चित्रकूट: पाठा में आतंक का पर्याय बन चुके 5.50 लाख के इनामी डकैत गौरी यादव को शुक्रवार देर रात यूपी एसटीएफ ने ढेर कर दिया. इसकी पुष्टि एसपी एसटीएफ हेमराज मीणा ने की. गौरी यादव के पास से काफी असलहा बरामद हुए हैं. इसमें एके 47 जैसे असलहे शामिल हैं. मुठभेड़ मारकुंडी थाना क्षेत्र के माधव बांध के जंगलों में हुई. गौरी यादव पर 5.50 लाख रुपये का इनाम घोषित था. एसटीएफ ने 31 मार्च को 25 हजार के इनामी भालचंद को भी माधव बांध के पास मुठभेड़ में मार गिराया था.
गौरी यादव अपने साथियों के साथ माधव बांध के जंगलों में था. शुक्रवार रात को एसटीएफ ने घेराबंदी कर आत्मसमर्पण के लिए डकैतों को ललकारा, लेकिन पुलिस पार्टी की ओर डकैत गोली बारी करने लगे. बचाव में एसटीएफ ने भी अपनी ओर से फायरिंग की. इसमें दस्यु सरगना गौरी यादव मौके पर ढेर हो गया. गैंग के अन्य सदस्य अंधेरे और जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे. घटना की सूचना पर एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश, पुलिस अधीक्षक धवल जयसवाल मौके पर पहुंचे. फॉरेंसिक टीम, डॉग स्कोर टीम, मारकुंडी और बहिलपुरवा की थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची.
बिलहरी गांव में लवलेश यादव की हत्या पीडब्लूडी विभाग, वन विभाग से चौथ वसूली और मारपीट, दिल्ली पुलिस विभाग के एक दारोगा की भी हत्या गौरी यादव ने की गई थी. गौरी यादव ने एक बोरिंग करने वाले ठेकेदार की लाखों की बोरिंग मशीन रंगदारी के चलते जला दी थी. गौरी यादव पर दर्जनों मुकदमे मानिकपुर, रैपुरा, मारकुंडी और बहिलपुरवा थाने में दर्ज हैं. उप जिलाधिकारी प्रवेश कुमार श्रीवास्तव की उपस्थिति में फॉरेंसिक टीम ने जांच की. गौरी यादव बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के गांव बेलहरी का रहने वाला था. इसलिए उसका आतंक बहिलपुरवा मारकुंडी थाना क्षेत्र में ज्यादा था. इसलिए यहां उसकी मौत की खबर सुनते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर फैल गई. उसे देखने के लिए गांव के कई लोग मौके पर पहुंचे.
विधानसभा चुनाव 2022 से पहले यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इनामी डकैत गौरी यादव को मार गिराया. इस डकैत पर यूपी और एमपी सरकार ने इनाम घोषित कर रखा था. गौरी यादव बीहड़ का इकलौता डकैत था, जिस पर 5.50 रुपये का इनाम घोषित था. गौरी यादव ददुआ, ठोकिया और रागिया के बराबर का डकैत था. एसटीएफ और पुलिस की कई टीमें गौरी यादव की तलाश में काफी समय से जंगलों की खाक छान रहीं थीं.
गौरी यादव के यूपी में छिपे होने की सूचना एसटीएफ को मिली थी. इसके बाद एसटीएफ और पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए मार गिराया. एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि गौरी यादव की काफी समय से तलाश चल रही थी. उसके पास से एके 47 राइफल, अन्य असलहे और कारतूस बरामद किए गए हैं. चार महीने पहले इसने चित्रकूट के जंगलों में फायरिंग कर दहशत फैला दी थी. लगभग 20 साल पहले उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था. उसने अपना अलग गैंग भी बना लिया था.
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यूपी एसटीएफ ने गौरी यादव को वर्ष 2008 में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था. दो साल जेल में रहने के बाद वह फिर से लूटपाट की घटना को अंजाम देने लगा था. दिल्ली पुलिस साल 2013 में बिलहरी गांव में दबिश देने गई थी, इसी दौरान गौरी यादव ने एक दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. यही नहीं वह दारोगा की सरकारी रिवाल्वर लूटकर फरार हो गया था. बताया जाता है कि गौरी यादव तेंदू पत्ता तोड़ान में वह चौथ वसूली करता था.