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चित्रकूटः काव्य गोष्ठी का आयोजन, दिव्यांग साहित्यकार पीयूष को किया गया सम्मानित - chitrakoot today news

चित्रकूट में भारतीय साहित्य संस्थान की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन डॉ. भाभा विद्यालय में किया गया. इस गोष्ठी में दिव्यांग साहित्यकार पीयूष कुमार द्विवेदी को सम्मानित किया गया.

पीयूष कुमार द्विवेदी
पीयूष कुमार द्विवेदी
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Published : Jan 7, 2020, 12:30 PM IST

चित्रकूटः चित्रकूट के डॉ. भाभा विद्यालय के प्रबंधक मनोज द्विवेदी की ओर से भारतीय साहित्य संस्थान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इसमें कवियों ने अपनी कविताओं से समां बांधा. वहीं हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हिंदी साहित्य में उत्कृष्ठ कार्य के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार से पुरस्कृत दिव्यांग पीयूष कुमार द्विवेदी को भी सम्मानित किया गया.

दिव्यांग साहित्यकार पीयूष कुमार द्विवेदी को किया गया सम्मानित.

हिंदी साहित्य में उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए 3 दिसंबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स ऑडिटोरियम में उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्कृष्ट सृजनशील दिव्यांग पुरस्कार से नवाजा था. उनको पुरस्कार मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में अनिल राजभर ने प्रदान किया. इस अवसर पर पीयूष की 2 पुस्तके छायावादोत्तर काव्य कलश और भक्ति काल का भी लोकार्पण हुआ था.

उत्तर प्रदेश सरकार से मिले इस पुरस्कार के पहले पीयूष को महाराष्ट्र से संस्कार भूषण, कनाडा की साहित्यिक संस्था का सहयोग सम्मान के साथ करीब दो दर्जन पुरस्कार और सम्मान विभिन्न साहित्य एवं समाजिक संस्थानों द्वारा दिए जा चुके हैं.

पढ़ें- यूपी सरकार ने किया 16 हजार प्राथमिक स्कूलों का विलय, शिक्षक संघ ने जताया विरोध

पीयूष कुमार द्विवेदी चित्रकूट के जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रवक्ता के तौर पर कार्यरत हैं. शारीरिक दिव्यांगता के बावजूद कई काव्य और पुस्तकें लिख चुके हैं. पीयूष सेरेब्रल पल्सी (प्रमिस्तकीय पक्षाघात) से ग्रसित हैं. इतनी विपरीत परिस्थितियों में रहने के बावजूद इन्होंने 4 पुस्तकें तथा 20 संयुक्त काव्य संग्रह प्रकाशित किए हैं.

पीयूष कुमार की कई प्रमुख पुस्तकों में छायावादोत्तर काव्य, कलश भक्ति काव्य प्रमुख हैं. उनके गीत, गजल, कविताएं भारत समेत 7 देशों की प्रसिद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. भारत में 6 राज्यों के कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ कर चुके हैं.

चित्रकूटः चित्रकूट के डॉ. भाभा विद्यालय के प्रबंधक मनोज द्विवेदी की ओर से भारतीय साहित्य संस्थान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इसमें कवियों ने अपनी कविताओं से समां बांधा. वहीं हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हिंदी साहित्य में उत्कृष्ठ कार्य के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार से पुरस्कृत दिव्यांग पीयूष कुमार द्विवेदी को भी सम्मानित किया गया.

दिव्यांग साहित्यकार पीयूष कुमार द्विवेदी को किया गया सम्मानित.

हिंदी साहित्य में उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए 3 दिसंबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स ऑडिटोरियम में उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्कृष्ट सृजनशील दिव्यांग पुरस्कार से नवाजा था. उनको पुरस्कार मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में अनिल राजभर ने प्रदान किया. इस अवसर पर पीयूष की 2 पुस्तके छायावादोत्तर काव्य कलश और भक्ति काल का भी लोकार्पण हुआ था.

उत्तर प्रदेश सरकार से मिले इस पुरस्कार के पहले पीयूष को महाराष्ट्र से संस्कार भूषण, कनाडा की साहित्यिक संस्था का सहयोग सम्मान के साथ करीब दो दर्जन पुरस्कार और सम्मान विभिन्न साहित्य एवं समाजिक संस्थानों द्वारा दिए जा चुके हैं.

