ETV Bharat / state

ये है स्मार्ट क्लास वाला सरकारी स्कूल, जहां बच्चे ब्लैक बोर्ड में पढ़ने को मजबूर

डिजिटल इंडिया का लाभ बच्चों को देने के लिए परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाई गई थी, लेकिन सारे के सारे दावे फेल नजर आ रहे है. विद्यालय में सिर्फ नाम मात्र का स्मार्ट क्लास हैं.

बुलंदशहर का सरकारी स्कूल
author img

By

Published : Feb 1, 2019, 4:38 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर : प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लासेस की घोषणा काफी पहले की गई थी. पीपीपी मॉडल पर जिले के अफसरों ने कई परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चलाने की बातें कही थी,कवायदें भी हुईं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है. किए दावे सारे के सारे धरे नजर आ रहे हैं. प्राथमिक स्कूल में उपलब्ध कराए संसाधन सिर्फ धूल फांकते देखे जा रहे हैं.

बुलंदशहर का सरकारी स्कूल
undefined


स्मार्ट क्लास संचालित करने का दावा करने वाले विद्यालयों में प्रोजेक्टर तो है, लेकिन न ही तो कहीं उन क्लासरूम में उस तरह का माहौल दिखा और न ही कहीं ऐसा कुछ जिससे ये साबित हो पाए कि वहां स्मार्ट क्लास होती भी है. सिकन्द्राबाद तहसील के मंडावर गांव के प्राथमिक स्कूल को भी स्मार्ट क्लास का तोहफा दिया गया था, लेकिन सच्चाई उसके इतर है. कक्षा में कहीं कोई उस तरह का माहौल ही नहीं है.
स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी कहते हैं कि पहले प्रोजेक्ट के जरिये कुछ दिन शुरुआत में पढ़ाई हुई भी, लेकिन उसके बाद अचानक से कुछ ही दिन बाद ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाई होने लगी. जो कि अब तक भी हो रही है. नन्हें ननिहाल मासूमियत से जवाब देते दिखे तो कहीं न कहीं उन्हें ये भी लग रहा था कि कहीं उनके अध्यापक सच बोलने पर बुरा न मान जाएं.


बच्चों को स्मार्ट क्लास में पढ़ाया तो जाता है, लेकिन बिना प्रोजेक्टर और अन्य आवश्यक उपकरणों के यानी सामान्य तरीके से. इतना ही नहीं स्मार्ट क्लास के लिए जो मानक तय हैं, वह भी क्लास में क्या पूरे विद्यालय में कहीं नजर नहीं आता. कहने को तो स्मार्ट क्लास बच्चों में बौद्धिक विकास करती हैं, लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं है.

undefined

छात्रों की बेहतरी के लिए स्मार्ट क्लास की शुरुआत जिले में हुई थी जरूर,लेकिन जहां हुई भी वहां भी अनियमितताओं और लापरवाहिओं के चलते विधार्थियों को फायदा तो नहीं होता दिख रहा,हालांकि इस बारे में मंडावरा प्राथमिक स्कूल की जिम्मेदार प्रधानाध्यपिका ये जरूर कहती नजर आ रही हैं कि स्मार्ट क्लास के लिए भी उन संसाधनों से ज्यादा अध्यापक का पढ़ाने का तरीका और ढंग ही सब कुछ है , यानी प्रधानाध्यपिका स्मार्ट क्लास के बारे में सफाई जरूर देती नजर आईं ,उनका कहना है कि तकनीकी खराबी है,प्रोजेक्टर खराब है ,और जल्द इसे ठीक कर लिया जाएगा,साथ ही वो ये भी मानती हैं कि फिलहाल उनके यहाँ स्मार्ट क्लास लिखा पढ़ी में है तो सही ,लेकिन फिलहाल छात्रों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.

बुलंदशहर : प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लासेस की घोषणा काफी पहले की गई थी. पीपीपी मॉडल पर जिले के अफसरों ने कई परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चलाने की बातें कही थी,कवायदें भी हुईं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है. किए दावे सारे के सारे धरे नजर आ रहे हैं. प्राथमिक स्कूल में उपलब्ध कराए संसाधन सिर्फ धूल फांकते देखे जा रहे हैं.

