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चित्रकूट: योगी के मंत्री को ग्रामीणों ने गांव में जाने से रोका, दिखाए काले झंडे

यूपी के चित्रकूट में जीते हुए प्रत्याशी के वादा खिलाफी के बाद उपचुनाव में पार्टी के प्रचार के लिए पहुंचे राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के काफिला को काले झंडे दिखाकर ग्रामीणों ने विरोध किया. ग्रामीण बरदाहा नदी में आई बाढ़ से बहे पुल के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे थे.

ग्रामीणों ने मंत्री को दिखाए काले झंडे.
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Published : Oct 8, 2019, 2:17 PM IST

चित्रकूट: जिले से जीते हुए प्रत्याशी के वादाखिलाफी, सरकार की उपेक्षा और अनदेखी से तंग आकर ग्रामीणों ने उपचुनाव के प्रचार के लिए आए बीजेपी प्रचारकों को गांव में घुसने नहीं दिया. मानिकपुर उपचुनाव में प्रचार के लिए आए राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के काफिला को काले झंडे और सरकार विरोधी नारों का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों का विरोध देख मंत्री के काफिला को बिना प्रचार किए ही वापस लौटना पड़ा.

ग्रामीणों ने मंत्री को दिखाए काले झंडे.


ग्रामीणों ने बीजेपी प्रचारक को दिखाए काले झंडे

  • ग्रामीणों ने विरोध में चमरौहां गांव में बरदाहा नदी में आई बाढ़ से बहे पुल के पुनर्निर्माण के लिए किया.
  • चमरौहां में 2016 में बरदाहा नदी में बाढ़ आने से पुल बह गया था.
  • इसके बाद गांव पहुंचे भाजपा लोकसभा प्रत्याशी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि जीत के बाद इसका पुनर्निर्माण किया जाएगा.
  • बावजूद इसके आज तक पुल का पुनर्निर्माण नहीं हो पाया.
  • इसकी वजह से बारिश के समय उफनती बरसाती नदी को पार करना दूभर हो जाता है.

मुख्यालय से कट जाने के बाद अलग-थलग पड़े चमरौहां के ग्रामीणों को आवागमन में बहुत ही परेशानियां होती हैं. ग्रामीण जान हथेली में रखकर उफनती नदी का रास्ता पार करते हैं. प्रत्याशी की वादाखिलाफी और गांव की उपेक्षाओं से परेशान ग्रामीणों ने भाजपा प्रत्याशी के प्रचार में आए राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद के काफिले को रोक दिया. लगभग आधे घंटे तक बहस बाजी के बीच ग्रामीणों ने काले झंडे दिखाए, सरकार विरोधी और मंत्री विरोधी नारे लगाए.

इसे भी पढ़ें:- 'जल्द शुरू होगा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण'- डिप्टी सीएम केशव मौर्य

ग्रामीण भाजपा कार्यकर्ताओं से लगातार यह मांग करते रहे कि जब तक कोई स्थायी हल नहीं निकलता, आप लोग हमारे गांव में प्रवेश नहीं करेंगे. आखिर में भाजपा कार्यकर्ताओं सहित राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद को बिना पार्टी के प्रचार किए वापस लौटना पड़ा.

चित्रकूट: जिले से जीते हुए प्रत्याशी के वादाखिलाफी, सरकार की उपेक्षा और अनदेखी से तंग आकर ग्रामीणों ने उपचुनाव के प्रचार के लिए आए बीजेपी प्रचारकों को गांव में घुसने नहीं दिया. मानिकपुर उपचुनाव में प्रचार के लिए आए राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के काफिला को काले झंडे और सरकार विरोधी नारों का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों का विरोध देख मंत्री के काफिला को बिना प्रचार किए ही वापस लौटना पड़ा.

ग्रामीणों ने मंत्री को दिखाए काले झंडे.


