देवरिया : बुधवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल देवरिया पहुंची. जिले में निर्धारित कार्यक्रम के तहत पुलिस लाइन पहुंची. यहां उन्होंने कृषि एवं विकास पर आधारित प्रर्दशनी का अवलोकन किया. इसके पूर्व उन्होंने फीता काटकर लगाये गये स्टॉल प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया. इस दौरान उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 3 करोड़ 56 लाख 25 हजार का प्रतीक चेक प्रदान किया.
कार्यक्रम के दौरान महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा कि पहले महिलाओं को अवसर नहीं मिलता था. स्वयं सहायता समूह बनने से पूरे देश की महिलायें जागरुक हुईं हैं. अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छे कार्य करने लगीं. महिलाएं जो भी कार्य करती हैं, मन से और समय से करती हैं इसलिए महिलाएं सफल हुई हैं. महिलाओं को सशक्त और बेटी को पढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को अपना कर महिलाएं अब इस योजना के तहत कार्य कर रही हैं और योजनाओं से जुड़ी हुईं हैं.
उन्होंने कहा कि संचालित योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी यदि महिलाओं के माध्यम से हो, तो काफी जन जागरुकता आयेगी. इसके लिए उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की योजनाओं की आपस में चर्चा करने तथा लोगों को उसे बताये जाने पर बल दीं. उन्होंने कहा कि 'कन्या सुमंगला योजना' राज्य सरकार की अच्छी योजना है, इससे महिला साक्षरता बढ़ेगी. इसे स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आगे बढ़ाना चाहिए. आयुष्मान भारत योजना में भी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की भागीदारी, यदि ली जाये तो काफी इसमें बढ़िया परिणाम आयेगा. उन्होंने कहा कि कैम्प लगाकर संचालित योजनाओं का लाभ मिले महिलाओं को जागरुक करें, इसके लिये वे कार्य करें. कुपोषित बच्चे का जन्म न हो, इसके लिए भी वे लोगों में जागरुकता लाएं. राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा इसके लिए 5 हजार रुपये गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार देने के लिए उपलब्ध कराया जाता है, जिसके लिए वे महिलाओं को बताएं और उसका उपयोग कराएं.
महामहिम राज्यपाल ने कहा कि दहेज की मांग करना शिक्षा का मतलब नहीं हो सकता. महिलाएं बीड़ा उठाएं कि दहेज की मांग नही करेगीं. यदि आप ऐसा करेंगी तो समाज में आपकी इज्जत बढ़ेगी. आप सब में ताकतें और यह कौशल भी है. सही समय पर सही निर्णय करने की कुशलता आप सभी में है. बाल विवाह सहित अन्य कुरीतियों को रोकने में भी आप सभी बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाएं.
राज्यपाल द्वारा कहा गया कि सोच बदलनी चाहिए. बच्चों व रोगियों को पौष्टिक आहार में हम क्या खिलाते हैं यह देखना चाहिए. पौष्टिक आहार के तहत मूंगफली, चना और फल दें. सबसे ज्यादा ऐसे रोगियों को प्रेम की आवश्यकता होती है. अगर चिकित्सक ऐसे रोगियों के घर जायेंगे तो घर वाले भी इनका ध्यान रखने के लिए प्रेरित होगें. उन्होंने कहा कि स्वयं मजबूत बनें और बच्चों को भी मजबूत बनायें. बताया गया कि पुराने सहित लगभग 240 क्षय रोगी अभी हैं, जिन्हे उन्होंने एक माह के अन्दर गोद लेने तथा दूरभाष पर सूचित करने को कहा. इस अवसर पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सीडीओ, सीएमओ, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, एडीशनल एसपी सहित अन्य अधिकारी जो क्षय रोगियों को गोद लिए हैं उन्हें राज्यपाल महोदया ने प्रमाण पत्र प्रदान किया. साथ ही 28 रोगियों को कंबल व दवा किट आदि भी दिया गया.
