देवरिया: जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के जिला पंचायत कैंपस स्थित सदर सांसद डॉ. रमापति राम त्रिपाठी के आवास पर 19 नवंबर की रात साढ़े 10 बजे सांसद और भाजपा सभासद के बीच कहासुनी हो गई. यह कहासुनी टाउनहाल ऑडिटोरियम का नाम अटल बिहारी वाजपेयी रखने के नाम पर रखने के प्रकरण को लेकर हुई. इसमें सभासद ने बीजेपी सांसद पर मारने पीटने का आरोप लगाया है. सभासद ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी और एसपी से भी की है.
राघवनगर वार्ड नंबर-17 के बीजेपी सभासद आशुतोष तिवारी ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी और एसपी को भेजे पत्र में लिखा है कि 15 वर्ष से वह भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. 20 दिसंबर 2019 को नगरपालिका की बोर्ड बैठक में टाउनहाल स्थित ऑडिटोरियम का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव उन्होंने रखा था, जिसे नगरपालिका बोर्ड ने पास कर दिया. कमिश्नर ने भी संस्तुति प्रदान कर दी. इसी बीच सितंबर 2020 को प्रशासन एवं संगठन के कुछ लोगों की शह पर अज्ञात लोगों ने पूर्व सांसद स्व. मोहन सिंह की प्रतिमा स्थापित कर दी.
सभासद ने सांसद पर मारपीट का लगाया आरोप
बीजेपी सभासद आशुतोष तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया, 'मैं 19 तारीख को सांसद रमापति राम त्रिपाठी जी से मिलने उनके जिला पंचायत आवास पर गया था और मिलकर जब वापस लौट रहा था तो सांसद ने कहा तुमसे एक बात करनी है तो मैं उनके सम्मान में उनके आवास पर रुक गया. सांसद जी भोजन करने चले गए और जब भोजन करके वापस 9:45 बजे आए तो हम लोग बैठकर बातचीत करने लगे. बीजेपी के कार्यकर्ता भी मौजूद थे. जब हमारी बातचीत होने लगी तो सभी कार्यकर्ता चले गए. तब सांसद जी ने हमसे पूछा कि जो ऑडिटोरियम का प्रकरण चल रहा है, वह आपके प्रस्ताव पर हुआ है. उस प्रस्ताव को आप वापस ले लीजिए. हमने सांसद जी से कहा कि बाबूजी यह प्रस्ताव मैं वापस नहीं ले सकता, क्योंकि यह नगरपालिका के माध्यम से पास हुआ है. हम तो केवल प्रस्ताव दिए थे और इसका कमिश्नर के यहां से भी अप्रूवल आ गया है.
बीजेपी सभासद ने आगे कहा, 'इस बात पर सांसद जी ने कहा कि तुम प्रस्ताव वापस ले लोगे तो यह रिटर्न हो सकता है और यह कह दो कि विधानसभा अध्यक्ष यह पहले पास किए थे और यह गलती बस हमसे हो गया तो यह प्रस्ताव कैंसिल हो जाएगा. इसकी जगह पर हम लोग बड़ा ऑडिटोरियम अटल जी के नाम से बनाएंगे. तब हमने कहा बाबूजी उनके नाम से अलग से लेकर आइए तो हम तैयार हैं, लेकिन इस मुद्दे पर हम तैयार नहीं हैं और हम पीछे नहीं हटेंगे. क्योंकि हमारा सम्मान है. फिर उन्होंने कहा कि इस जिले में किसका कितना सम्मान है, हम अच्छी तरह से जानते हैं और कौन किस लायक है. सांसद जी के इस बात पर हमने कहा कि इसमें तो हमारा सम्मान है. अन्य लोगों का हम नहीं जानते हैं.'
बीजेपी सभासद आशुतोष ने बताया, 'हमारी यह बात सुन कर सांसद जी तेज स्वर में बोले कि तुम ही जानते हो तो हमने कहा हां मैं जानता हूं. इसी बीच वहां मौजूद एक ठेकेदार मुन्ना सिंह ने मुझसे कहा कि अपना आवाज थोड़ा नीचे करके बात करो. तुम किससे बात कर रहे हो यह तुमको अंदाजा नहीं है तो मैंने उस ठेकेदार से बोला कि तुम कौन होते हो बात करने वाले. हमसे बस इतनी गलती हुई कि मैंने कहा हम इनको समझाएंगे और सांसद जी हमको समझाएंगे. इस पर सांसद जी ने कहा कि तुम हमें समझाओगे और इतना कह कर वो एकदम आक्रोशित हो गए और हमें मारने लगे. इस दौरान वहां मौजूद ठेकेदार और कार्यकर्ता हमें मारने पीटने लगे. इसी बीच वहां बैठे ठेकेदार मुन्ना सिंह उर्फ गिरीश सिंह ने हमारे ऊपर पिस्टल तान दिया और बोला कि यहां से भाग जाओ. नहीं तो तुमको जान से मार देंगे और तुमको यहां से गायब करा देंगे. कमरे में बंद करके सभी लोगों ने हमें बहुत बुरी तरह से मारा पीटा.
...तो बीजेपी सांसद होंगे जिम्मेदार
बीजेपी सभासद ने कहा कि अगर हमारे साथ कोई भी घटना घटती है या कोई अनहोनी होती है तो इसके जिम्मेदार देवरिया के सांसद डॉक्टर रमापति राम त्रिपाठी और उनके सहयोगी होंगे. हमारा पूरा परिवार सशंकित है. वहीं इस मामले पर जब ईटीवी भारत ने देवरिया सदर सांसद डॉ. रमापति राम त्रिपाठी से फोन पर बात की तो उन्होंने अपना पक्ष रखते हुये कहा कि मेरे आवास पर कोई मारपीट नहीं हुई है. सड़क पर कुछ लोगों से उनकी कहासुनी जरूर हुई. ऐसा मेरे सुनने में आया है.
बीजेपी सांसद ने दी सफाई
बीजेपी सांसद ने कहा कि सभासद मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे थे. कुछ लोगों के बहकावे में आकर वह नेतागिरी करना चाहते हैं. आरोप गलत एवं निराधार है. जहां तक ऑडिटोरियम के नामकरण का प्रश्न है तो इस बात पर क्यों मारपीट होगी. इस पर बहस जरूर हो सकती है. वहीं इस घटना के बाद बीजेपी सभासद आशुतोष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत की है.