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चित्रकूट: गंदे पड़े स्कूलों के शौचालय, खुले में शौच को मजबूर छात्र - शौचालय

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति घटती जा रही है. वहीं इसको लेकर जब शिक्षकों से बात कही गई तो शिक्षकों ने बच्चा चोरी की घटना को इसकी वजह बताई. इतना ही नहीं यहां छात्रों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है, क्योकि यहां के स्कूलों में बने शौचालय गंदे हैं.

खुले में शौच को मजबूर छात्र
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Published : Sep 25, 2019, 12:02 AM IST

चित्रकूट: जिले में परिषदीय विद्यालयों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है. यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं जिन स्कूलों में शौचालय बने हैं वहां के शौचालय भी इतने गंदे हैं कि छात्र शौचालय में जाने के बजाय बाहर जाना अधिक पसंद करते हैं. वहीं पूरे मामले को लेकर जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की कहीं शिकायत है तो ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

खुले में शौच को मजबूर छात्र.

जनपद के परिषदीय विद्यालयों की स्थिति बेहद दयनीय होती जा रही है. किसी विद्यालय में अध्यापक मिड-डे मील का राशन लाने के नाम पर विद्यालय से नदारद दिखे, तो कहीं छात्रों को शौच के लिए विद्यालय से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. छात्रों का कहना है कि स्कूल में बना शौचालय बहुत ही गंदा है, जिस वजह से उन्हें शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है.

इसे भी पढ़ें- राज्य में हड़ताल पर एंबुलेंस चालक, मरीजों को हो रही भारी परेशानी

वहीं जब विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति कम होने का कारण जानने का प्रयास किया गया तो अध्यापकों का कहना है कि बच्चा चोर की अफवाहों की वजह से स्कूल में छात्रों की उपस्थिति कम होती जा रही है. वहीं जिम्मेदार अधिकारियों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है. अगर ऐसा कहीं होता है, तो उन अध्यापकों पर निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी.

चित्रकूट: जिले में परिषदीय विद्यालयों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है. यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं जिन स्कूलों में शौचालय बने हैं वहां के शौचालय भी इतने गंदे हैं कि छात्र शौचालय में जाने के बजाय बाहर जाना अधिक पसंद करते हैं. वहीं पूरे मामले को लेकर जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की कहीं शिकायत है तो ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

खुले में शौच को मजबूर छात्र.

जनपद के परिषदीय विद्यालयों की स्थिति बेहद दयनीय होती जा रही है. किसी विद्यालय में अध्यापक मिड-डे मील का राशन लाने के नाम पर विद्यालय से नदारद दिखे, तो कहीं छात्रों को शौच के लिए विद्यालय से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. छात्रों का कहना है कि स्कूल में बना शौचालय बहुत ही गंदा है, जिस वजह से उन्हें शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है.

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वहीं जब विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति कम होने का कारण जानने का प्रयास किया गया तो अध्यापकों का कहना है कि बच्चा चोर की अफवाहों की वजह से स्कूल में छात्रों की उपस्थिति कम होती जा रही है. वहीं जिम्मेदार अधिकारियों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है. अगर ऐसा कहीं होता है, तो उन अध्यापकों पर निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी.

Intro:चित्रकूट में पार्षद विद्यालयों की स्थिति भी हेल्प लेगी किसी विद्यालय में अध्यापक मिड डे मील का राशन लेकर आने के नाम से नदारद रहे तो कहीं स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगाते छात्र खुले में शौच जाने को मजबूर थी कि जब विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति के कम होने की जानकारी चाही तो अध्यापक ने कहा बच्चे चूत की अफवाहों के चलते छात्रों की उपस्थिति कम है वही जिम्मेदार अधिकारी ऐसे अध्यापकों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की बात कर रहे हैं


Body: जनपद के पार्षदीय विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे नावनिहलो के ऊपर ही हमारे देश का भविष्य टिका है ऐसे में गैर जुम्मेदारना अद्यापको का रवैया नावनिहलो के भविष्य को किस ओर ले कर जाए इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। बतादे जनपद चित्रकूट में पार्षदिय विद्यालय की स्थिति बेहद दयनीय होती जा रही है। किसी विद्यालय में अध्यापक मिड डे मेल का राशन लेकर आने के नाम पर विद्यालय से नदारद दिखे ,तो कई छात्रों को विद्यालय से बाहर सौच के लिए जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। जब छात्रों की विद्यालय में उपस्थिति कम होने के कारण जानना चाहता अध्यापक ने कहा बच्चों को पकड़ने वाली गैंग की अफवाह के कारण बच्चे की उपस्थिति कम होती जा रही है।
सरकार के चलाए जा रहे स्कूल चलो अभियान और शिक्षा का स्तर और ऊंचा करने की कोशिशों के बीच चित्रकूट के पार्षद विद्यालय में अध्यापकों के साथ-साथ छात्रों की उपस्थिति बेहद कम होती जा रही है। वहीं सरकार द्वारा शिक्षा का स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से करोड़ों रुपया बच्चों के पठन-पाठन सामग्री जैसी यूनिफार्म और भोजन ने एक बड़े बजट के रूप में सरकार खर्च कर रही है ।वही करोड़ों रुपया को अध्यापकों के वेतन के रूप में भी दिए जा रहे हैं। बावजूद इसके अध्यापक अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं ।बच्चों का शिक्षा का स्तर यह है कि छात्रों को हिंदी वर्णमाला ही नहीं आ रहा इतना ही नहीं जब छात्रों से भारत देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नाम पूछा गया तो छात्र बगल देखते नजर आए। ऐसे में लाखों रुपया वेतन भोगी अद्द्यापको की जुम्मेदारी में हमारे देश के नावनिहलो का भविष्य टिका है।पर यही अद्यापक अपनी जुम्मेदारी सही तरीके से निर्वाहन नही कर पा रहे हैं।
जब जिम्मेदार अधिकारियों से इस संबंध में बात की गई तो उनका एक ही जवाब था कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है अगर ऐसा है तो उन अध्यापकों के ऊपर निश्चित ही कार्यवाही की जाएगी
1बाइट -प्रिया (छात्रा)
2-पंकज कुमार(छात्र)
3-अनंत प्रकाश(प्रधानअद्यापक उमरी)
4-मनीष (अध्यापक लक्ष्मणपुर)
5कृष्ण कुमार सिंह(अध्यापक)
6प्रकाश सिंह(जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी)


Conclusion:
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