बुलंदशहर: कोरोना से टूटती सांसों के बीच मरीज के तीमारदारों से निर्धारित दर से ज्यादा वसूली करने वाले निजी अस्पतालों पर योगी सरकार में बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है. सीएम के सख्त तेवर को देखते हुए बुलंदशहर में बिलाह नाम के एक अस्पताल रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया गया है जबकि दो अस्पतालों पर हुई शिकायतों पर जांच की जा रही है.
अस्पतालों पर ज्यादा पैसे लेने का आरोप
कुछ लूटरे निजी अस्पताल संचालकों को जहां इंसानियत दिखानी थी तो वहां नोटों के टुकड़े कमाने के लिए अमानवीयता दिखाने लगे. सरकार द्वारा निजी हॉस्पिटल में कोरोना के इलाज के लिए माकूल दर निर्धारित करने के बाद भी अस्पताल संचालक बाज नहीं आ रहे थे और मरीजों से अधिक धन वसूली पर तुले थे.
लुटेरे अस्पतालों पर FIR
निजी अस्पतालों में मनमाने तरीके से धन वसूलने की मिली शिकायतों के बाद सीएम योगी ने संज्ञान लिया. प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए और बुलंदशहर में ऐसे ही एक लुटेरे अस्पताल पर न सिर्फ FIR कराई गई बल्कि उसे सील कर उसका रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल कर दिया गया.
दरअसल, शिकायत मिली थी कि कोविड का ईलाज कर रहे बुलंदशहर के बिल्लाह हॉस्पिटल ने मरीजों के तिमारदारों से ईलाज के नाम पर मनमाना पैसा वसूल रहा था, बल्कि नियमों को ताख पर रखकर सीधे-सीधे मनमानी भी कर रहा था. मरीज के तीमारदार ने जब इसकी शिकायत नोडल अफसर और बुलंदशहर सीडीओ अभिषेक पांडेय से की तो उन्होंने खुद मामले को बारीकी से जांचा और जांच में मामला सही पाए जाने पर बिल्लाह अस्पताल को सील कर दिया गया.