राज्यपाल महोदया कृषि उत्पादन संगठन एवं प्रगतिशील कृषकों से भी रुबरु हुईं. उन्होंने कहा कि भारत का किसान सोच रहा है कि कम लागत, पानी का बचाव और रासायनिक खादों का उपयोग बन्द कर किस तरह कम लागत में अपनी आय को बढ़ा सकें, उसके लिये वह कार्य कर रहा है. अपनी तरह से उसकी कीमत तय कर बाजार में उसे बेच सकें इस दिशा में भी वे काम कर रहे हैं. यंत्र का उपयोग कर एवं नवाचारों का प्रयोग कर किसान को समृद्धि बनाना एवं 2020 तक उनकी आय को दोगुनी करना है. ड्रिप स्प्रिगंलर द्वारा पानी की बचत, सोलर पम्प द्वारा बिजली की कमी व जैविक व आर्गेनिक खादों का प्रयोग कर कृषि में कम लागत किया जा सकता है.
किसानों से कांटेक्ट खेती की बातें सुनकर उन्होंने कहा कि नावार्ड भी इसमें कार्य कर सकता है. कृषि व पशुपालन एक दूसरे के पूरक हैं. उत्तर प्रदेश में 2 बड़े प्रोजेक्ट एक वाराणसी में 10 हजार गायों का गौशाला बनायें जाने का कार्य चल रहा है. लखनऊ में भी 10 से 12 हजार के गायों की क्षमता की गौशाला बनाये जाने का एमओयू साइन हुआ है. इन गौशालाओं के गोबर आदि से कम्पोष्ट खाद मिलेगी, जिससे किसानों को काफी सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि कृषक समृद्ध बनेगें तो पूरा देश समृद्धशाली होगा.
राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा गरीबों को छत उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास शहरी एवं ग्रामीण योजना चलाई गयी है, जिसके द्वारा गरीबों को छत मिला और उनका सपना पूरा हुआ. इसके साथ ही उन्हें उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेन्डर मिला और इस वर्ष भी एक करोड़ महिलाओं को उपलब्ध कराये जाने का बजट में प्राविधान किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे आवासों के छतों पर सब्जी उगाएं, इससे पोष्टिक आहार भी मिलेगा. हालांकि इसके लिये प्रशिक्षण देने की जरुरत है. उन्होंने गरीबों को छत उपलब्ध कराये जाने की इस योजना के लिए केन्द्र व राज्य सरकार को धन्यवाद दिया.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आकांक्षा समिति द्वारा देवरिया में सराहनीय कार्य किया गया है, उसका लाभ मिलने लगा है. शिक्षित व प्रबुद्धजन जब गांवों व दूर-दराज में जाएंगें तो घरों में बैठी महिलाएं भी जागरुक होंगी और समाज में जो खाई है वह दूर होगी. उन्होंने कहा कि जब कोई महिला गांव में बात बताती है, तो उसे लोग ध्यान से सुनते हैं और उन्हे लगता है कि कही हुई बात सही है तो उसे परिवार भी अमल में लाते हैं. उन्होंने कहा कि आंगनवाडी बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है. आगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लेने के लिए भी लोगों को आगे आना चाहिए, इसके लिए कॉलेजों को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए. वे आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लें और बच्चों के लिए जो आवश्यकता है उसे उपलब्ध कराएं. उन्होंने 40 वर्ष से उपर महिलाओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए कैम्प लगाये जाए. महिला चिकित्सक आदि भी उनका अनुश्रवण करें और ऐसे महिलाओं की कठिनाइयां हो, उसे अस्पतालो में लाकर दूर भी करायें.
समूह की महिलाओं को दिया गया प्रमाणपत्र
राज्यपाल द्वारा समूह की महिलाओं को 3 करोड़ 56 लाख 25 हजार का प्रतीक चेक राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत उन्हे स्वालम्बन के लिए दिया गया, जिसे अनामिका सिंह, रीना देवी, अर्चना सिंह आदि ने प्राप्त किया. विद्युत बिल के संग्रह हेतु समूह की महिला राधा कुशवाहा व रिन्कु देवी को थर्मल प्रिन्टर, प्रतिभा देवी व शीला देवी, रतन देवी, वर्फी देवी सहित स्वयं सहायता समूह की 5 महिलाओं को सामूदायिक शौचालय की चाबी दी गयी.