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चित्रकूट: जिलाधिकारी ने की अपील, घरों में रहकर मनाए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती

कल यानि मंगलवार 14 अप्रैल को पूरे देश भर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 129वीं जयंती मनाई जाएगी. वहीं चित्रकूट जिले में इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के कारण जिलाधिकारी ने लोगों से घर में ही जयंती मनाने की अपील की है.

भीमराव अंबेडकर की 129वीं जयंती
भीमराव अंबेडकर की 129वीं जयंती
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Published : Apr 13, 2020, 10:07 PM IST

चित्रकूट: 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 129वीं जयंती मनाई जाएगी. वहीं जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि इस लॉकडाउन में घरों में रहकर ही बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती को मनाएं. किसी भी तरीके का सार्वजनिक समारोह न करें. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का ही नतीजा है कि, चित्रकूट आज कोरोना वायरस संक्रमण से अछूता है.


जिलाधिकारी ने लोगों से की अपील
जिलाधिकारी शेषमणि पांडे ने चित्रकूट के नगर वासियों से अपील करते हुए कहा है कि, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस पर सार्वजनिक समारोह न करें. उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से की गई सोशल डिस्टेंसिंग का ही नतीजा है कि, आज जनपद कोरोना वायरस संक्रमण से अछूता है.


जानिए भीमराव अंबेडकर की कहानी
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव महू में हुआ था. आर्थिक और सामाजिक भेदभाव बचपन से देख रहे अंबेडकर ने विषम परिस्थितियों में अपनी शिक्षा-दीक्षा ग्रहण की थी. बाबा साहेब को स्कूल से लेकर सार्वजनिक स्थलों में भी भेदभाव झेलना पड़ा था. दलित समाज के उत्थान और उन्हें जागरूक करने के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का योगदान कोई नहीं भुला सकता. बाबासाहेब का जन्म संघर्ष सफलता की एक अद्भुत मिसाल है. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने ही भारत का संविधान लिखा था. इस कारण उन्हें संविधान रचयिता के नाम से भी जाना जाता है.

चित्रकूट: 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 129वीं जयंती मनाई जाएगी. वहीं जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि इस लॉकडाउन में घरों में रहकर ही बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती को मनाएं. किसी भी तरीके का सार्वजनिक समारोह न करें. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का ही नतीजा है कि, चित्रकूट आज कोरोना वायरस संक्रमण से अछूता है.


जिलाधिकारी ने लोगों से की अपील
जिलाधिकारी शेषमणि पांडे ने चित्रकूट के नगर वासियों से अपील करते हुए कहा है कि, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस पर सार्वजनिक समारोह न करें. उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से की गई सोशल डिस्टेंसिंग का ही नतीजा है कि, आज जनपद कोरोना वायरस संक्रमण से अछूता है.


जानिए भीमराव अंबेडकर की कहानी
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव महू में हुआ था. आर्थिक और सामाजिक भेदभाव बचपन से देख रहे अंबेडकर ने विषम परिस्थितियों में अपनी शिक्षा-दीक्षा ग्रहण की थी. बाबा साहेब को स्कूल से लेकर सार्वजनिक स्थलों में भी भेदभाव झेलना पड़ा था. दलित समाज के उत्थान और उन्हें जागरूक करने के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का योगदान कोई नहीं भुला सकता. बाबासाहेब का जन्म संघर्ष सफलता की एक अद्भुत मिसाल है. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने ही भारत का संविधान लिखा था. इस कारण उन्हें संविधान रचयिता के नाम से भी जाना जाता है.

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