ग्रामीणों ने बीजेपी प्रचारक को दिखाए काले झंडे

  • ग्रामीणों ने विरोध में चमरौहां गांव में बरदाहा नदी में आई बाढ़ से बहे पुल के पुनर्निर्माण के लिए किया.
  • चमरौहां में 2016 में बरदाहा नदी में बाढ़ आने से पुल बह गया था.
  • इसके बाद गांव पहुंचे भाजपा लोकसभा प्रत्याशी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि जीत के बाद इसका पुनर्निर्माण किया जाएगा.
  • बावजूद इसके आज तक पुल का पुनर्निर्माण नहीं हो पाया.
  • इसकी वजह से बारिश के समय उफनती बरसाती नदी को पार करना दूभर हो जाता है.

मुख्यालय से कट जाने के बाद अलग-थलग पड़े चमरौहां के ग्रामीणों को आवागमन में बहुत ही परेशानियां होती हैं. ग्रामीण जान हथेली में रखकर उफनती नदी का रास्ता पार करते हैं. प्रत्याशी की वादाखिलाफी और गांव की उपेक्षाओं से परेशान ग्रामीणों ने भाजपा प्रत्याशी के प्रचार में आए राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद के काफिले को रोक दिया. लगभग आधे घंटे तक बहस बाजी के बीच ग्रामीणों ने काले झंडे दिखाए, सरकार विरोधी और मंत्री विरोधी नारे लगाए.

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ग्रामीण भाजपा कार्यकर्ताओं से लगातार यह मांग करते रहे कि जब तक कोई स्थायी हल नहीं निकलता, आप लोग हमारे गांव में प्रवेश नहीं करेंगे. आखिर में भाजपा कार्यकर्ताओं सहित राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद को बिना पार्टी के प्रचार किए वापस लौटना पड़ा.

Intro:उत्तर प्रदेश चित्रकूट जिले के जीते हुए प्रत्याशी के वादाखिलाफी और सरकार की उपेक्षा और से तंग आकर ग्रामीणों ने मानिकपुर उपचुनाव में प्रचार के लिए आए राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के कारवां को काले झंडे और सरकार विरोधी नारों का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों का विरोध देख मंत्री के कारवां को बिना प्रचार किए ही वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों ने यह विरोध चमरौहां गांव में बरदाहा नदी में बाढ़ के बाद बहे रपटे के पुनर्निर्माण के लिए किया था।Body:चित्रकूट मानिकपुर के गांव चमरौहां में 2016 में बरदाहा नदी बाढ़ के बाद बहे रपटे में पहुंचे भाजपा लोकसभा प्रत्याशी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी की जीत के बाद यह रपटा का पुनर्निर्माण किया जाएगा ।पर आज तक रपटे का पुनर्निर्माण नहीं हो पाया ।जिसकी वजह से बारिश बरसात के समय उफनती बरसाती नदी को पार करना दूभर हो जाता है ।ऐसी स्थिति में कई मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती। जिससे कई मौतें भी हो चुकी हैं ।मुख्यालय से कट जाने के बाद अलग-थलग पड़े चमरौहैं ,मऊ गुरदरी गांव के ग्रामीणों को आवागमन में बहुत ही परेशानियां होती हैं ।कुछ ग्रामीण जान को अपनी हथेली में रखकर मजबूरी में यह उफनती नदी का रास्ता पार करते हैं। प्रत्याशी की वादाखिलाफी और गांव की अपेक्षाओं से परेशान ग्रामीणों ने भाजपा प्रत्याशी के प्रचार में आए राज मंत्री चंद्रिका प्रसाद के काफिले को 600 की संख्या में पहुचे ग्रामीणों ने रपटे मे रोक दिया लगभग आधे घंटे तक बहस बाजी के बीच ग्रामीणों ने काले झंडे सरकार विरोधी नारे और मंत्री विरोधी नारे लगाए और भाजपा कार्यकर्ताओं से लगातार यह मांग करते रहे कि जब तक कोई स्थाई हल नहीं निकलता आप लोग हमारे गांव में प्रवेश नहीं कर पाओगे ।आखिर में थक हार कर भाजपा कार्यकर्ताओं सहित राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद को बिना पार्टी के प्रचार किए वापस लौटना पड़ा।
बाइट-नीरज त्रिपाठी (ग्रामीण चमरौहां)
बाइट-नवल मिश्रा(भाजपा कार्यकर्ता)Conclusion:
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