चित्रकूट: पंडित दीनदयाल शोध संस्थान तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र चित्रकूट को नाना जी देशमुख ने बुंदेलखंड के किसानों की आर्थिक समृद्धि और सामाजिक वृद्धि के लिए ही स्थापित किया था. आज यहां से लाखों किसान लाभांवित होकर उन्नत किस्म की खेती और पशुपालन कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं.
पंडित दीनदयाल शोध संस्थान तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र-
- सरकार से पोषित पंडित दीनदयाल शोध संस्थान 1992 से चित्रकूट से काम कर रहा है.
- किसानों की आर्थिक और सामाजिक वृद्धि के लिए नई तकनीक मशीनों के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
- वर्तमान समय में 230 गांव के किसान किसी न किसी रूप से कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े हुए हैं.
- कृषि विज्ञान केंद्र समय-समय पर बुंदेलखंड के वातावरण को देखते हुए अनाज के बीजों का प्रदर्शन करता रहता है.
- बुंदेलखंड वैसे भी दलहन-तिलहन के लिए प्रसिद्ध है.
- कृषि विज्ञान केंद्र में दलहन और तिलहन के उन्नत शील बीज का उत्पादन कर स्थानीय किसानों को दलहन-तिलहन के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं.
ये भी पढ़ें:- दो अक्टूबर से पहले प्रदेश को पॉलीथिन मुक्त बनाएं: CM योगी
कृषि विज्ञान केंद्र में हैं कई इकाईयां-
कृषि विज्ञान केंद्र में कई इकाइयां हैं, जिनमें बीज उत्पादन, इंटीग्रेटेड फसल पद्धति, बकरी पालन, बुंदेलखंड की प्रजाति से लेकर अभी कालीन भेड़ की प्रजाति, मुर्गी पालन, सूकर पालन, मछली पालन, बतख पालन और जिन किसानों को अच्छे नस्ल की गाय-भैंस चाहिए होते हैं, उनके लिए ब्रीडिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है.