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चित्रकूट: जल संरक्षण के लिए 'मेरी छत मेरा पानी' अभियान की शुरुआत

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Published : Dec 18, 2019, 1:38 PM IST

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में जल संरक्षण और जल संरक्षण के लिए 'मेरा छत मेरा पानी' अभियान की शुरूआत की गई है. जिला प्रशासन ने भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए इस अभियान को चलाया गया है.

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जल संरक्षण के लिए 'मेरा छत मेरा पानी' अभियान की शुरूआत.

चित्रकूट: जनपद का पाठा दशकों से पानी की समस्या से जूझता रहा है. पानी के लिए लोगों को कोसों दूर पैदल चलना पड़ता है. गर्मियों में यहां का नजारा किसी मरुस्थल से कम नहीं लगता है. भूगर्भ जलस्तर का निरन्तर नीचे गिरते जाना देश और प्रदेश दोनों के लिए चुनौती बना हुआ है. ऐसे में जिला प्रशासन ने 'मेरा छत मेरा पानी' अभियान चलाकर भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयत्न कर रहे हैं.

जल संरक्षण के लिए 'मेरी छत मेरा पानी' अभियान की शुरुआत.
प्रशासन ने चलाया 'मेरा छत मेरा पानी' अभियान
भूगर्भ जल स्तर के दिन प्रतिदिन नीचे गिरने की समस्या को लेकर चित्रकूट जिला प्रशासन ने भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए मेरी छत मेरा पानी अभियान शुरू किया है. इस अभियान से जल संरक्षण और जल संवर्धन को एक नई दिशा मिलेगी.

जिला प्रशासन ने सभी प्रशासनिक इमारतों में वर्षा का जल को रोककर पाइपलाइन और चेंबर के द्वारा सूखे कुएं या खराब पड़े बोर में वर्षा के जल को डाला जाता है. धीरे-धीरे यह पानी धरती में समा जाता है. इन छोटे-छोटे उपायों के द्वारा जनपद में जल संरक्षण और जल संवर्धन के उपाय किए जा रहे हैं.

वर्षा का जल किया जा रहा एकत्रित
सरकारी इमारतों के वर्षा के जल को एकत्रित करके चेंबर में डाला जाता है फिर धरती में पानी पहुंचाने के अलावा गांव-गांव में लगे हैंड पंप के सामने सोख्ता गड्ढे बनाया जाता है, जिसमें लगभग एक मीटर की परिधि 5 फुट गहरे गड्ढे में ईंट की जालीदार दीवार बनाकर उसे ढक दिया जाता है.

हैण्ड पंम्प से इस्तेमाल या गिरा पानी को गड्ढे नुमा चैंबर में पहुंता है और पानी धीरे-धीरे धरती की गोद में समा जाता है. इस तरीके से भी जिला प्रशासन पूरे जनपद में जल संरक्षण और जल संवर्धन का कार्य लगातार कर रही है. ताकि पानी की समस्या से जूझ रहा पाठा का यह क्षेत्र पानी की समस्या से निजात पा सके.

ये भी पढ़ें:- बदायूं में खाद का संकट, नोटबंदी जैसी लाइनों में लगे किसान

चित्रकूट: जनपद का पाठा दशकों से पानी की समस्या से जूझता रहा है. पानी के लिए लोगों को कोसों दूर पैदल चलना पड़ता है. गर्मियों में यहां का नजारा किसी मरुस्थल से कम नहीं लगता है. भूगर्भ जलस्तर का निरन्तर नीचे गिरते जाना देश और प्रदेश दोनों के लिए चुनौती बना हुआ है. ऐसे में जिला प्रशासन ने 'मेरा छत मेरा पानी' अभियान चलाकर भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयत्न कर रहे हैं.

जल संरक्षण के लिए 'मेरी छत मेरा पानी' अभियान की शुरुआत.
प्रशासन ने चलाया 'मेरा छत मेरा पानी' अभियान
भूगर्भ जल स्तर के दिन प्रतिदिन नीचे गिरने की समस्या को लेकर चित्रकूट जिला प्रशासन ने भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए मेरी छत मेरा पानी अभियान शुरू किया है. इस अभियान से जल संरक्षण और जल संवर्धन को एक नई दिशा मिलेगी.

