चित्रकूट: जिले के गांव और कस्बों में कैंप लगाकर लोगों के गोल्डन आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने प्रायोजित कार्यक्रम आयुष्मान भारत के जरिए 2011 की आर्थिक गणना के गरीब तबकों को इसका लाभ दिया जा रहा है. लाभार्थियों को इसका सीधा स्वास्थ्य लाभ देने के लिए इस योजना का 25 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभारंभ किया था, जिससे गरीब जनता का इलाज सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी हो सके.
बनाए जा रहे हैं गोल्डन आयुष्मान कार्ड
- जिले के तहसील मानिकपुर अंतर्गत आयुष्मान गोल्डन कार्ड कैंप का आयोजन किया गया.
- सीएससी के बीएलई ने कैंप लगाया और वार्ड के लोगों का आयुष्मान भारत के तहत गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है.
- यह गोल्डन कार्ड 2011 में हुई आर्थिक जनगणना के आधार पर बनाया जा रहा है.
- गरीब लाभार्थियों का आधार कार्ड व बायोमैट्रिक अंगूठा स्कैन करके ऑनलाइन किया जा रहा है.
5 लाख तक कराया जाता है बीमा
- इस कार्ड के जरिए गरीब तबके के लोग 5 लाख तक की सीमा तक का इलाज सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी हो सकते हैं.
- सीएससी के बीएलई शिव शंकर ने बताया कि अभी तक एक हजार कार्ड के सापेक्ष 150 कार्ड बनवाए जा चुके हैं.
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मानिकपुर के अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना चलाए है.
- उनके इस आयुष्मान भारत के तहत गरीब तबके के लोगों का मुफ्त में इलाज हो रहा.
- उन्होंने बताया कि चित्रकूट जनपद में सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र आयुष्मान भारत से जुड़ चुके हैं.
- लोग इलाज के लिए इलाहाबाद, चित्रकूट से सटे मध्यप्रदेश के सतना जिले में जाकर आयुष्मान कार्ड का फायदा जरूर उठा रहे हैं.
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