देवरिया: बिजली विभाग हर साल उपभोक्ताओं से लाखों करोड़ों की कमाई कर रही है. सरकार को भी करोड़ों रुपये राजस्व विभाग से मिल रहा है, लेकिन इसके बावजूद बिजली कंपनी और सरकार विद्युत विभाग के कर्मचारियों की सुरक्षा एवं सेवाओं को लेकर गंभीर नहीं है. जिले के विद्युत केंद्र में बिजली विभाग के कर्मचारी वर्षो पुराने जर्जर भवन में अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करने को मजबूर हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के मौसम में उन्हें झेलना पड़ता है. भवन में चारों तरफ दरार पड़ गई है. जगह-जगह से भवन का प्लास्टर गिर रहा है, लेकिन इसके बाद भी बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की नजर इस भवन पर नहीं पड़ती.
जान जोखिम में डाल ड्यूटी करने को मजबूर है कर्मचारी
दरअसल, आपको बताते चलें कि जिले का भटनी विद्युत उप केंद्र इस समय अपने बदहाली पर रो रहा है. भवन का पूरा परिसर जर्जर हो चुका है. इसके बावजूद यहां के के विद्युत कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर नौकरी करने को मजबूर है. लेकिन इन कर्मचारियों का दर्द कोई सुनने वाला नहीं है. इस विद्युत केंद्र की नींव सन 2003 में रखी गई थी. उस समय से लेकर अभी तक इस भवन की मरम्मत नहीं हुई है, जिसकी वजह से अब इस केंद्र का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
कर्मचारियों के लिए नहीं है कोई आवास
विद्युत विभाग प्रदेश सरकार को हर साल करोड़ों का राजस्व देता है, लेकिन उसके बाद भी विद्युत कर्मचारियों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है. भटनी विद्युत उप केंद्र पर तैनात कर्मचारियों के लिए कोई आवास की सुविधा नहीं है, जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन विभाग की और अधिकारियों की उदासीनता के कारण उन्हें यह दिन देखने पड़ते हैं.
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नहीं है सुरक्षा की व्यवस्था
भटनी विद्युत उपकेंद्र पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से विभाग की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं है. इस केंद्र पर न तो आग बुझाने की फायर सिलेंडर की व्यवस्था है. न ही केंद्र के चारों तरफ बाउंड्री, जिसके वजह से हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. बाउंड्री न होने के कारण कोई भी जानवर केंद्र में प्रवेश कर जाता है. जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है, लेकिन यह सब कुछ देख कर विभाग उदासीन बना हुआ है.
वहीं इस दौरान विद्युत विभाग के कर्मचारी मेवा लाल विश्वकर्मा और अनिल का कहना था कि भवन तो जर्जर हो चुका है. लेकिन जान जोखिम में डाल कर ड्यूटी तो करनी पड़ रही है. भवन के लिए कई बार अधिकारियों को पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
इस दौरान विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता बीपी यादव का कहना था कि हमको 10 केंद्रों का सर्वे मिला है. इसमें एक भटनी भी है. जिसको हमने मौके पर जाकर देखा है. वहां पर समस्याएं हैं. भवन बहुत ही पहले का बना है, जो अब जर्जर हो चुका है. उसको हमने देखा है और वहां पर चारों तरफ बाउंड्री नहीं है. जिसकी वजह से बाहर से जानवर अंदर घुस जाते हैं. बाउंड्री होनी चाहिए इन सभी बिंदुओं को हमने सूची बनाकर अपने मुख्यालय पर भेजा है. भवन का कार्य हमारे सिविल डिवीजन किए अधिकारी करते हैं और सिविल वाले आकर इस भवन का निरीक्षण करेंगे.