके बाद पुलिस ने आनन-फानन अंतिम रिपोर्ट लगा दी. कमाल की बात है कि विवेचक ने अपराध संख्या 2228/12 की बजाय अपराध संख्या 2230/12 में फाइनल रिपोर्ट लगाकर न्यायालय में भेज दी. इस बाबत सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी ने बताया कि यह अभिलेखीय चूक है. इसमें सुधार कराया जा रहा है. ऐसी गलती करने वाले कार्यालय के लिपिकों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

पूर्व एमएलसी को हुआ था कोरोना
जेल के सलाखों में बंद पूर्व एमएलसी संजीव उर्फ रामू द्विवेदी की तबीयत बुधवार की रात अचानक बिगड़ गई. गुरुवार को दोपहर में रामू को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. अस्पताल गेट से लेकर वार्ड तक पुलिस का पहरा है. वार्ड में आने जाने वाले लोगों पर नजर पुलिस रख रही है. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एचके मिश्र ने बताया कि पूर्व एमएलसी को कोरोना हुआ था. शुगर भी है, जिनका इलाज चल रहा है.
पढ़ें- भ्रष्टाचार के लिए सीधे पाठक परिवार से नहीं खरीदी गई जमीन: संजय सिंहप

देवरिया: पुलिस अपनी कार्यशैली को लेकर अक्सर चर्चा में रहती है. जिले में ऐसा ही एक नया मामला सामने आया है. जिस मुकदमे में सदर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है, उस मामले में आरोपी रामू की गिरफ्तारी ही नहीं हुई है, बल्कि किसी और मुकदमे में आरोपी को जेल भेजा गया है और दूसरे मुकदमे में चार्जशीट भेज दी है. इसको लेकर पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है. वहीं, तबीयत बिगड़ने पर रामू को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां पुलिस की देख-रेख में इलाज चल रहा है.

आठ साल पहले भी पुलिस ने कुछ ऐसा ही किया
जिले के चिह्नित माफिया पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी को पुलिस ने गिरफ्तार किया किसी और मुकदमे (अपराध संख्या 2228/12 ) में और किसी दूसरे केस (अपराध संख्या-2230/12) में जेल भेज दिया. सदर कोतवाली पुलिस द्वारा इस मामले में कोर्ट में दस्तावेज जमा करने के बाद लापरवाही की परत उजागर हुई. इस हाई प्रोफाइल मामले में यह बड़ी चूक हुई या जानबूझ कर ऐसा किया गया, इसको लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं. पुराना रिकॉर्ड गवाह है कि वादी के अनुरोध पर इस मामले में आठ साल पहले फाइनल रिपोर्ट लगाते वक्त भी पुलिस ने कुछ ऐसा ही किया था.

शहर के इंडस्ट्रियल स्टेट मेहड़ा पुरवा निवासी निकुंज अग्रवाल ने पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी के खिलाफ 6 नवंबर 2012 को सदर कोतवाली में केस दर्ज कराया था. इस मामले में पुलिस ने अपराध संख्या 2228/12 पर आईपीसी की धारा 386 (अवैध वसूली), 504( गाली-गलौच), 506 (जान से मारने की धमकी), 323 (मारपीट) के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

लिपिकों के खिलाफ जांच कर होगी कार्रवाई
मामले की विवेचना के दौरान वादी ने शपथ पत्र देकर मुकदमा वापस लेने की बात कही. इसके बाद पुलिस ने आनन-फानन अंतिम रिपोर्ट लगा दी. कमाल की बात है कि विवेचक ने अपराध संख्या 2228/12 की बजाय अपराध संख्या 2230/12 में फाइनल रिपोर्ट लगाकर न्यायालय में भेज दी. इस बाबत सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी ने बताया कि यह अभिलेखीय चूक है. इसमें सुधार कराया जा रहा है. ऐसी गलती करने वाले कार्यालय के लिपिकों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

पूर्व एमएलसी को हुआ था कोरोना
जेल के सलाखों में बंद पूर्व एमएलसी संजीव उर्फ रामू द्विवेदी की तबीयत बुधवार की रात अचानक बिगड़ गई. गुरुवार को दोपहर में रामू को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. अस्पताल गेट से लेकर वार्ड तक पुलिस का पहरा है. वार्ड में आने जाने वाले लोगों पर नजर पुलिस रख रही है. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एचके मिश्र ने बताया कि पूर्व एमएलसी को कोरोना हुआ था. शुगर भी है, जिनका इलाज चल रहा है.
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