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बुलंदशहर में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की शुरुआत

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Published : Dec 31, 2020, 11:07 PM IST

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जिला कृषि मौसम इकाई की ओर से ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की शुरुआत की गई है. इसके तहत किसानों को मौसम और कृषि से संबंधित जानकारी सप्ताह में दो बार दी जा रही है.

बुलंदशहर में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की शुरुआत
बुलंदशहर में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की शुरुआत

बुलंदशहरः जिला कृषि मौसम इकाई (DAMU)के अंतर्गत बुलंदशहर में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (GKMS) की शुरुआत की गई है. जिससे किसानों को मौसम के साथ कृषि से संबंधित जानकारी सप्ताह में दो दिन दी जा रही है. यह सेवा बुलंदशहर के हर ब्लॉक में दी जा रही है. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए हर ब्लॉक में व्हॉट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. सप्ताह में मंगलवार और शुक्रवार को किसानों को एडवाइजरी जारी की जाती है.

बुलंदशहर में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की शुरुआत.
सप्ताह में दो बार जारी की जाती है एडवाइजरी
कृषि मौसम वैज्ञानिक रामानंद पटेल ने बताया कि वहीं कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि विभाग ने ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की शुरुआत की गई है. यहां पर किसानों को मौसम के बारे में बताया जाता है. जिले के किसान कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचकर मौसम आधारित फसल के लिए परामर्श ले रहे हैं. जिले के किसानों को सप्ताह में दो बार मौसम और फसलों की जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही पशुपालकों को पशु पालन पर एडवाइजरी दी जाती है.

3 जनवरी तक रहे शीतलहर का प्रकोप
रामानंद पटेल ने बताया कि आगामी 3 जनवरी तक हमारे यहां का मौसम बदलाव होता रहेगा. उन्होंने बताया कि 3 जनवरी तक शीतलहर का प्रकोप चलेगा, जिसकी एडवाइजरी जारी की गई है. उन्होंने बताया कि एडवाइजरी जारी की गई है कि फसल को पाले से बचाने के लिए खेतों में हल्की सिंचाई करें और लगातार निगरानी करते रहें. वहीं पशुओं को ठंड से बचाने के लिए टाट बोरी को पशुशाला में बिछाने का प्रबंध करें. उन्होंने बताया कि बुलंदशहर में 16 ब्लॉक हैं, ज्यादातर यहां पर फार्मिंग होती है. हर ब्लॉक के प्रत्येक गांव में एक या दो ऐसे किसान हैं, जो हमारे मैसेज को पूरे गांव तक पहुंचा रहे हैं. इसके अलावा हर ब्लॉक का एक व्हाट्सएप ग्रुप हैं. इसमें सप्ताह में दो बार एडवाइजरी दी जाती है.

13 सौ से अधिक किसानों को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया
कृषि मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 13 सौ फार्मर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए हैं. किसानों के घर बैठे मौसम की जानकारी मिले इसके लिए भारतीय कृषि अनुदान परिषद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मिलकर मेघदूत एप लॉन्च किया है. उन्होंने बताया कि मेघदूत एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इस एप को डाउनलोड करने के बाद किसानों को मोबाइल नंबर और लोकेशन की जानकारी देनी पड़ेगी. इस एप में मौसम और कृषि से जुड़ी सभी जानकारियां उपल्बध हैं.

मेघदूत एप में मिलेंगी सभी जानकारी
डिजिटल इंडिया के तहत किसानो को इंटरनेट और तकनीक जोड़ने के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने MEGHDOOT एप लांच किया है. मेघदूत एप में किसानों को क्षेत्र के हिसाब से कृषि, उद्यान, पशुपालन आदि के लिए मौसम आधारित सलाह स्थानीय भाषा में मिलता है. एप में अधिकतम, न्यूनतम तापमान, अधिकतम और न्यूनतम आद्रता, वर्षा, आसमान की आस्तिथि, हवा की गति, हवा की दिशा के साथ ही नाउ कास्टिंग के तहत अलर्ट भी जारी की जाती है.

बुलंदशहरः जिला कृषि मौसम इकाई (DAMU)के अंतर्गत बुलंदशहर में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (GKMS) की शुरुआत की गई है. जिससे किसानों को मौसम के साथ कृषि से संबंधित जानकारी सप्ताह में दो दिन दी जा रही है. यह सेवा बुलंदशहर के हर ब्लॉक में दी जा रही है. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए हर ब्लॉक में व्हॉट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. सप्ताह में मंगलवार और शुक्रवार को किसानों को एडवाइजरी जारी की जाती है.

बुलंदशहर में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की शुरुआत.
सप्ताह में दो बार जारी की जाती है एडवाइजरी
कृषि मौसम वैज्ञानिक रामानंद पटेल ने बताया कि वहीं कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि विभाग ने ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की शुरुआत की गई है. यहां पर किसानों को मौसम के बारे में बताया जाता है. जिले के किसान कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचकर मौसम आधारित फसल के लिए परामर्श ले रहे हैं. जिले के किसानों को सप्ताह में दो बार मौसम और फसलों की जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही पशुपालकों को पशु पालन पर एडवाइजरी दी जाती है.

3 जनवरी तक रहे शीतलहर का प्रकोप
रामानंद पटेल ने बताया कि आगामी 3 जनवरी तक हमारे यहां का मौसम बदलाव होता रहेगा. उन्होंने बताया कि 3 जनवरी तक शीतलहर का प्रकोप चलेगा, जिसकी एडवाइजरी जारी की गई है. उन्होंने बताया कि एडवाइजरी जारी की गई है कि फसल को पाले से बचाने के लिए खेतों में हल्की सिंचाई करें और लगातार निगरानी करते रहें. वहीं पशुओं को ठंड से बचाने के लिए टाट बोरी को पशुशाला में बिछाने का प्रबंध करें. उन्होंने बताया कि बुलंदशहर में 16 ब्लॉक हैं, ज्यादातर यहां पर फार्मिंग होती है. हर ब्लॉक के प्रत्येक गांव में एक या दो ऐसे किसान हैं, जो हमारे मैसेज को पूरे गांव तक पहुंचा रहे हैं. इसके अलावा हर ब्लॉक का एक व्हाट्सएप ग्रुप हैं. इसमें सप्ताह में दो बार एडवाइजरी दी जाती है.

13 सौ से अधिक किसानों को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया
कृषि मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 13 सौ फार्मर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए हैं. किसानों के घर बैठे मौसम की जानकारी मिले इसके लिए भारतीय कृषि अनुदान परिषद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मिलकर मेघदूत एप लॉन्च किया है. उन्होंने बताया कि मेघदूत एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इस एप को डाउनलोड करने के बाद किसानों को मोबाइल नंबर और लोकेशन की जानकारी देनी पड़ेगी. इस एप में मौसम और कृषि से जुड़ी सभी जानकारियां उपल्बध हैं.

मेघदूत एप में मिलेंगी सभी जानकारी
डिजिटल इंडिया के तहत किसानो को इंटरनेट और तकनीक जोड़ने के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने MEGHDOOT एप लांच किया है. मेघदूत एप में किसानों को क्षेत्र के हिसाब से कृषि, उद्यान, पशुपालन आदि के लिए मौसम आधारित सलाह स्थानीय भाषा में मिलता है. एप में अधिकतम, न्यूनतम तापमान, अधिकतम और न्यूनतम आद्रता, वर्षा, आसमान की आस्तिथि, हवा की गति, हवा की दिशा के साथ ही नाउ कास्टिंग के तहत अलर्ट भी जारी की जाती है.

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