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पीयूष कुमार द्विवेदी चित्रकूट के जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रवक्ता के तौर पर कार्यरत हैं. शारीरिक दिव्यांगता के बावजूद कई काव्य और पुस्तकें लिख चुके हैं. पीयूष सेरेब्रल पल्सी (प्रमिस्तकीय पक्षाघात) से ग्रसित हैं. इतनी विपरीत परिस्थितियों में रहने के बावजूद इन्होंने 4 पुस्तकें तथा 20 संयुक्त काव्य संग्रह प्रकाशित किए हैं.

पीयूष कुमार की कई प्रमुख पुस्तकों में छायावादोत्तर काव्य, कलश भक्ति काव्य प्रमुख हैं. उनके गीत, गजल, कविताएं भारत समेत 7 देशों की प्रसिद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. भारत में 6 राज्यों के कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ कर चुके हैं.

Intro:जिला चित्रकूट में भारतीय साहित्य संस्थान की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन मुख्यालय के डॉ भाभा विद्यालय में आयोजित किया गया । इस गोष्ठी में एक ऐसे दिव्यांग को सम्मानित किया गया जिसे 3 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हिंदी साहित्य में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया था । दिव्यांग पीयूष कुमार द्विवेदी सेरेब्रल पल्सी से ग्रसित हैं ।और चित्रकूट के जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रवक्ता के तौर पर कार्यरत है ।पीयूष शारीरिक दिव्यांगता के बावजूद कई संयुक्त काव्य और कई पुस्तकें लिख चुके हैं।


Body:किसी व्यक्ति में अगर हुनर और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो शारीरिक अक्षमता बाधक नहीं साधक बन सकती है पीयूष कुमार द्विवेदी को तूने अपने सृजनात्मक से साबित कर दिखाया है

चित्रकूट के डॉ भाभा विद्यालय में प्रबंधक मनोज द्विवेदी द्वारा आयोजित भारतीय साहित्य संस्थान की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें जहां कवियों ने अपनी कविताओं से समां बांधा तो वही हाल ही में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ से हिंदी साहित्य में उत्कृष्ठ कार्य के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार से पुरस्कृत दिव्यांग पीयूष कुमार द्विवेदी का भी सम्मान किया गया ।हिंदी साहित्य व काव्य के लिए पीयूष कुमार की अग्रणी भूमिका है। पीयूष कुमार ने कई हिंदी पुस्तकें तो कई संयुक्त काव्य लेखन कर चुके हैं। पीयूष कुमार की प्रमुख पुस्तकों में छायावादोत्तर काव्य, कलश भक्ति काव्य पीयूष प्रमुख है ।
सेरेब्रल पल्सी (प्रमिस्तकीय पक्षाघात) से ग्रसित पीयूष कुमार का सारा शरीर कंपन करता है। इतनी विपरीत परिस्थितियों में रहने के बावजूद इन्होंने 4 पुस्तकें तथा 20 संयुक्त काव्य संग्रह प्रकाशित किए हैं। उनके गीत, गजल ,कविताएं भारत समेत 7 देशों की प्रसिद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। भारत में 6 राज्यों के कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ कर चुके हैं ।
चित्रकूट के जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रवक्ता के रूप में कार्यरत इनके द्वारा हिंदी साहित्य के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्य को देखने के बाद 3 दिसम्बर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स ऑडिटोरियम में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्कृष्ट सृजनशील दिव्यांग पुरस्कार से नवाजा गया है। उनको पुरस्कार मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में अनिल राजभर दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री ने प्रदान किया। इस अवसर पर पीयूष की दो पुस्तकों छायावादोत्तर काव्य कलश व भक्ति काल का भी लोकार्पण भी हुआ था।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिले इस पुरस्कार के पहले पीयूष को महाराष्ट्र से संस्कार भूषण कनाडा कि साहित्यिक संस्था का सहयोग सम्मान समेत करीब दो दर्जन पुरस्कार और सम्मान विभिन्न साहित्य एवं समाजिक संस्था द्वारा दिए जा चुके हैं ।

बाइट-मनोज कुमार दुवेदी(प्रबन्धक डॉ भाभा विद्यालय चित्रकूट)

बाइट-पीयूष दुवेदी (पूतु)(हिंदी विभाग प्रवक्ता जा रा दी विस्वविद्यालय)


Conclusion:
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