ETV Bharat / state

ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने महिला के पेट में छोड़ा कपड़ा, यूं हुआ खुलासा

देवरिया के संजीवनी हॉस्पिटल की डॉ. रेनू जायसवाल पर परिजनों ने आरोप लगाया है कि गर्भवती महिला के ऑपरेशन के दौरान उन्हें महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया, जिससे महिला अब जिंदगी और मौत से जूझ रही है.

देवरिया के संजीवनी हॉस्पिटल
देवरिया के संजीवनी हॉस्पिटल
author img

By

Published : Jul 27, 2022, 5:31 PM IST

Updated : Jul 27, 2022, 6:01 PM IST

देवरिया: धरती का भगवान डॉक्टर को माना जाता है. लेकिन क्या हो जब डॉ. ही लापरवाह हो जाय और मरीज के जान से खिलवाड़ करने लगे? जी हां कुछ ऐसा ही मामला देवरिया से सामने आया है. यहां एक लापरवाह महिला डॉ. ने मरीज की जान से खिलवाड़ किया है, जिसका नातिजा यह है कि अब मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रही है.

दरअसल, बरहज तहसील के कपरवार गांव की रहने वाली शिक्षा मित्र प्रियंका मिश्रा गर्भवती थी, जिसका इलाज जिला मुख्यालय के चर्चित डॉ. रेनू जायसवाल के संजीवनी हॉस्पिटल में कराया जा रहा था. इसी कड़ी में 11 जून को महिला को भर्ती कराया और 12 जून को ऑपरेशन से प्रियंका मिश्रा ने बच्चे को जन्म दिया. डॉ. ने 20 जून डिस्चार्ज कर घर भेज दिया. दो-तीन दिन बाद से ही प्रियंका के पेट में अचानक दर्द के साथ ही सूजन होने लगी, जिस पर परिजन फिर डॉ. रेनू जायसवाल के पास उसे लेकर गए.

यह भी पढ़ें- पीलीभीत: स्वास्थ विभाग की बड़ी लापरवाही, 25 जुलाई का कोरोना सैंपल 11 जुलाई की बना दी रिपोर्ट

परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉ. रेनू जायसवाल हम लोगों पर ही भड़क गई और लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगा दिया. साथ ही मरीज को मेडिकल कॉलेज गोरखपुर जाने की सलाह दी. लेकिन परिजनों ने देवरिया के सावित्री नर्सिंग होम में दिखाया, जहां 20 जुलाई को डॉ ने MRI कराया, जिसमें महिला के पेट के अंदर कुछ होना आया. 21 जुलाई को महिला का फिर ऑपरेशन हुआ. इस दौरान महिला के पेट से कपड़ा (गाज) निकला, जो प्रसव ऑपरेशन के दौरान डॉ. रेनू जायसवाल ने पेट में ही छोड़ा दिया था, जिसे देख परिजन के होश उड़ गए.

परिजनों का आरोप है कि डॉ. रेनू जायसवाल ने जब ऑपरेशन किया था तो उन्होंने मरीज की पेट के अंदर गाज छोड़ दिया. यहीं गाज धीरे-धीरे पेट में सड़ने लगा, जिससे मवाद और घाव बन गया. अब महिला मरीज प्रियंका जिंदगी और मौत के बीच सावित्री हास्पीटल देवरिया में जुझ रही है. परिजनों का कहना है कि उन्होंने जिला प्रशासन के कई अधिकारियों से मामले की शिकायत भी की है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

वहीं, आरोपी चिकित्सक डॉ. रेनू जायसवाल का कहना है कि अगर महिला के पेट के अंदर कोई गाज और कपड़ा छूटा है. वह भी लगभग 01 महीने से तो वह अभी तक कैसे सरवाइव कर रही थीं. उन्होंने कहा कि ये आरोप गलत है. जबकि CMO ने पूरे मामले पर त्रिस्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है, जो भी दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

देवरिया: धरती का भगवान डॉक्टर को माना जाता है. लेकिन क्या हो जब डॉ. ही लापरवाह हो जाय और मरीज के जान से खिलवाड़ करने लगे? जी हां कुछ ऐसा ही मामला देवरिया से सामने आया है. यहां एक लापरवाह महिला डॉ. ने मरीज की जान से खिलवाड़ किया है, जिसका नातिजा यह है कि अब मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रही है.

दरअसल, बरहज तहसील के कपरवार गांव की रहने वाली शिक्षा मित्र प्रियंका मिश्रा गर्भवती थी, जिसका इलाज जिला मुख्यालय के चर्चित डॉ. रेनू जायसवाल के संजीवनी हॉस्पिटल में कराया जा रहा था. इसी कड़ी में 11 जून को महिला को भर्ती कराया और 12 जून को ऑपरेशन से प्रियंका मिश्रा ने बच्चे को जन्म दिया. डॉ. ने 20 जून डिस्चार्ज कर घर भेज दिया. दो-तीन दिन बाद से ही प्रियंका के पेट में अचानक दर्द के साथ ही सूजन होने लगी, जिस पर परिजन फिर डॉ. रेनू जायसवाल के पास उसे लेकर गए.

यह भी पढ़ें- पीलीभीत: स्वास्थ विभाग की बड़ी लापरवाही, 25 जुलाई का कोरोना सैंपल 11 जुलाई की बना दी रिपोर्ट

परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉ. रेनू जायसवाल हम लोगों पर ही भड़क गई और लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगा दिया. साथ ही मरीज को मेडिकल कॉलेज गोरखपुर जाने की सलाह दी. लेकिन परिजनों ने देवरिया के सावित्री नर्सिंग होम में दिखाया, जहां 20 जुलाई को डॉ ने MRI कराया, जिसमें महिला के पेट के अंदर कुछ होना आया. 21 जुलाई को महिला का फिर ऑपरेशन हुआ. इस दौरान महिला के पेट से कपड़ा (गाज) निकला, जो प्रसव ऑपरेशन के दौरान डॉ. रेनू जायसवाल ने पेट में ही छोड़ा दिया था, जिसे देख परिजन के होश उड़ गए.

परिजनों का आरोप है कि डॉ. रेनू जायसवाल ने जब ऑपरेशन किया था तो उन्होंने मरीज की पेट के अंदर गाज छोड़ दिया. यहीं गाज धीरे-धीरे पेट में सड़ने लगा, जिससे मवाद और घाव बन गया. अब महिला मरीज प्रियंका जिंदगी और मौत के बीच सावित्री हास्पीटल देवरिया में जुझ रही है. परिजनों का कहना है कि उन्होंने जिला प्रशासन के कई अधिकारियों से मामले की शिकायत भी की है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

वहीं, आरोपी चिकित्सक डॉ. रेनू जायसवाल का कहना है कि अगर महिला के पेट के अंदर कोई गाज और कपड़ा छूटा है. वह भी लगभग 01 महीने से तो वह अभी तक कैसे सरवाइव कर रही थीं. उन्होंने कहा कि ये आरोप गलत है. जबकि CMO ने पूरे मामले पर त्रिस्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है, जो भी दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jul 27, 2022, 6:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.