बुलंदशहर का सरकारी स्कूल
undefined


स्मार्ट क्लास संचालित करने का दावा करने वाले विद्यालयों में प्रोजेक्टर तो है, लेकिन न ही तो कहीं उन क्लासरूम में उस तरह का माहौल दिखा और न ही कहीं ऐसा कुछ जिससे ये साबित हो पाए कि वहां स्मार्ट क्लास होती भी है. सिकन्द्राबाद तहसील के मंडावर गांव के प्राथमिक स्कूल को भी स्मार्ट क्लास का तोहफा दिया गया था, लेकिन सच्चाई उसके इतर है. कक्षा में कहीं कोई उस तरह का माहौल ही नहीं है.
स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी कहते हैं कि पहले प्रोजेक्ट के जरिये कुछ दिन शुरुआत में पढ़ाई हुई भी, लेकिन उसके बाद अचानक से कुछ ही दिन बाद ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाई होने लगी. जो कि अब तक भी हो रही है. नन्हें ननिहाल मासूमियत से जवाब देते दिखे तो कहीं न कहीं उन्हें ये भी लग रहा था कि कहीं उनके अध्यापक सच बोलने पर बुरा न मान जाएं.


बच्चों को स्मार्ट क्लास में पढ़ाया तो जाता है, लेकिन बिना प्रोजेक्टर और अन्य आवश्यक उपकरणों के यानी सामान्य तरीके से. इतना ही नहीं स्मार्ट क्लास के लिए जो मानक तय हैं, वह भी क्लास में क्या पूरे विद्यालय में कहीं नजर नहीं आता. कहने को तो स्मार्ट क्लास बच्चों में बौद्धिक विकास करती हैं, लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं है.

undefined

छात्रों की बेहतरी के लिए स्मार्ट क्लास की शुरुआत जिले में हुई थी जरूर,लेकिन जहां हुई भी वहां भी अनियमितताओं और लापरवाहिओं के चलते विधार्थियों को फायदा तो नहीं होता दिख रहा,हालांकि इस बारे में मंडावरा प्राथमिक स्कूल की जिम्मेदार प्रधानाध्यपिका ये जरूर कहती नजर आ रही हैं कि स्मार्ट क्लास के लिए भी उन संसाधनों से ज्यादा अध्यापक का पढ़ाने का तरीका और ढंग ही सब कुछ है , यानी प्रधानाध्यपिका स्मार्ट क्लास के बारे में सफाई जरूर देती नजर आईं ,उनका कहना है कि तकनीकी खराबी है,प्रोजेक्टर खराब है ,और जल्द इसे ठीक कर लिया जाएगा,साथ ही वो ये भी मानती हैं कि फिलहाल उनके यहाँ स्मार्ट क्लास लिखा पढ़ी में है तो सही ,लेकिन फिलहाल छात्रों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.

Intro: बुलन्दशहर के भी परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास के नाम से शिक्षा देने का बीड़ा उठाया गया था,फिलहाल वह सिर्फ महज जुमला बनकर रह गया है,और जो दावे किए गए थे वो सिर्फ कागजों और फाइलों में दबकर रह गए हैं, ,डिजिटल इंडिया का लाभ छात्र छात्राओं को देने के लिए जिले में जो स्कूल चिन्हित किये गए थे, वहां की वास्तविकता कुछ और ही है, जो संसाधन कुछ प्राथमिक स्कूल में उपलब्ध कराए भी गए वो सिर्फ धूल फांकते देखे जा सकते हैं,जमीनी तौर पर स्मार्ट क्लास सिर्फ नाम को हैं ,जहां इन्हें सुचारू रूप से चलाने के दावे थे वो भी धराशाही हो गए हैं।इसी विषय पर पेश है बुलन्दशहर से ईटीवी की ये एक्सक्लुसिव खबर।



