चित्रकूट/मिर्जापुरः देवोत्थान एकादशी पर सोमवार को धर्मनगरी में देव दीपावली मनाई गई. श्रद्धालुओं ने रामघाट के तट पर 11 हजार दीपकों को जलाकर देव दीपवाली मनाई. मंदाकिनी नदी के निर्मल पानी में बहती नाव और जलती दीपों की रोशनी पानी में पड़ते रामघाट की सुंदरता को और भी बढ़ा रही थी. इस मौके पर पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, नगर पालिका चेयरमैन नरेंद्र गुप्ता और सदर एसडीएम प्रशिक्षु आईएएस पूजा यादव ने भी दीपदान किया. इस दौरान हजारों श्रद्धालु देव दीपावली के साक्षी बने.
धर्म नगरी चित्रकूट में मंदाकिनी नदी का जितना धार्मिक महत्व है, उतनी ही लोगों की आस्था रामघाट में है. ऐसी मान्यता है कि देवोत्थान एकादशी पर देवताओं की दीपावली होती है. इसी मान्यता के अनुसार मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाकर दीपदान किया. इस बार प्रशासन और स्थानीय लोगों के सहयोग से रामघाट पर 11 हजार दीपक जलाए गए. रात में टिम टिमाते दियों की कतारे ऐसे लग रही थी, जैसे आसमान में तारे चमक रहे हों. दूर-दूर से आये पर्यटक और भक्तों ने श्रद्धा और भक्ति में सराबोर दिखे.
श्रद्धालुओं का मानना है कि देव दीपावली में यहां देवता भी दीपदान करने आते है. PWD राज्यमंत्री सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने देव दीपावली की सभी को शुभकामनाएं दी. मध्यप्रदेश के देवास सतना, सागर, दमोह, कटनी जिले से हजारों श्रद्धालु देव दीपावली पर दीपदान करने चित्रकूट के रामघाट पहुंचे. बाहर से आये श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां प्रभु राम स्वयं आकर दीपदान किया था. इसी रामघाट पर कलयुग में श्रीराम ने अपने भक्त तुलसी दास को दर्शन भी दिया था.
दीपों से जगमगया विंध्याचल धाम
इसी तरह कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी, देवोत्थान व प्रबोधिनी एकादशी पर मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी मंदिर को झालरों से और कोलकाता बनारस के फूलों से भव्य सजाया गया.हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन कर दीपदान किया. इसके अलावा दीपोत्सव का नजारा देखने के लिए काफी दूर-दूर से लोग पहुंचे. सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया.