चित्रकूट: जिले के जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. जगद्गुरु रामभद्राचार्य को हिंदी साहित्य विभूषण से सम्मानित किया. सम्मान में दो लाख की धनराशि भी उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भेंट की गई. दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के 923 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई और अव्वल नंबरों से पास 48 छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया.
मेडिकल साइंस के क्षेत्र में एम्स के डॉक्टर शिव कुमार चौधरी और कन्नू भाई टेलर को दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाने और दिव्यांगों के प्रति सराहनीय कार्य करने के लिए डिलीट की उपाधि से सम्मानित किया.
मौसम की खराबी के कारण नहीं पहुंचे अमित शाह
इस दीक्षांत समारोह में मौसम खराब होने की वजह से गृहमंत्री अमित शाह समारोह का हिस्सा नहीं बन सके. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आठवें दीक्षांत समारोह की यादगार जरूर बने. मुख्य अतिथि के रूप में सीएम योगी ने जगतगुरु रामभद्राचार्य को साहित्य शांति भूषण पुरस्कार से नवाजा और विश्विद्यालय को 2 लाख रुपये धनराशि का सहयोग दिया. आठवें दीक्षांत समारोह में शामिल ये लम्हा प्राचीन भारत की प्रणाली को याद दिलाता है.
सीएम योगी ने विश्विद्यालय के छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देता हूं. रविवार का दिन हम सबके लिए गौरवशाली दिन है. संकट के समय मर्यादा पुरुषोत्तम राम को शरण देने वाली भूमि सनातन काल से ही भारत की अध्यात्मिक और सांस्कृतिक परम्परा का मार्ग रही है. साथ ही मुख्यमंत्री ने उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी. सीएम ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम हमारी प्राचीन भारत की प्रणाली को याद करा देता है.
सीएम ने स्टीफन हॉकिंग का दिया उदाहरण
सीएम ने कहा कि दिल्ली में घना कोहरा होने के चलते दिल्ली से गृहमंत्री का उड़नखटोला उड़ान नहीं भर पाया, जिसके चलते वो कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पाए. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सत्य योजक अगर कोई मिल जाये तो विकलांगता कभी आड़े नहीं आती. वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. राम मंदिर मुद्दे पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी का फोन आता था कि राम जन्मभूमि का फैसला कब होगा? मैं फोन पर जवाब देता था कि राम मंदिर बनेगा, अवश्य बनेगा. उन्होंने कहा कि मोदी जी दिव्यांगजनों के हित में कार्य करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं. इस विश्वविद्यालय को भी हर संभव सहयोग दिया जाएगा. दीक्षांत समारोह में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री लखनऊ के लिए रवाना हो गए. फिलहाल तय कार्यक्रम के अनुसार दीक्षांत समारोह के बाद मुख्यमंत्री को भगवान कामतानाथ मंदिर में दर्शन व पूजन के लिए भी जाना था. मौसम की खराबी को देखते हुए कार्यक्रम कैंसिल कर दिया गया.
सीएम ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत की शिक्षक के पूरे सार और उससे प्राप्त होने वाले संसार को फिर उस से प्राप्त होने वाले समाज और राष्ट्र से योग नागरिक की एक श्रृंखला को हम सब सामने खड़ा कर देते हैं. अगर हमने इन क्षेत्रों के मिशन में इन वचनों को समर्पित करने का हमारे शिक्षण संस्थान करने का प्रयास किया होता तो मुझे लगता है की भारत के अंदर विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और शिक्षण संस्थानों को दुनिया के अंदर अपने आप को सर्वोच्च स्थापित करने में कोई बाधा नहीं बनती और हमारे उच्च शिक्षा संस्थान महाविद्यालय और विश्वविद्यालय अराजकता के अड्डे नहीं बनते.
इसे भी पढ़ें- सीएए समर्थनः 'ये अखिलेश का कुचक्र है, धर्म विशेष को बदनाम करने का'