चित्रकूट: जिले से जीते हुए प्रत्याशी के वादाखिलाफी, सरकार की उपेक्षा और अनदेखी से तंग आकर ग्रामीणों ने उपचुनाव के प्रचार के लिए आए बीजेपी प्रचारकों को गांव में घुसने नहीं दिया. मानिकपुर उपचुनाव में प्रचार के लिए आए राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के काफिला को काले झंडे और सरकार विरोधी नारों का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों का विरोध देख मंत्री के काफिला को बिना प्रचार किए ही वापस लौटना पड़ा.
ग्रामीणों ने बीजेपी प्रचारक को दिखाए काले झंडे
- ग्रामीणों ने विरोध में चमरौहां गांव में बरदाहा नदी में आई बाढ़ से बहे पुल के पुनर्निर्माण के लिए किया.
- चमरौहां में 2016 में बरदाहा नदी में बाढ़ आने से पुल बह गया था.
- इसके बाद गांव पहुंचे भाजपा लोकसभा प्रत्याशी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि जीत के बाद इसका पुनर्निर्माण किया जाएगा.
- बावजूद इसके आज तक पुल का पुनर्निर्माण नहीं हो पाया.
- इसकी वजह से बारिश के समय उफनती बरसाती नदी को पार करना दूभर हो जाता है.
मुख्यालय से कट जाने के बाद अलग-थलग पड़े चमरौहां के ग्रामीणों को आवागमन में बहुत ही परेशानियां होती हैं. ग्रामीण जान हथेली में रखकर उफनती नदी का रास्ता पार करते हैं. प्रत्याशी की वादाखिलाफी और गांव की उपेक्षाओं से परेशान ग्रामीणों ने भाजपा प्रत्याशी के प्रचार में आए राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद के काफिले को रोक दिया. लगभग आधे घंटे तक बहस बाजी के बीच ग्रामीणों ने काले झंडे दिखाए, सरकार विरोधी और मंत्री विरोधी नारे लगाए.
इसे भी पढ़ें:- 'जल्द शुरू होगा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण'- डिप्टी सीएम केशव मौर्य
ग्रामीण भाजपा कार्यकर्ताओं से लगातार यह मांग करते रहे कि जब तक कोई स्थायी हल नहीं निकलता, आप लोग हमारे गांव में प्रवेश नहीं करेंगे. आखिर में भाजपा कार्यकर्ताओं सहित राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद को बिना पार्टी के प्रचार किए वापस लौटना पड़ा.