चित्रकूटः चित्रकूट के डॉ. भाभा विद्यालय के प्रबंधक मनोज द्विवेदी की ओर से भारतीय साहित्य संस्थान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इसमें कवियों ने अपनी कविताओं से समां बांधा. वहीं हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हिंदी साहित्य में उत्कृष्ठ कार्य के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार से पुरस्कृत दिव्यांग पीयूष कुमार द्विवेदी को भी सम्मानित किया गया.
हिंदी साहित्य में उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए 3 दिसंबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स ऑडिटोरियम में उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्कृष्ट सृजनशील दिव्यांग पुरस्कार से नवाजा था. उनको पुरस्कार मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में अनिल राजभर ने प्रदान किया. इस अवसर पर पीयूष की 2 पुस्तके छायावादोत्तर काव्य कलश और भक्ति काल का भी लोकार्पण हुआ था.
उत्तर प्रदेश सरकार से मिले इस पुरस्कार के पहले पीयूष को महाराष्ट्र से संस्कार भूषण, कनाडा की साहित्यिक संस्था का सहयोग सम्मान के साथ करीब दो दर्जन पुरस्कार और सम्मान विभिन्न साहित्य एवं समाजिक संस्थानों द्वारा दिए जा चुके हैं.
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पीयूष कुमार द्विवेदी चित्रकूट के जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रवक्ता के तौर पर कार्यरत हैं. शारीरिक दिव्यांगता के बावजूद कई काव्य और पुस्तकें लिख चुके हैं. पीयूष सेरेब्रल पल्सी (प्रमिस्तकीय पक्षाघात) से ग्रसित हैं. इतनी विपरीत परिस्थितियों में रहने के बावजूद इन्होंने 4 पुस्तकें तथा 20 संयुक्त काव्य संग्रह प्रकाशित किए हैं.
पीयूष कुमार की कई प्रमुख पुस्तकों में छायावादोत्तर काव्य, कलश भक्ति काव्य प्रमुख हैं. उनके गीत, गजल, कविताएं भारत समेत 7 देशों की प्रसिद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. भारत में 6 राज्यों के कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ कर चुके हैं.