चित्रकूट: जनपद में यमुना नदी उफान पर है. मऊ थाना क्षेत्र के कई गांवों और खेतों में बाढ़ का पानी पहुंचने से किसानों के साथ ही आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण जरूरी सामान के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. वहीं प्रशासन राहत कार्य का दावा कर रहा है.
- जिले में तीन दिन तक लगातार हुई बारिश से ग्रामीण इलाकों में बाढ़ के पानी ने हालत बिगाड़ कर रख दी है.
- लगातार जलस्तर बढ़ने से किसानों की समस्या बढ़ती जा रही है.
- किसानों के खेतों में पानी भरने से खरीफ की फसल डूब गई है, जिससे किसान भुखमरी की कगार में खड़ा है.
- अगर प्रशासन ने जल्द बर्बाद फसल का आकलन कर किसानों को मुआवजा नहीं दिया तो किसानों की हालत बद से बदतर हो जाएगी.
- कनकोटा, भधेधू, कुसली, अर्की, सरधुआ और सागवारा गांव की खेती बाढ़ के पानी में डूब चुकी है.
- मंदाकिनी नदी का पानी सड़क पर आने से कई गांवों की आवाजाही ठप हो चुकी है.
- नाव से लोग गांव के बाहर निकल रहे हैं.
बाढ़ पीड़ित दशरथ प्रसाद का कहना है कि प्रशासन कुछ नहीं कर रही है. बस गांव में नाव लगवा दी है.
अपर जिलाधिकारी जीपी सिंह का कहना है कि यमुना नदी खतरे के निशान से अभी 3 मीटर नीचे है. कुछ गांव के सम्पर्क मार्ग टूटे हैं, उन गांवो में राहत कार्य किया जा रहा है. गांव में नाव लगा दी है और खाद्य सामग्री भेजने का कार्य जारी है. पानी बढ़ता है तो शरणालय की व्यवस्था भी करवाई गई है.