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गंगा और मंदाकिनी में बाढ़ जैसे हालात, घाटों पर बदला शवदाह स्थल

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट और वाराणसी में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन हैं. झमाझम बारिश की वजह से मंदाकिनी नदी में बाढ़ जैसे हालात हैं और गंगा नदी में बढ़ते जलस्तर की वजह से हरिश्चन्द्र और मणिकर्णिंका घाट पर शवदाह स्थान बदल दिया गया है.

गंगा और मंदाकिनी में बाढ़ जैसे हालात
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश
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Published : Aug 2, 2021, 1:12 PM IST

Updated : Aug 2, 2021, 5:44 PM IST

चित्रकूट: समूचे उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश अपना कहर बरपा रही है. हर जगह नदियां उफान पर हैं. नदी के किनारे रहने वाले कई लोगों के मकान बारिश की वजह से जमींदोज हो गए हैं. गांवों में लोगों के घरों और खेतों में कई फीट तक पानी भरा हुआ है, इस वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उनके पास खाने के लिए अन्न नहीं है और ग्रामीण कई रातों से सो भी नहीं पा रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल यूपी के चित्रकूट जिले का भी है. यहां हो रही झमाझम बारिश से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया. इससे नदी के आसपास के गांव और दुकानों में पानी भर गया है.

चित्रकूट में इस समय बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. नदी का जलस्तर बढ़ने से किनारे की बस्ती और दुकानदार अपना सामान समेटने में लगे हुए हैं. कई क्षेत्रों में नाले भी उफान पर हैं और उनका पानी सड़कों और गलियों में बह रहा है, जिससे सड़कें कट गई हैं. कई गांव में तो इतना पानी भरा है कि लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. प्रशासन ने यूपी-एमपी सीमा पर बाहरी लोगों का आवागमन रोक दिया है. यहां बारिश थमने का नाम नहीं ले रही हैं, नदी का पानी दुकानों और घरों में भरा हुआ है. जिलाधिकारी और पुलिस लगातार मुनादी करके लोगों को नदी के किनारे और मंदिर की तरफ जाने से रोक रहे हैं.

गंगा और मंदाकिनी में बाढ़ जैसे हालात

जिलाधिकारी शुभ्रांत शुक्ला का कहना है कि चेतावनी जारी कर दी है और प्रभावित क्षेत्रों में फोर्स भी तैनात कर दी गई है. हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.

वाराणसी में भी गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. जलस्तर अब खतरे के निशान की ओर बढ़ने लगा है, जिससे घाटों का आपस में संपर्क टूटने लगा है. इसी वजह से सोमवार सुबह जल पुलिस ने नौका संचालन अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है. बता दें कि पूर्वांचल के कई जिलों में 8 सेमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है. जिसके चलते हरिश्चन्द्र और मणिकर्णिंका घाट पर शवदाह स्थान बदल दिया गया है. जानकारी के अनुसार गंगा में तेजी से जलस्तर बढ़ने का सिलसिला 28 जुलाई की रात से शुरू हुआ था, 29 और 30 जुलाई को जलस्तर अचानक काफी तेजी के साथ बढ़ा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं और घाटों के पास के मंदिर जलमग्न हो रहे हैं.

पीएसी की टीम बोट समेत तैनात
पीएसी की टीम बोट समेत तैनात
कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ा.
कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ा.

पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश की वजह से गंगा का जल स्तर काफी बढ़ गया है. पिछले कई दिनों से कानपुर में भी लगातार हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर एकाएक बढ़ गया है. गंगा से जुड़े सभी गांवों में प्रशासन की नजर है, ताकि गंगा का पानी गांवों में जाने पर ग्रामीणों को तत्काल वहां से निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सके. हरिद्वार से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण कानपुर के गंगा बैराज के सभी 32 गेट खोल दिए गए हैं. इससे शहर के तमाम घाटों की सीढ़ियों तक पानी पहुंचा गया है. पानी बढ़ने से पीएसी की टीम बोट समेत तैनात कर दी गई है. पुलिस समेत प्रशासनिक टीम को भी सतर्क रहने के आदेश दिए गए हैं.

चित्रकूट: समूचे उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश अपना कहर बरपा रही है. हर जगह नदियां उफान पर हैं. नदी के किनारे रहने वाले कई लोगों के मकान बारिश की वजह से जमींदोज हो गए हैं. गांवों में लोगों के घरों और खेतों में कई फीट तक पानी भरा हुआ है, इस वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उनके पास खाने के लिए अन्न नहीं है और ग्रामीण कई रातों से सो भी नहीं पा रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल यूपी के चित्रकूट जिले का भी है. यहां हो रही झमाझम बारिश से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया. इससे नदी के आसपास के गांव और दुकानों में पानी भर गया है.

चित्रकूट में इस समय बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. नदी का जलस्तर बढ़ने से किनारे की बस्ती और दुकानदार अपना सामान समेटने में लगे हुए हैं. कई क्षेत्रों में नाले भी उफान पर हैं और उनका पानी सड़कों और गलियों में बह रहा है, जिससे सड़कें कट गई हैं. कई गांव में तो इतना पानी भरा है कि लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. प्रशासन ने यूपी-एमपी सीमा पर बाहरी लोगों का आवागमन रोक दिया है. यहां बारिश थमने का नाम नहीं ले रही हैं, नदी का पानी दुकानों और घरों में भरा हुआ है. जिलाधिकारी और पुलिस लगातार मुनादी करके लोगों को नदी के किनारे और मंदिर की तरफ जाने से रोक रहे हैं.

गंगा और मंदाकिनी में बाढ़ जैसे हालात

जिलाधिकारी शुभ्रांत शुक्ला का कहना है कि चेतावनी जारी कर दी है और प्रभावित क्षेत्रों में फोर्स भी तैनात कर दी गई है. हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.

वाराणसी में भी गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. जलस्तर अब खतरे के निशान की ओर बढ़ने लगा है, जिससे घाटों का आपस में संपर्क टूटने लगा है. इसी वजह से सोमवार सुबह जल पुलिस ने नौका संचालन अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है. बता दें कि पूर्वांचल के कई जिलों में 8 सेमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है. जिसके चलते हरिश्चन्द्र और मणिकर्णिंका घाट पर शवदाह स्थान बदल दिया गया है. जानकारी के अनुसार गंगा में तेजी से जलस्तर बढ़ने का सिलसिला 28 जुलाई की रात से शुरू हुआ था, 29 और 30 जुलाई को जलस्तर अचानक काफी तेजी के साथ बढ़ा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं और घाटों के पास के मंदिर जलमग्न हो रहे हैं.

पीएसी की टीम बोट समेत तैनात
पीएसी की टीम बोट समेत तैनात
कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ा.
कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ा.

पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश की वजह से गंगा का जल स्तर काफी बढ़ गया है. पिछले कई दिनों से कानपुर में भी लगातार हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर एकाएक बढ़ गया है. गंगा से जुड़े सभी गांवों में प्रशासन की नजर है, ताकि गंगा का पानी गांवों में जाने पर ग्रामीणों को तत्काल वहां से निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सके. हरिद्वार से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण कानपुर के गंगा बैराज के सभी 32 गेट खोल दिए गए हैं. इससे शहर के तमाम घाटों की सीढ़ियों तक पानी पहुंचा गया है. पानी बढ़ने से पीएसी की टीम बोट समेत तैनात कर दी गई है. पुलिस समेत प्रशासनिक टीम को भी सतर्क रहने के आदेश दिए गए हैं.

Last Updated : Aug 2, 2021, 5:44 PM IST
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