ETV Bharat / state

देवरिया: जिले की बेटियों ने बढ़ाया देश का मान, विदेशों में भी चर्चा - won gold for country

हौसलों में उड़ान हो तो आप हर ऊंचाई छू सकते हैं. देवरिया जनपद की दो बेटियों ने इस कथन को सत्य कर दिखाया है. ताइक्वांडो चैंपियनशिप में देश के लिए गोल्ड और सिल्वर जीतकर रिया और प्रियंका ने प्रदेश सहित देश का मान बढ़ाया है.

गोल्ड मेडलिस्ट प्रियंका
author img

By

Published : Mar 8, 2019, 3:55 AM IST

देवरिया : जनपद की दो होनहार बेटियों ने देश ही नहीं विदेश में भी अपना परचम लहराया दिया. 2018 में थाईलैंड में हुए इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप ओलंपिक गेम में दोनों बेटियों ने गोल्ड और सिल्वर जीत कर जनपद का नाम रोशन कर दिया.

गोल्ड जीत बढ़ाया देश और प्रदेश का मान


सदर कोतवाली के रामनाथ मोहल्ले की रहने वाली प्रियंका और रिया ने यह साबित कर दिखाया कि आज के इस परिवेश में बेटियां बेटों से कम नहीं है. 2018 में थाईलैंड में हुए आठवीइंटरनेशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप ओलंपिक गेम में प्रियंका ने गोल्ड और रिया कनौजिया ने सिल्वर जीत कर जिला ही नहीं बल्कि देश का नाम भी रोशन किया.


ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए रिया ने बताया कि जब वह दूसरी क्लास में जब पढ़ती थीं तब से ताईक्वांडो सीख रही हैं. उन्होनें कहा कि मैने पहला गेम 2011 में खेला था. जब हम लोग सुबह दोस्तों के साथ घूमने जाते थे तो स्टेडियम में बच्चों को गेम खेलते देखती थी. तभी मेरे मन में इस खेल के प्रति इच्छा जागृत हुई. मैने अभी 11 नेशनल गेम खेला है. उन्होंने कहा किमैं लड़कियों से कहना चाहूंगी कि इस गेम से वो अपना बचाव खुद कर सकती हैं और अपना कैरियर बना सकती हैं.

undefined


वहीं गोल्ड मेडल जीतने वाली प्रियंका ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि मैं 2012 से यह गेम खेल रही हूंऔर अभी तक 30 मेडल जीत चुकी हूं. इस खेल ने मुझे जीना सिखाया है और मेरा कहना है कि सभी लड़कियों को इस खेल से जुड़ना चाहिए.

देवरिया : जनपद की दो होनहार बेटियों ने देश ही नहीं विदेश में भी अपना परचम लहराया दिया. 2018 में थाईलैंड में हुए इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप ओलंपिक गेम में दोनों बेटियों ने गोल्ड और सिल्वर जीत कर जनपद का नाम रोशन कर दिया.

गोल्ड जीत बढ़ाया देश और प्रदेश का मान


सदर कोतवाली के रामनाथ मोहल्ले की रहने वाली प्रियंका और रिया ने यह साबित कर दिखाया कि आज के इस परिवेश में बेटियां बेटों से कम नहीं है. 2018 में थाईलैंड में हुए आठवीइंटरनेशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप ओलंपिक गेम में प्रियंका ने गोल्ड और रिया कनौजिया ने सिल्वर जीत कर जिला ही नहीं बल्कि देश का नाम भी रोशन किया.


ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए रिया ने बताया कि जब वह दूसरी क्लास में जब पढ़ती थीं तब से ताईक्वांडो सीख रही हैं. उन्होनें कहा कि मैने पहला गेम 2011 में खेला था. जब हम लोग सुबह दोस्तों के साथ घूमने जाते थे तो स्टेडियम में बच्चों को गेम खेलते देखती थी. तभी मेरे मन में इस खेल के प्रति इच्छा जागृत हुई. मैने अभी 11 नेशनल गेम खेला है. उन्होंने कहा किमैं लड़कियों से कहना चाहूंगी कि इस गेम से वो अपना बचाव खुद कर सकती हैं और अपना कैरियर बना सकती हैं.

undefined


वहीं गोल्ड मेडल जीतने वाली प्रियंका ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि मैं 2012 से यह गेम खेल रही हूंऔर अभी तक 30 मेडल जीत चुकी हूं. इस खेल ने मुझे जीना सिखाया है और मेरा कहना है कि सभी लड़कियों को इस खेल से जुड़ना चाहिए.

Intro:देवारिया जनपद की दो होनहार बेटियों ने जिला और प्रदेश ही नही विदेश में भी अपना परचम लहराया और साबित कर दिया की लड़किया भी देश का नाम रोशन कर सकती है । 2018 में थाईलैंड में हुये आठवी तिराक इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैम्पियन शिप ओलंपिक गेम में दोनो बेटियों ने गोल्ड और सिल्वर जीत कर जनपद का नाम रोशन किया।



Body:सदर कोतवाली के रामनाथ मोहल्ले की रहने वाली प्रियंका और रिया ने यह साबित कर दिखाया कि आज के इस परिवेश में बेटियां बेटो से कम नही है 2018 में थाईलैंड में हुये आठवी तिराक इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैम्पियन शिप ओलंपिक गेम में प्रियंका ने गोल्ड और रिया कनौजिया ने सिल्वर जीत कर जिला ही नही बल्कि देश का नाम भी रोशन किया।

रिया ने ईटीवी भारत से खाश बात चीत करते हुये कहा कि मैं दूसरी क्लास में जब पढ़ती थी तब से ताईक्वांडो सिख रही हु।मैने पहला गेम 2011 में खेला था दस साल हो गये मुझे गेम खेलते जब हम लोग सुबह बच्चो के साथ घूमने जाते थे तो स्टेडियम में बच्चे सुबह गेम खेलते थे मैने अपने दोस्तों से पता किया और उसमें अपने मम्मी से बोल कर नाम लिखवाया। मैने अभी 11 नेशनल गेम खेला है दिल्ली एमपी आगरा छत्तीसगढ़ और 2018 में थाईलैंड में खेला था जिसमे मैने सिल्वर मेडल जीता था । मैं उन लड़कियों के लिये कहना चाहूंगी कि जो इस गेम से लडकियो को खेलना चाहिये जिससे वो अपना बचाव खुद कर सकती है । और अपना कैरियर बना सकती है इस गेम से लडकिया मेडल ला कर लड़को का मुकाबला कर सकती है।


Conclusion:वही गोल्ड मेडल जीतने वाली प्रियंका ने भी ईटीवी भारत से बातचित करते कहना था कि मैं 2012 से यह गेम खेल सिख रही हु । ताईक्वांडो लड़कियों के लिये बहुत अच्छी गेम है लड़कियां खुद अपनी रक्षा कर सकती है मैं अभी तक 30 मेडल जीत चुकी हूं। हरियाणा मुम्बई एमपी तिलंग्गान आगरा छत्तीसगढ़ और थाईलैंड तक खेल चुकी हूं लड़कियों के लिये कहा कि लड़किया सोचती है कि हम कुछ कर रही सकती बहुत डर कर रहती है उनको डर हटाना चाहिये इस गेम से लडकिया अपने आप को खुद बच्चा सकती है । यह गेम लड़कियों को खेलना चाहिये।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.