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पुल का एप्रोच टूटा, सड़कों में बने गड्ढे दे रहे मौत को दावत

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में गंडक नदी पर बने पुल का एप्रोच टूट चुका है. पुल को जोड़ने वाली सड़क भी जर्जर हो चुकी है. यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे.

देवरिया
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Published : Mar 31, 2021, 5:40 PM IST

देवरियाः जिले में विकास कार्यों में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. विभिन्न मौकों पर आरोप व शिकायतें सही भी पाई गई हैं. कई बार सड़कें खुद ही गुणवत्ता की पोल खोल देती हैं. ऐसी ही कुछ कहानी है जिले के भटनी थाना क्षेत्र के छोटी गंडक नदी पर बने दनउर घाट पुल की. यहां पुल को जोड़ने वाला एप्रोच बिल्कुल टूट चुका है. पुल से जोड़ने वाली सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

देवरिया में हादसे की आशंका

2014 में हुआ था निर्माण
इस पुल का निर्माण 28 फरवरी 2014 में सपा सरकार में किया गया था और इसका उद्घाटन शिवपाल सिंह यादव ने किया था. फिर यह धीरे-धीरे जर्जर होने लगा. सरकार बदल गई और अब अखिलेश यादव के बाद योगी सरकार आ गई लेकिन इस पुल और सड़क का हाल जर्जर ही है.

गड्ढामुक्त सड़क का था वादा
आपको बताते चलें कि प्रदेश सरकार पुल और सड़कों के निर्माण करने का दावा करती है और पूरे प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने का भी वादा जनता को किया था लेकिन अभी तक सरकार अपने वादों को पूरा नहीं कर सकी. कुछ ऐसी ही तस्वीर ईटीवी भारत आपको दिखाने जा रहा है. यहां पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से सड़कें और पुल बिल्कुल जर्जर हो चुकी हैं. हम बात कर रहे हैं जिले के भटनी थाना क्षेत्र के दनउर घाट के छोटी गंडक नदी पर बने पुल की जो इस समय काफी जर्जर हो चुका है. पुल के दोनों तरफ से जोड़ने वाले एप्रोच टूट चुके हैं. काफी बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

राहगीर परेशान
वहीं जनप्रतिनिधियों और अधीकारियों की उदासीनता के चले यहां के स्थानीय निवासियों और आने-जाने वाले राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस पुल से प्रतिदिन जनप्रतिनिधियों और अधीकारियों का आना जाना होता है, लेकिन किसी ने भी समस्या पर ध्यान नहीं दिया.

इसे भी पढ़ेंः सीएमओ ऑफिस में शराब ले जाने का वीडियो वायरल, डीएम ने दिए जांच के आदेश

ये बोले अधिकारी
इस दौरान निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता कमल किशोर का कहना था कि पुल के एप्रोच के विशेष मरम्मत के लिए आंकड़न शासन को भेजा गया है. हमने अभी जेई को निर्देशित कर दिया है. उन गड्ढों में मिट्टी और दोनों साइड रोड के किनारे सेफ्टी साइन बोर्ड लगा दें और इसके बाद ड्रम पर खतरे का निशान लगवा दें और जैसे ही आकड़न शासन से स्वीकृत होकर आएगा उस पर कार्य लगा दिया जाएगा. इस पुल के एप्रोच के लिए शासन में 38 लाख का एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है.

देवरियाः जिले में विकास कार्यों में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. विभिन्न मौकों पर आरोप व शिकायतें सही भी पाई गई हैं. कई बार सड़कें खुद ही गुणवत्ता की पोल खोल देती हैं. ऐसी ही कुछ कहानी है जिले के भटनी थाना क्षेत्र के छोटी गंडक नदी पर बने दनउर घाट पुल की. यहां पुल को जोड़ने वाला एप्रोच बिल्कुल टूट चुका है. पुल से जोड़ने वाली सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

देवरिया में हादसे की आशंका

2014 में हुआ था निर्माण
इस पुल का निर्माण 28 फरवरी 2014 में सपा सरकार में किया गया था और इसका उद्घाटन शिवपाल सिंह यादव ने किया था. फिर यह धीरे-धीरे जर्जर होने लगा. सरकार बदल गई और अब अखिलेश यादव के बाद योगी सरकार आ गई लेकिन इस पुल और सड़क का हाल जर्जर ही है.

गड्ढामुक्त सड़क का था वादा
आपको बताते चलें कि प्रदेश सरकार पुल और सड़कों के निर्माण करने का दावा करती है और पूरे प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने का भी वादा जनता को किया था लेकिन अभी तक सरकार अपने वादों को पूरा नहीं कर सकी. कुछ ऐसी ही तस्वीर ईटीवी भारत आपको दिखाने जा रहा है. यहां पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से सड़कें और पुल बिल्कुल जर्जर हो चुकी हैं. हम बात कर रहे हैं जिले के भटनी थाना क्षेत्र के दनउर घाट के छोटी गंडक नदी पर बने पुल की जो इस समय काफी जर्जर हो चुका है. पुल के दोनों तरफ से जोड़ने वाले एप्रोच टूट चुके हैं. काफी बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

राहगीर परेशान
वहीं जनप्रतिनिधियों और अधीकारियों की उदासीनता के चले यहां के स्थानीय निवासियों और आने-जाने वाले राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस पुल से प्रतिदिन जनप्रतिनिधियों और अधीकारियों का आना जाना होता है, लेकिन किसी ने भी समस्या पर ध्यान नहीं दिया.

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ये बोले अधिकारी
इस दौरान निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता कमल किशोर का कहना था कि पुल के एप्रोच के विशेष मरम्मत के लिए आंकड़न शासन को भेजा गया है. हमने अभी जेई को निर्देशित कर दिया है. उन गड्ढों में मिट्टी और दोनों साइड रोड के किनारे सेफ्टी साइन बोर्ड लगा दें और इसके बाद ड्रम पर खतरे का निशान लगवा दें और जैसे ही आकड़न शासन से स्वीकृत होकर आएगा उस पर कार्य लगा दिया जाएगा. इस पुल के एप्रोच के लिए शासन में 38 लाख का एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है.

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