Body:बुलंदशहर जनपद के प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लासेस की घोषणा काफी पहले की गई थी पीपीपी मॉडल पर जिले के अफसरों ने कई परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चलाने की बातें कही थी,कवायदें भी हुईं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है ईटीवी ने इसकी पड़ताल की ।स्मार्ट क्लास संचालित करने का दावा करने वाले विद्यालयों में प्रोजेक्टर तो है,लेकिन न ही तो कहीं उन क्लासरूम में उस तरह का माहौल दिखा और न ही कहीं ऐसा कुछ जिससे ये साबित हो पाए कि वहां स्मार्ट क्लास होती भी है,ईटीवी ने सिकन्द्राबाद तहसील के मंडावर गांव का रूख किया ,क्योंकि यहां के प्राथमिक स्कूल को भी स्मार्ट क्लास का तोहफा दिया गया था, लेकिन सच्चाई उसके इतर थी कक्षा में कहीं कोई उस तरह का माहौल था ही नहीं, डिजिटल युग में छात्रों को आगे ले जाने के लाख दावे किए जाते हों,लेकिन असल तस्वीर कुछ और ही थी,स्कूल में पढ़ने वाले विधार्थी कहते हैं कि पहले प्रोजेक्ट के जरिये कुछ दिन शुरुआत में पढ़ाई हुई भी लेकिन उसके बाद अचानक से कुछ ही दिन बाद ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाई होने लगी ,जो कि अब तक भी हो रही है,नन्हे ननिहाल मासूमियत से जवाब देते दिखे तो कहीं न कहीं उन्हें ये भी लग रहा था कि कहीं उनके अध्यापक सच बोलने पर बुरा न मान जाएं। बच्चों को स्मार्ट क्लास में पढ़ाया तो जाता है,लेकिन बिन प्रोजेक्टर और अन्य आवश्यक उपकरणों के यानी सामान्य तरीके से, इतना ही नहीं स्मार्ट क्लास के लिए जो मानक तय है ऐसा भी उस क्लास में पूरे विद्यालय में कहीं नजर नहीं आता ।कहने को तो स्मार्ट क्लास बच्चों में बौद्धिक विकास करती है,बच्चे तेजी से चीजों को समझते हैं लेकिन ऐसा यहाँ नहीं हो पा रहा क्योंकि अब यहां ऐसे स्मार्ट क्लास लगती है नहीं है,

बाइट....छात्र ।

छात्रों की बेहतरी के लिए स्मार्ट क्लास की शुरुआत जिले में हुई थी जरूर,लेकिन जहां हुई भी वहां भी अनियमितताओं और लापरवाहिओं के चलते विधार्थियों को फायदा तो नहीं होता दिख रहा,हालांकि इस बारे में मंडावरा प्राथमिक स्कूल की जिम्मेदार प्रधानाध्यपिका ये जरूर कहती नजर आ रही हैं कि स्मार्ट क्लास के लिए भी उन संसाधनों से ज्यादा अध्यापक का पढ़ाने का तरीका और ढंग ही सब कुछ है , यानी प्रधानाध्यपिका स्मार्ट क्लास के बारे में सफाई जरूर देती नजर आईं ,उनका कहना है कि तकनीकी खराबी है,प्रोजेक्टर खराब है ,और जल्द इसे ठीक कर लिया जाएगा,साथ ही वो ये भी मानती हैं कि फिलहाल उनके यहाँ स्मार्ट क्लास लिखा पढ़ी में है तो सही ,लेकिन फिलहाल छात्रों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।

बाइट..अयाची त्यागी,प्रधानाध्यपिका, प्राथमिक स्कूल,मंडावरा,बुलन्दशहर।






Conclusion:फिलहाल जो बड़ा सवाल है वह यह है कि भले ही लाख कवायदें और कोशिश की जा रही हों, लेकिन महकमे के जिम्मेदार अफसर इस बात को झूठलाते और जांच करने का दावा वह भी कैमरे के पीछे फिलहाल करते देखे जा रहे हैं ,तो वहीं नुकसान सिर्फ और सिर्फ उन नन्हे नौनिहालों का हो रहा है जिन्हें उनके परिवार वाले इस उम्मीद से विद्यालय में भेज रहे हैं कि उनके बच्चों को बेहतर ढंग से शिक्षा मुहैया हो रही होगी।और नई तकनीकी के जरिये वो भी बेहतर सीख पा रहे होंगे ,आखिर वो कौन सी ऐसे वजह फिर बाकी बचती है जो इन स्कूल में आमजन अपने बच्चों को पढ़ाएं, अगर ऐसे ही सिर्फ खानापूर्ति के लिए महकमे की कवायदें होती हैं तो आखिर कैसे पढ़ेगा इंडिया और कैसे बढेगा इंडिया।

पीटीसी.....श्रीपाल तेवतिया ,
ईटीवी बुलंदशहर
92134 00888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.