बुलंदशहर : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को विश्व का सिरमौर बनाने के लिए प्रचारकों को स्वावलंबी, सादगी से परिपूर्ण, त्यागपूर्ण, साधना, विश्वास और समर्पण वाला होना चाहिए, जिनके जीवन से प्रेरणा लेकर भारत में रामराज्य की स्थापना होगी. प्रचारकों की इसी छवि के चलते ही संघ का विस्तार हुआ है.
तीन दिवसीय प्रवास का अंतिम दिन
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शिकारपुर क्षेत्र के गांव खंडवाया स्थित रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर में अपने तीन दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन संघ के प्रचारकों के साथ संवाद किया. उन्होंने प्रचारकों से कहा कि संघ के प्रचारकों का जीवन पहले से सादगी पूर्ण, त्यागपूर्ण, विश्वास और समर्पण से परिपूर्ण रहा है, जिसके चलते समाज में उनकी छवि बेदाग रही है. वर्तमान समय में बहुत प्रकार की सुख सुविधाएं और अनेक प्रकार के साधन मिले हैं. यहां तक कि राजनीतिक आकर्षण भी अनेक प्रकार के मिले हैं, लेकिन प्रचारकों के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया है. उनका जीवन पहले की तरह सादगी पूर्ण, त्यागपूर्ण, विश्वास और समर्पण, प्रमाणिकता, परिश्रम से परिपूर्ण होना चाहिए. तभी देश के अंदर परिवर्तन आएगा. उन्होंने कहा कि भारत को विश्व में सिरमौर बनाने के लिए लोग प्रचारकों से प्रेरणा लेंगे और रामराज्य की स्थापना होगी.
वृंदावन के लिए किया प्रस्थान
संघ प्रमुख मोहन भागवत समीक्षा बैठकों के बाद वृंदावन के लिए रवाना हो गए. इस दौरान संघ के क्षेत्र सेवा प्रमुख गंगाराम, एसपी देहात हरेंद्र कुमार, एसडीएम वेदप्रिय आर्य, सीओ गोपाल सिंह, रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर के भूमिदानी राजपाल सिंह, प्रबंधक डीके शर्मा, अध्यक्ष शिवकुमार सैनी, कोषाध्यक्ष अशोक मित्तल आदि मौजूद रहे.