जिला प्रशासन ने सभी प्रशासनिक इमारतों में वर्षा का जल को रोककर पाइपलाइन और चेंबर के द्वारा सूखे कुएं या खराब पड़े बोर में वर्षा के जल को डाला जाता है. धीरे-धीरे यह पानी धरती में समा जाता है. इन छोटे-छोटे उपायों के द्वारा जनपद में जल संरक्षण और जल संवर्धन के उपाय किए जा रहे हैं.

वर्षा का जल किया जा रहा एकत्रित
सरकारी इमारतों के वर्षा के जल को एकत्रित करके चेंबर में डाला जाता है फिर धरती में पानी पहुंचाने के अलावा गांव-गांव में लगे हैंड पंप के सामने सोख्ता गड्ढे बनाया जाता है, जिसमें लगभग एक मीटर की परिधि 5 फुट गहरे गड्ढे में ईंट की जालीदार दीवार बनाकर उसे ढक दिया जाता है.

हैण्ड पंम्प से इस्तेमाल या गिरा पानी को गड्ढे नुमा चैंबर में पहुंता है और पानी धीरे-धीरे धरती की गोद में समा जाता है. इस तरीके से भी जिला प्रशासन पूरे जनपद में जल संरक्षण और जल संवर्धन का कार्य लगातार कर रही है. ताकि पानी की समस्या से जूझ रहा पाठा का यह क्षेत्र पानी की समस्या से निजात पा सके.

ये भी पढ़ें:- बदायूं में खाद का संकट, नोटबंदी जैसी लाइनों में लगे किसान

Intro:चित्रकूट का पाठा दसको से पानी की समस्या से जूझता रहा है ।पानी के लिए लोगों को कोसों दूर पैदल चलना पड़ता है ।गर्मियों में यहां का नजारा किसी मरुस्थल से कम नहीं लगता। वजह है अच्छी बारिश का न होना । भूगर्भ जलस्तर का निरन्तर नीचे गिरते जाना देश और प्रदेश दोनों के लिए चुनौती बना हुआ है ।ऐसे में जिला प्रशासन ने "मेरा छत मेरा पानी" अभियान चलाकर भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयत्न कर रहे हैं।


Body:चित्रकूट ही नहीं बल्कि विश्व की समस्या बन रही भूगर्भ जल स्तर के दिन प्रतिदिन नीचे गिरने की समस्या को लेकर चित्रकूट जिला प्रशासन ने भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए मेरी छत मेरा पानी अभियान देकर जल संरक्षण और जल संवर्धन को एक नई दिशा दी है ।जिला प्रशासन ने सभी प्रशासनिक इमारतों में वर्षा का जल को रोककर पाइपलाइन और चेंबर के द्वारा सूखे कुएं या खराब पड़े बोर में वर्षा के जल को डाला जाता है। धीरे-धीरे यह पानी धरती में समा जाता है ।इन छोटे-छोटे उपायों के द्वारा जनपद में जल संरक्षण व जल संवर्धन के कारण किए जा रहे हैं ।
खंड विकास अधिकारी ने बताया की सरकारी इमारतों के वर्षा के जल को एकत्रित करके चेंबर में डालकर फिर धरती में पानी पहुंचाने के अलावा गांव-गांव में लगे हैंड पंप के सामने सोख्ता गड्ढे बनाकर जिसमें लगभग एक मीटर की परिधि 5 फुट गहरे गड्ढे में ईट की जालीदार दीवार बनाकर उसे ढक दिया जाता है और हैण्ड पंम्प से इस्तेमाल या गिरा पानी को गड्ढे नुमा चैंबर में पहुंते है और पानी धीरे-धीरे धरती की गोद में समा जाता है ।इस तरीके से भी जिला प्रशासन पूरे जनपद में जल संरक्षण और जल संवर्धन का कार्य लगातार कर रही है। ताकि पानी की समस्या से जूझ रहा पाठा का यह क्षेत्र पानी की समस्या से निजात पा सके।
बाइट-ईस्वर चन्द्र(अवर अभियंता एम आई)
बाइट-दिनेश कुमार अग्रवाल ( खण्ड विकास अधिकारी)


Conclusion:
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