देवरियाः जिले में एमडीआर टीबी के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. प्रतिदिन क्षय रोग (टीबी) के 10 से 12 मरीज मिल रहे हैं. जिले में जनवरी माह से 31 मार्च तक 867 मरीजों को चिन्हित किया गया है, जिसमें क्षय रोग एमडीआर के 173 मरीजों का इलाज चल रहा है. ऐसे मरीजों से बीमारी फैलने का खतरा है. इसके प्रति स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है और मरीजों को चिन्हित कर इलाज किया जा रहा है.
173 मरीज हाई रिस्क पर
प्रदेश सरकार क्षय रोग के उन्मूलन के लिए 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग अभियान चलाकर मरीजों को चिन्हित कर रहा है. इसके तहत जनवरी माह से लेकर 31 मार्च 2021 तक पूरे जिले में 867 मरीजों को चिन्हित किया गया. इसमें 173 मरीज क्षय रोग के हाई रिक्स एमडीआर श्रेणी में पाए गए हैं, जिनका इलाज स्वास्थ्य विभाग कर रहा है. इन मरीजों से बाकी और लोगों में भी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है.
एमडीआर श्रेणी खतरनाक
डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य टीबी का इलाज कराना आसान है. टीबी होने के बाद मरीज 6 माह तक बराबर दवा ले तो उसे बीमारी से छुटकारा भी मिल सकता है, लेकिन एमडीआर टीबी की श्रेणी में आने के बाद मरीज को ठीक करना आसान नहीं होता है.
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9 माह चलानी होगी मरीजों को दवा
एमडीआर टीबी की 6 दवाएं मरीजों को 2 साल तक चलाई जाती थी लेकिन अब बेडाक्विलिन नामक सातवीं दवा जोड़ दी गई है यह एक तरह की बैक्टीरियो साइडल होती है जो टीवी के बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकती है. इस दवा को केवल शुरुआती 5 माह तक लेना होता है इसके बाद दवा के कोर्स की अवधि 2 साल से घटकर 9 महीने हो जाती है, जिससे टीवी के मरीजों को दवा खाने से भी काफी राहत मिलती है.