बुलंदशहर: बुलंदशहर के बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जीतू फौजी समेत सात आरोपियों को जमानत दे दी है. बलवा और इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में जीतू फौजी समेत सात आरोपियों की जमानत अर्जी को कोर्ट ने पहले ही मंजूर कर लिया था, लेकिन सरकार ने राजद्रोह की धारा 124 A का संज्ञान लेने के बाद जमानत पर तत्काल रोक लगा दी थी.
अब राजद्रोह की धारा में जमानत मिलने के बाद जिन 7 आरोपियों के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. उनमें मुख्य रूप से महाव गांव का जितेंद्र उर्फ जीतू फौजी के अलावा सचिन, सौरव, छोटू, हेमू, कलवा और रोहित राघव का नाम शामिल है.
गोवशों के अवशेष मिलने पर भड़की थी हिंसा-
पिछले साल 3 दिसंबर को बुलंदशहर जिले के स्याना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत चिंगरावठी पुलिस चौकी के महाव गांव में गोवशों के अवशेष मिलने के बाद हिंसा भड़क गई थी. इसके बाद हिंसा में स्याना कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
- इंस्पेक्टर की हत्या से कुछ देर पूर्व चिंगरावठी गांव के नवयुवक सुमित की भी गोली लगने से मौत हो गयी थी. गुस्साए बावालियों ने पुलिस चौकी में आग लगा दी थी.
- चौकी के आसपास खड़े काफी वाहन भी आग के हवाले कर दिए गए थे. बाद में 4 दिसम्बर को भड़की हिंसा में 22 लोगों के खिलाफ एफआईआरदर्ज कराई गई थी.
- इसके बाद जो वीडियो वायरल हुए उनके आधार पर भी कई लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखे गए थे और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.
- फिलहाल इस मामले में अब तक कुल 42 आरोपी बुलंदशहर जेल में बंद हैं. जीतू फौजी को सेना ने एसआईटी को सौंपा था.
- जीतू फौजी समेत सात हिंसा के आरोपियों को जमानत मिलने के बाद बजरंगदल के जिला संयोजक योगेशराज समेत बीजेपी के स्याना नगर अध्यक्ष शिखर अग्रवाल के अधिवक्ताओं ने भी जमानत के लिए अपील की हुई है.
16 अगस्त और 19 अगस्त को इनके मामले में सुनवाई होनी है. जीतू फौजी समेत अन्य कई आरोपियों की तरफ से पैरवी कर रहे. अधिवक्ता संजय शर्मा का कहना है कि अब बाकी हिंसा के आरोपियों के लिए भी जमानत में आसानी हो सकती है.