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घोटालाः प्रदर्शनी में नहीं पहुंचे कृषि वैज्ञानिक, किसान कैसे सीखते तकनीक !

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Published : Mar 2, 2021, 3:35 PM IST

देवरिया में किसान गोष्ठि और प्रदर्शनी के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है. कृषि उप निदेशक एके मिश्रा ने इसकी जानकारी दी. कृषि उप निदेशक ने बताया कि जिले में किसानों को जागरूक करने के लिए किसान कल्याण मिशन के तहत ब्लॉकों में कृषि प्रदर्शनी, किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया था. दावा किया जा रहा है कि इन कार्यक्रमों में कृषि वैज्ञानिक तक मौजूद नहीं रहे.

सरकारी धन का दुरुपयोग
सरकारी धन का दुरुपयोग

देवरिया : कृषि मंत्री के जिले में किसान गोष्ठि और प्रदर्शनी के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है. रबी के सीजन में किसान मेला आयोजित कर करीब 42 लाख रुपये खपा दिए गए. दिलचस्प बात यह है कि एक दिन में पांच से छह स्थानों पर किसान गोष्ठियां हुईं, लेकिन इनमें से किसी में भी कृषि वैज्ञानिक तक मौजूद नहीं थे.

16 ब्लॉकों में कार्यक्रम के नाम पर 24 लाख का बजट

कृषि उप निदेशक एके मिश्रा ने बताया कि किसानों की आय दोगुनी करने और किसानों को जागरूक करने के लिए किसान कल्याण मिशन के तहत ब्लॉकों में कृषि प्रदर्शनी, किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इसमें कृषि विभाग की ओर से चयनित मॉडल गांवों में भी ये कार्यक्रम आयोजित किए गए. जिले के 16 ब्लकों में जागरूकता कार्यक्रम के लिए 24 लाख का बजट मिला था. 5 और 13 जनवरी को 5-5 ब्लॉकों में, 21 जनवरी को छह ब्लकों में कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि अधिकांश ब्लॉकों में बिना कृषि वैज्ञानिक के तीन दिनों में ही कृषि गोष्ठी का आयोजन कर खानापूर्ति कर दी गई. इसके अलावा आत्मा योजना के तहत भी 50-50 हजार रुपये किसानों की जागरूकता पर खर्च किए गए. इसका 8 लाख का बजट था. रबी के सीजन में चार योजनाओं के तहत कृषि गोष्ठी और किसान मेला पर 42 लाख रुपये खर्च किए गए. अब अधिकारी और बाबू मिलकर इसके भुगतान में जुट गए हैं.

इसे भी पढ़ें-रिवॉल्वर और तमंचे के साथ तीन युवक गिरफ्तार



ऐसे किया जाना था खर्च

कृषि निदेशक एके मिश्रा ने आगे बताया कि किसान कल्याण मिशन के तहत डेढ़ लाख रुपये खर्च करने थे. इनमें से लाइट, टेंट, स्टेज, साउंड पर 55 हजार, प्रतिभागियों के जलपान पर 33 हजार, गोष्ठी के विशेषज्ञों के मानदेय पर 4 हजार, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी पर 7 हजार, बैनर, पीओएल, गाड़ी पर 26 हजार, प्रचार-प्रसार और प्रशासनिक व्यवस्था पर 25 हजार रुपये खर्च करना था.

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना में 10 लाख का खेल

कृषि निदेशक ने बताया कि 40 मॉडल गांवों में नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना में मुद्रा स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. इसमें 10 लाख का खेल किया गया है. प्रत्येक गांव में 30 किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए 27 हजार का बजट था, लेकिन अधिकतम 5 हजार खर्च कर 31 दिसंबर से 11 जनवरी तक प्रशिक्षण का कोरम पूरा किया गया. अधिकांश गांवों में किसानों की संख्या ना के बराबर थी, जबकि इन कार्यक्रमों में कृषि विशेषज्ञ भी नहीं मौजूद रहे.

देवरिया : कृषि मंत्री के जिले में किसान गोष्ठि और प्रदर्शनी के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है. रबी के सीजन में किसान मेला आयोजित कर करीब 42 लाख रुपये खपा दिए गए. दिलचस्प बात यह है कि एक दिन में पांच से छह स्थानों पर किसान गोष्ठियां हुईं, लेकिन इनमें से किसी में भी कृषि वैज्ञानिक तक मौजूद नहीं थे.

16 ब्लॉकों में कार्यक्रम के नाम पर 24 लाख का बजट

कृषि उप निदेशक एके मिश्रा ने बताया कि किसानों की आय दोगुनी करने और किसानों को जागरूक करने के लिए किसान कल्याण मिशन के तहत ब्लॉकों में कृषि प्रदर्शनी, किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इसमें कृषि विभाग की ओर से चयनित मॉडल गांवों में भी ये कार्यक्रम आयोजित किए गए. जिले के 16 ब्लकों में जागरूकता कार्यक्रम के लिए 24 लाख का बजट मिला था. 5 और 13 जनवरी को 5-5 ब्लॉकों में, 21 जनवरी को छह ब्लकों में कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि अधिकांश ब्लॉकों में बिना कृषि वैज्ञानिक के तीन दिनों में ही कृषि गोष्ठी का आयोजन कर खानापूर्ति कर दी गई. इसके अलावा आत्मा योजना के तहत भी 50-50 हजार रुपये किसानों की जागरूकता पर खर्च किए गए. इसका 8 लाख का बजट था. रबी के सीजन में चार योजनाओं के तहत कृषि गोष्ठी और किसान मेला पर 42 लाख रुपये खर्च किए गए. अब अधिकारी और बाबू मिलकर इसके भुगतान में जुट गए हैं.

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ऐसे किया जाना था खर्च

कृषि निदेशक एके मिश्रा ने आगे बताया कि किसान कल्याण मिशन के तहत डेढ़ लाख रुपये खर्च करने थे. इनमें से लाइट, टेंट, स्टेज, साउंड पर 55 हजार, प्रतिभागियों के जलपान पर 33 हजार, गोष्ठी के विशेषज्ञों के मानदेय पर 4 हजार, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी पर 7 हजार, बैनर, पीओएल, गाड़ी पर 26 हजार, प्रचार-प्रसार और प्रशासनिक व्यवस्था पर 25 हजार रुपये खर्च करना था.

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना में 10 लाख का खेल

कृषि निदेशक ने बताया कि 40 मॉडल गांवों में नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना में मुद्रा स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. इसमें 10 लाख का खेल किया गया है. प्रत्येक गांव में 30 किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए 27 हजार का बजट था, लेकिन अधिकतम 5 हजार खर्च कर 31 दिसंबर से 11 जनवरी तक प्रशिक्षण का कोरम पूरा किया गया. अधिकांश गांवों में किसानों की संख्या ना के बराबर थी, जबकि इन कार्यक्रमों में कृषि विशेषज्ञ भी नहीं मौजूद रहे.

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