देवरिया : जनपद में पूछताछ के नाम पर दो बहनों को टॉर्चर करने वाले सिपाही संपत वर्मा और दारोगा अखिलेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है. एसपी डॉ. श्रीपति ईशर ने सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी को मामले की जांच का आदेश दिया है. आरोप है कि जनपद की रामपुर कारखाना पुलिस कुशीनगर की दो सगी बहनों को बिना किसी अधिकारी को सूचना दिए पूछताछ के लिए लेकर चली आई थी. पीड़ित किशोरियों के परिजनों ने पुलिस पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया था. उच्चाधिकारियों तक मामला पहुंचने के बाद कार्रवाई की गई.
यह था पूरा मामला
27 मई को कुशीनगर जिले के खड्डा थाना क्षेत्र के एक गांव से दो किशोरियों को बिना मुकदमा दर्ज किए ही देवरिया पुलिस जबरन लेकर आई थी. आरोप है कि देवरिया जिले की रामपुर कारखाना थाने के दारोगा अखिलेश कुमार पुलिसकर्मियों के साथ किशोरियों को जबरन उठाकर लाए थे. किशोरियों के परिजनों ने पुलिस पर 7 घंटे तक टॉर्चर करने व मारपीट करने का आरोप लगाया था. मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि ने इस मामले को राष्ट्रीय व राज्य बाल आयोग और शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचाया. मामला तूल पकड़ने पर देवरिया पुलिस ने गलती मानते हुए जांच की बात कही थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए देवरिया के एसपी डॉ. श्रीपति ईशर ने रामपुर कारखाना थाने में तैनात दारोगा अखिलेश कुमार व हेड कांस्टेबल संपत वर्मा को निलंबित कर दिया है.
परिजनों ने की आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग
मामले की जांच चल रही है. इस बीच पीड़ित के परिजनों ने सोमवार को दोबारा उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा है. पत्र में आरोपी दारोगा व हेड कांस्टेबल के खिलाफ अपहरण, छेड़छाड़, मारपीट और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है. घटना के बाद से दोनों लड़कियां सदमे में हैं. वहीं पीड़ित के परिजनों का कहना है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर लेंगे.
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