बुलन्दशहर : शहर में बारिश ने नगर पालिका के दावों की पोल खोलकर रख दी. महज एक घंटे की मूसलाधार बारिश में शहर के हर चौक चौराहे पर सड़कें नहर और नालों के रूप में तब्दील दिखीं. मानसून से पहले सरकार नाला सफाई को लेकर लाखों करोड़ों रुपए खर्च करती है. मगर उसके बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता कहें या फिर लापरवाही. असलियत में कहीं कोई काम हुआ होता तो आज यह स्थिति ना आती.
दरअसल, नगरपालिका द्वारा शहर के नालों की साफ सफाई से लेकर बारिश के जल के निकालने की पर्याप्त व्यवस्थाओं का हवाला समय समय पर दिया जाता रहा है. हैरान करने वाली बात तो यह है कि महज 1 घंटे की बारिश ने शहर के गली मोहल्लों से लेकर कॉलोनियों तक में बारिश का पानी, नाले नालियों की बजाए घरों, दुकानों दफ्तरों में घुसता दिखाई दिया. यही नहीं शहर के बीचों बीच स्थित कालाआम चौराहा, पुलिस लाइन रोड, अंसारी रोड मार्ग, कलेक्ट्रेट रोड या फिर डीएम आवास रोड हो, सभी सड़कें एक घण्टे की मूसलाधार बारिश में किसी नाले की शक्ल में तब्दील दिखीं.
वहीं परेशानियों का सामना कर रहे लोगों में नगर पालिका के खिलाफ भारी नाराजगी दिखी. लोगों का कहना है कि सरकार भले ही कुछ भी दावे कर रही हो, लेकिन बुलंदशहर नगर पालिका की तरफ से बारिश को लेकर शहर में कोई तैयारी नहीं की गई. लोगों ने कहा कि अगर समय रहते व्यवस्थाएं की जाती तो आज सड़कें जलमग्न नहीं मिलती. फिलहाल अब गौर करने वाली बात ये है कि आखिर इस सीजन की बुलन्दशहर में ये पहली मूसलाधार बारिश थी. आने वाले बरसाती सीजन में अगर नगरपालिका के अफसरों की नींद अभी नहीं टूटी तो ये समस्या विकराल रूप भी ले सकती है.