देवरिया: भागलपुर ब्लॉक के नरसिंहडाड़ गांव के कोटेदार संजय भारती की दुकान को कुछ महीने पहले जांच में कमी मिलने पर निलंबित कर दिया गया था. वहीं, दस दिन बाद बहाल कर दिया गया. इसके बाद दुकान को कुछ दिन पहले जिला पूर्ति अधिकारी ने वितरण व्यवस्था में कमी बताते हुए निरस्त कर दिया.
डीएसओ को बनाया बंधक
कोटेदार संघ के जिलाध्यक्ष विश्वजीत मणि के नाम से बलुआ गांव में दुकान है. आरोप है कि प्रतिशोध में डीएसओ ने पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया. विरोध करने पर विभागीय अधिकारी दुकान निरस्त करने की धमकी दे रहे हैं. जिलाध्यक्ष ने कहा कि सत्तापक्ष के एक विधायक के दबाव में आकर नरसिंहडाड़ गांव की कोटे की दुकान निरस्त की गई है.
कोटेदारों को किया जा रहा परेशान
कोटेदार जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में जिलापूर्ति कार्यालय पहुंचे और डीएसओ को बंधक बनाकर नारेबाजी की. जिला उपाध्यक्ष बांके पांडेय ने कहा कि पूर्ति विभाग के अफसर कोटेदारों का शोषण कर रहे हैं. वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता के बाद भी कोटेदारों को परेशान किया जा रहा है. कोटेदार अपने अधिकार के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.
जांच में अनियमितता मिलने पर कोटे की दुकान को निरस्त किया गया है. कोटेदार बेवजह दबाव डाल रहे हैं. कार्यालय में आकर धरना दिया और बाहर नहीं निकलने दे रहे थे. समझाने के बाद शांत हुए.
-विनय सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी