बुलंदशहरः पिछले दिनों इसरो के जरिए जिले के तीन जगह के पराली जलती हुई कुछ तस्वीरें सेटेलाइट के जरिए जिले के अफसरों तक पहुंचीं थी, जिसके बाद से जिले में मॉनिटरिंग करने के तमाम दावे किए जा रहे थे, लेकिन जिले में खुलेआम पराली जलाई जा रही है. जिले में सभी दावे हवा-हवाई साबित होते दिखाई दे रहे हैं.
खुलेआम जलाई जा रही पराली
कुछ सप्ताह पूर्व बुलंदशहर में इसरो ने तीन ऐसी जगहों को चिन्हित किया था, जहां खुलेआम पराली से प्रदूषण फैलाया जा रहा था. जिले के जिम्मेदार अधिकारियों ने शायद उससे कोई सबक नहीं लिया, इसलिए खुलेआम पराली जलाई जा रही है. साथ ही लेखपालों से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों तक को पराली के संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए थे.
जिला मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर एनएच-235 पर खुलेआम खेतों में धान की पराली जलाई जा रही है. जिले में दीपावली के त्योहार के बाद से पहले से ही प्रदूषण खतरनाक स्थिति में है. यानी देश की राजधानी दिल्ली के बाद बुलन्दशहर जिला भी काफी खतरनाक स्थिति में है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स 433 तक पहुंचा
जिले में आज का एयर क्वालिटी इंडेक्स 433 तक पहुंच गया था, जबकि दीपावली वाले दिन करीब 200 के आसपास था. बढ़ते प्रदूषण से जिले में और राष्ट्रीय राजधानी में पूरी तरह से लोगों को नुकसान पहुंच रहा है.
प्रशासनिक स्तर पर पराली जलाने से रोकने के लिए टीमों के गठन की बातें हुई थी, लेकिन ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट में यह साफ है कि जिले में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. जिले में एक ही जगह पर कई पराली के ढेरों को खुलेआम जलाया जा रहा है.
इस बारे में जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि पिछले कई सालों से यहां पराली जलाने के मामलों में कमी आई है. उप निदेशक कृषि आरपी चौधरी का कहना है कि उनकी टीम काम कर रही है. सभी की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है.
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