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'मन नहीं लग रहा है, जान देने जा रहा हूं', वाट्सएप पर लिखने के बाद नदी में कूदकर दी जान - लॉकडाउन समाचार

लॉकडाउन में गुजरात में फंसे देवरिया एक युवक ने परिजनों को वाट्सएप पर मैसेज भेजने के बाद जान दे दी. मृतक का शव शनिवार को नदी से गुजरात पुलिस ने बरामद किया. वहीं इसकी सूचना मिलते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया.

lockdown in deoria
युवक ने की आत्महत्या
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Published : Apr 19, 2020, 1:01 PM IST

देवरिया: सलेमपुर कोतवाली क्षेत्र के रामपुर बुजुर्ग गांव का रहने वाला नीतेश गुजरात प्रांत के दादोह जिला के लिमडी थाना क्षेत्र में एक टोल प्लाजा पर काम करता था. पिछले वर्ष इंटर की परीक्षा में फेल होने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी. घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते जनवरी माह में वह गुजरात कमाने चला गया था.

गुजरात में फंस गया था नीतेश
कोरोना वायरस का सक्रमण बढ़ने के बाद 24 मार्च से पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया. कोरोना वायरस की वजह से सभी टोल प्लाजों को बंद कर दिया गया और लॉकडाउन के कारण नीतेश वहीं पर फंस गया. 16 अप्रैल को उसने अपने बड़े भाई मुकेश के वाट्सएप पर मैसेज किया कि मन नहीं लगने के कारण वह जान देने जा रहा है.

भाई को किया था मैसेज
इस मैसेज को भेजने के बाद नीतेश का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. भाई मुकेश ने परिजनों को सूचना दी तो घर में कोहराम मच गया. मुकेश ने गुजरात में मौजूद नीतेश के साथ काम करने वाले गांव के जयगोविंद कुशवाहा से बात कर पूरी जानकारी ली. जयगोविंद ने मुकेश को बताया कि मैंने उसे काफी ढूंढ़ा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला रहा.

नदी में कूदकर दी जान
इसके बाद जयगोविंद ने लिमडी थाने में सूचना दी. 17 अप्रैल को गुजरात पुलिस ने नीतेश टोल प्लाजा पर पूछताछ की, जहां नीतेश काम करता था. शनिवार को नीतेश का शव टोल प्लाजा के पास बहने वाली मांचल नदी से गुजरात पुलिस ने बरामद किया. वहीं नीतेश का शव मिलने के बाद उसके दोस्त जयगोविंद ने फोन पर इसकी सूचना नीतेश के बड़े भाई मुकेश को दी, जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया.

दोस्त ने किया अंतिम संस्कार
मुकेश ने बताया कि लॉकडाउन के चलते गुजरात जा पाना संभव नहींं है. ऐसे में जयगोविंद को ही पंचनामा आदि की प्रक्रिया पूरी कराने के बाद वहीं पर अंतिम संस्कार कराने को कहा गया है. मुकेश के अनुसार नीतेश ने फोन पर लॉकडाउन में राशन न मिलने से खाने-पीने में दिक्कत होने की बात बताई थी.

देवरिया: सलेमपुर कोतवाली क्षेत्र के रामपुर बुजुर्ग गांव का रहने वाला नीतेश गुजरात प्रांत के दादोह जिला के लिमडी थाना क्षेत्र में एक टोल प्लाजा पर काम करता था. पिछले वर्ष इंटर की परीक्षा में फेल होने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी. घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते जनवरी माह में वह गुजरात कमाने चला गया था.

गुजरात में फंस गया था नीतेश
कोरोना वायरस का सक्रमण बढ़ने के बाद 24 मार्च से पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया. कोरोना वायरस की वजह से सभी टोल प्लाजों को बंद कर दिया गया और लॉकडाउन के कारण नीतेश वहीं पर फंस गया. 16 अप्रैल को उसने अपने बड़े भाई मुकेश के वाट्सएप पर मैसेज किया कि मन नहीं लगने के कारण वह जान देने जा रहा है.

भाई को किया था मैसेज
इस मैसेज को भेजने के बाद नीतेश का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. भाई मुकेश ने परिजनों को सूचना दी तो घर में कोहराम मच गया. मुकेश ने गुजरात में मौजूद नीतेश के साथ काम करने वाले गांव के जयगोविंद कुशवाहा से बात कर पूरी जानकारी ली. जयगोविंद ने मुकेश को बताया कि मैंने उसे काफी ढूंढ़ा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला रहा.

नदी में कूदकर दी जान
इसके बाद जयगोविंद ने लिमडी थाने में सूचना दी. 17 अप्रैल को गुजरात पुलिस ने नीतेश टोल प्लाजा पर पूछताछ की, जहां नीतेश काम करता था. शनिवार को नीतेश का शव टोल प्लाजा के पास बहने वाली मांचल नदी से गुजरात पुलिस ने बरामद किया. वहीं नीतेश का शव मिलने के बाद उसके दोस्त जयगोविंद ने फोन पर इसकी सूचना नीतेश के बड़े भाई मुकेश को दी, जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया.

दोस्त ने किया अंतिम संस्कार
मुकेश ने बताया कि लॉकडाउन के चलते गुजरात जा पाना संभव नहींं है. ऐसे में जयगोविंद को ही पंचनामा आदि की प्रक्रिया पूरी कराने के बाद वहीं पर अंतिम संस्कार कराने को कहा गया है. मुकेश के अनुसार नीतेश ने फोन पर लॉकडाउन में राशन न मिलने से खाने-पीने में दिक्कत होने की बात बताई थी.

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